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मऊ: सऊदी सरकार के खिलाफ ताजिया कमेटी के लोगों का प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में ताजिया कमेटी के लोगों ने कलेक्ट्रेट पर जन्नत-उल-बकी मजार को सऊदी सरकार द्वारा तोड़े जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया. उन्होंने ज्ञापन सौंपते हुए केन्द्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की.

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सऊदी सरकार के खिलाफ ताजिया कमेटी के लोगों का प्रदर्शन
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Published : Jun 3, 2020, 7:05 AM IST

मऊ: जन्नत-उल-बकी मजार को सऊदी सरकार द्वारा तोड़े जाने के खिलाफ मंगलवार को ताजिया कमेटी के लोगों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने सऊदी सरकार के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की. इसके साथ ही केन्द्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप कर जन्नत-उल-बकी में पैगम्बर साहब की बेटी हजरत फातिमा, उनकी पत्नियों, साथियों और इमामों की कब्रों का पुनर्निर्माण की मांग की.

प्रदर्शन में शामिल ताजिया कमेटी के जिला महामंत्री मकसूद खां ने कहा कि सऊदी सरकार का हजरत मुहम्मद साहब की बेटी की कब्र को ध्वस्त करना, हजरत फातिमा की दूसरी शहादत है. सऊदी सरकार का बस चले तो वह हजरत मोहम्मद साहब की कब्र भी गिरा दे. मुस्लिम देश होते हुए भी सऊदी सरकार इजरायल और अमेरिका की इबादत करती है.

उन्होंने कहा कि सन् 1891 में सउदी हुकूमत ने पैगम्बर साहब की बेटी के मजार को गिरा दिया था. उसके बाद से ही यह क्रम जारी है. इसके लिए मांग पत्र दिया जा रहा है, लेकिन सउदी हुकूमत सुन नहीं रही है. इसलिए हम लोग चाहते हैं कि उनकी समाधि को दरगाह यानी रौजा के रूप में स्थापित किया जाए. हम हिन्दुस्तान की सरकार से मांग करते हैं कि वह सउदी सरकार पर दबाव बनाए ताकि यह मांग जल्दी पूरा हो.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन: सोशल डिस्टेंस के लिए मऊ न्यायालय परिसर में अपनाई ये तरकीब

मऊ: जन्नत-उल-बकी मजार को सऊदी सरकार द्वारा तोड़े जाने के खिलाफ मंगलवार को ताजिया कमेटी के लोगों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने सऊदी सरकार के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की. इसके साथ ही केन्द्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप कर जन्नत-उल-बकी में पैगम्बर साहब की बेटी हजरत फातिमा, उनकी पत्नियों, साथियों और इमामों की कब्रों का पुनर्निर्माण की मांग की.

प्रदर्शन में शामिल ताजिया कमेटी के जिला महामंत्री मकसूद खां ने कहा कि सऊदी सरकार का हजरत मुहम्मद साहब की बेटी की कब्र को ध्वस्त करना, हजरत फातिमा की दूसरी शहादत है. सऊदी सरकार का बस चले तो वह हजरत मोहम्मद साहब की कब्र भी गिरा दे. मुस्लिम देश होते हुए भी सऊदी सरकार इजरायल और अमेरिका की इबादत करती है.

उन्होंने कहा कि सन् 1891 में सउदी हुकूमत ने पैगम्बर साहब की बेटी के मजार को गिरा दिया था. उसके बाद से ही यह क्रम जारी है. इसके लिए मांग पत्र दिया जा रहा है, लेकिन सउदी हुकूमत सुन नहीं रही है. इसलिए हम लोग चाहते हैं कि उनकी समाधि को दरगाह यानी रौजा के रूप में स्थापित किया जाए. हम हिन्दुस्तान की सरकार से मांग करते हैं कि वह सउदी सरकार पर दबाव बनाए ताकि यह मांग जल्दी पूरा हो.

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