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किसान मित्र की नियुक्ति के नाम पर पैसे की वसूली, कृषि अधिकारी ने की छापेमारी - नियुक्ति के नाम पर पैसे की वसूली

मऊ में एपीएफओ के माध्यम से किसान मित्र की फर्जी नियुक्ति का मामला सामने आया है. जिसके बाद जिला कृषि अधिकारी ने छापेमारी कर जांच शुरु कर दी है.

किसान मित्र की नियुक्ति के नाम पर पैसे की वसूली.
किसान मित्र की नियुक्ति के नाम पर पैसे की वसूली.
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Published : Feb 5, 2021, 8:26 AM IST

मऊ : जिले के बलिया मोड़ के पास एक संदिग्ध संस्थान द्वारा एपीएफओ के माध्यम से किसान मित्र की नियुक्ति का मामला सामने आया है. यहां प्रति अभ्यर्थी से 15 हजार रुपए नगद भी लिए जा रहें हैं. इसकी सूचना जब कृषि विभाग को मिली तो जिला कृषि अधिकारी ने छापेमारी की. संदिग्ध संस्थान के कागजात और कर्मचारियों के विवरण लिए.

जिले के बलिया मोड़ पर किसान मित्र की नियुक्ति के नाम पर पैसे लिए जा रहे हैं. इसकी चर्चा जब कृषि विभाग को मिली तो छापेमारी की. वहीं अधिकारियों ने जब सदिंग्ध संस्थान से प्रमाणित पत्र मांग तो उन्होंने भारत सरकार की योजना के नाम पर कुछ कागजात दिए. लेकिन किस आधार पर नियुक्ति हो रही है, कहां से अनुमति मिली है, कहां और कैसे काम करना है. इस प्रकार की कोई भी जानकारी सही से किसान मित्र नियुक्ति करने वाले संस्थान के कर्मचारी और अधिकारी नहीं दे पाए.

कृषि अधिकारी उमेश कुमार ने बताया कि कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि बलिया मोड़ के पास किसान मित्र के नाम पर युवाओं की नियुक्ति की जा रही है. इसके साथ ही प्रति व्यक्ति 15 से 20 हजार रुपए भी लिए जा रहे हैं. सूचना के आधार पर जब छापेमारी की गई तो यहां पर ईपीएफओ के माध्यम से किसान मित्र नियुक्त करने की सूचना सही पाई गई. इसके बाद जांच के दौरान तमाम डॉक्यूमेंट और सूचनाएं एकत्रित किया गया, जिसकी जांच कराई जाएगी.

वही सेंटर पर मौजूद अभ्यर्थियों ने बताया कि अखबार में विज्ञापन के माध्यम से सूचना मिली थी कि ग्रामीण इलाकों में किसानों को जागरूक करने के लिए किसान मित्र की नियुक्ति की जा रही है. फोन पर यहां के लोगों ने बताया था कि 15 से 20 हजार की प्रति महीने मिलेगी और बलिया, आजमगढ़, गाजीपुर, मऊ सहित विभिन्न जिलों में तैनाती मिलेगी.

मऊ : जिले के बलिया मोड़ के पास एक संदिग्ध संस्थान द्वारा एपीएफओ के माध्यम से किसान मित्र की नियुक्ति का मामला सामने आया है. यहां प्रति अभ्यर्थी से 15 हजार रुपए नगद भी लिए जा रहें हैं. इसकी सूचना जब कृषि विभाग को मिली तो जिला कृषि अधिकारी ने छापेमारी की. संदिग्ध संस्थान के कागजात और कर्मचारियों के विवरण लिए.

जिले के बलिया मोड़ पर किसान मित्र की नियुक्ति के नाम पर पैसे लिए जा रहे हैं. इसकी चर्चा जब कृषि विभाग को मिली तो छापेमारी की. वहीं अधिकारियों ने जब सदिंग्ध संस्थान से प्रमाणित पत्र मांग तो उन्होंने भारत सरकार की योजना के नाम पर कुछ कागजात दिए. लेकिन किस आधार पर नियुक्ति हो रही है, कहां से अनुमति मिली है, कहां और कैसे काम करना है. इस प्रकार की कोई भी जानकारी सही से किसान मित्र नियुक्ति करने वाले संस्थान के कर्मचारी और अधिकारी नहीं दे पाए.

कृषि अधिकारी उमेश कुमार ने बताया कि कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि बलिया मोड़ के पास किसान मित्र के नाम पर युवाओं की नियुक्ति की जा रही है. इसके साथ ही प्रति व्यक्ति 15 से 20 हजार रुपए भी लिए जा रहे हैं. सूचना के आधार पर जब छापेमारी की गई तो यहां पर ईपीएफओ के माध्यम से किसान मित्र नियुक्त करने की सूचना सही पाई गई. इसके बाद जांच के दौरान तमाम डॉक्यूमेंट और सूचनाएं एकत्रित किया गया, जिसकी जांच कराई जाएगी.

वही सेंटर पर मौजूद अभ्यर्थियों ने बताया कि अखबार में विज्ञापन के माध्यम से सूचना मिली थी कि ग्रामीण इलाकों में किसानों को जागरूक करने के लिए किसान मित्र की नियुक्ति की जा रही है. फोन पर यहां के लोगों ने बताया था कि 15 से 20 हजार की प्रति महीने मिलेगी और बलिया, आजमगढ़, गाजीपुर, मऊ सहित विभिन्न जिलों में तैनाती मिलेगी.

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