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CCSU में कुलपति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत लिए कई अहम फैसले, ये होंगे बदलाव

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Published : Jun 14, 2022, 10:01 PM IST

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में कुलपति की अध्यक्षता की महत्वपूर्ण बैठक के बाद कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. विश्वविद्यालय की तरफ से मंगलवार को 34 विभागों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार बनाए गए पाठ्यक्रमों को स्वीकृति प्रदान की गई है.

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चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय

मेरठः चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में कुलपति की अध्यक्षता की महत्वपूर्ण बैठक के बाद कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. अब संस्कृत विभाग में ज्योतिर्विज्ञान में डिप्लोमा ऑनलाइन मोड में और परिसर में ही फार्मेसी में स्नातक पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति प्रदान की गई है. वहीं, विश्वविद्यालय की तरफ से मंगलवार को 34 विभागों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार बनाए गए पाठ्यक्रमों को स्वीकृति प्रदान की गई है.

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में मंगलवार को विद्वत परिषद की एक बैठक कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में की गई. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए कई बड़े फैसले स्टूडेंट्स के लिए किए गए. वहीं, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत अध्ययन अध्यापन को लेकर कुछ अहम फैसले भी लिए गए. अब बीबीईएस कोर्स, जहां शारीरिक शिक्षा विभाग में इस साल से शुरू करने का निर्णय लिया गया है. वहीं, 34 विभागों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार बनाए गए पाठ्यक्रमों को स्वीकृति प्रदान की गई है.

बैठक में निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशानुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत विद्यार्थी अब 2 पाठ्यक्रमों में एक साथ अध्ययन कर सकेंगे. साथ ही ये भी निर्णय लिया गया कि ऑनलाइन कोर्सेज के अंतर्गत प्रमाण पत्र एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रम राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ तैयार किए जाएंगे. वहीं, यूजीसी के निर्देशानुसार उच्च स्तरीय ई-कंटेंट भी तैयार किए जाने का निर्णय लिया गया.

पढ़ेंः नैक 'A' ग्रेड पाने वाला UP का पहला राज्य विश्वविद्यालय बना MMMUT

इस मौके पर विश्वविद्यालय के संघटक कॉलेज जेवर स्थित महाविद्यालय में इसी वर्ष से कुछ पाठ्यक्रम शुरू किए जाने का निर्णय भी लिया गया. इनमें फिल्म, डिफेंस एंड स्टडीज और एविएशन से जुड़े पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे. साथ ही इन पाठ्यक्रमों को संचालित करने के लिए 12 सहायक आचार्य एक प्राचार्य नियुक्त करने का भी निर्णय लिया गया. विश्वविद्यालय परिसर स्थित एमबीए डिपार्टमेंट में एग्जीक्यूटिव एमबीए पाठयक्रम शुरू करने की स्वीकृति प्रदान की गई. इस महत्वपूर्ण बैठक में ये भी निर्णय लिया गया कि अब विश्वविद्यालय अप्लाइड माइक्रोबायोलॉजी की सीटों की संख्या 20 के स्थान पर 30 सीट रहेंगी. यानी दस का इजाफा किया गया है.

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मेरठः चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में कुलपति की अध्यक्षता की महत्वपूर्ण बैठक के बाद कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. अब संस्कृत विभाग में ज्योतिर्विज्ञान में डिप्लोमा ऑनलाइन मोड में और परिसर में ही फार्मेसी में स्नातक पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति प्रदान की गई है. वहीं, विश्वविद्यालय की तरफ से मंगलवार को 34 विभागों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार बनाए गए पाठ्यक्रमों को स्वीकृति प्रदान की गई है.

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में मंगलवार को विद्वत परिषद की एक बैठक कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में की गई. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए कई बड़े फैसले स्टूडेंट्स के लिए किए गए. वहीं, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत अध्ययन अध्यापन को लेकर कुछ अहम फैसले भी लिए गए. अब बीबीईएस कोर्स, जहां शारीरिक शिक्षा विभाग में इस साल से शुरू करने का निर्णय लिया गया है. वहीं, 34 विभागों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार बनाए गए पाठ्यक्रमों को स्वीकृति प्रदान की गई है.

बैठक में निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशानुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत विद्यार्थी अब 2 पाठ्यक्रमों में एक साथ अध्ययन कर सकेंगे. साथ ही ये भी निर्णय लिया गया कि ऑनलाइन कोर्सेज के अंतर्गत प्रमाण पत्र एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रम राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ तैयार किए जाएंगे. वहीं, यूजीसी के निर्देशानुसार उच्च स्तरीय ई-कंटेंट भी तैयार किए जाने का निर्णय लिया गया.

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इस मौके पर विश्वविद्यालय के संघटक कॉलेज जेवर स्थित महाविद्यालय में इसी वर्ष से कुछ पाठ्यक्रम शुरू किए जाने का निर्णय भी लिया गया. इनमें फिल्म, डिफेंस एंड स्टडीज और एविएशन से जुड़े पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे. साथ ही इन पाठ्यक्रमों को संचालित करने के लिए 12 सहायक आचार्य एक प्राचार्य नियुक्त करने का भी निर्णय लिया गया. विश्वविद्यालय परिसर स्थित एमबीए डिपार्टमेंट में एग्जीक्यूटिव एमबीए पाठयक्रम शुरू करने की स्वीकृति प्रदान की गई. इस महत्वपूर्ण बैठक में ये भी निर्णय लिया गया कि अब विश्वविद्यालय अप्लाइड माइक्रोबायोलॉजी की सीटों की संख्या 20 के स्थान पर 30 सीट रहेंगी. यानी दस का इजाफा किया गया है.

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