मथुरा/कौशांबी: उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा प्राथमिक विद्यालय की कक्षा 5 में हिंदी की किताब में छापे गए राष्ट्रगान से कुछ शब्द गायब हैं. राष्ट्रगान से उत्कल बंग शब्द गायब होने के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. कौशांबी में बांटी गई किताब में मिली गड़बड़ी के बाद वहां के BSA ने कहा कि यह किताब मथुरा की एक प्रिंटिंग प्रेस में छपी हो सकती है, जिसमें प्रिंटिंग मिस्टेक हो.
दरअसल, जिस किताब में राष्ट्रगान शब्द छपा है उसका नाम 'वाटिका' है. यह कक्षा 5 में पढ़ाई जाती है. इस किताब के आखिरी पेज पर राष्ट्रगान लिखा हुआ है. इसमें पंजाब-सिंधु-गुजरात-मराठा के बाद उत्कल बंग शब्द नहीं हैं. फिर सीधे पांचवी लाइन विंध्य-हिमाचल-यमुना- गंगा से शुरू है. गौरतलब है कि ये गलती एक-दो किताबों में नहीं बल्कि ढाई लाख से ज्यादा किताबों में है.
मथुरा की प्रिंटिंग प्रेस में छपी किताब
5 की हिंदी की वाटिका नामक यह किताब मथुरा के प्रमोद प्रिंटर के यहां पब्लिश हुई, जिसका विवरण किताब पर दर्ज है. जब इस प्रिंटिंग प्रेस की तलाश की तो यह प्रेस मथुरा के मसानी इलाके में स्थित मोक्ष धाम के नजदीक मिली. यहां इसके मालिक प्रमोद गुप्ता ने बताया कि उनके द्वारा केवल इसका कवर पेज छापा गया है.
मथुरा में विभाग द्वारा 15 लाख किताब छापने का ऑर्डर दिया गया. इसमें से ढाई लाख किताब में यह मिस प्रिंटिंग हुई है जब इस गलती की जानकारी हुई और पता किया गया कि यह गलती किताबों में हुई तब पता चला कि यह मिस प्रिंट ढाई लाख किताबों में हुआ है. फिलहाल इस गलती को दूर करने के लिए प्रिंटिंग प्रेस के लोग उस शब्द के स्टीकर छाप रहे हैं.
प्रिंटर्स मालिक प्रमोद गुप्ता ने बताया कि उन्होंने पूरी किताब नहीं छापी है. केवल कवर पेज ही छापा था. यह ऑर्डर उनको बेसिक शिक्षा विभाग से नहीं बल्कि मथुरा के ही दूसरे प्रिंटर हाई टेक प्रिंटर ने दिया था, जिसके बाद वहां से प्लेट आई. जिसे छाप दिया गया. किताब में हुई गलती को दूर करने के लिए अब उत्कल बंग लिखे शब्द के स्टीकर छापे जा रहे हैं. जिन्हें उस जगह लगा दिया जाएगा. जहां से मिस प्रिंट हुए हैं.
कौशांबी में किताब को लेकर विपक्ष का हंगामा
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशांबी में परिषदीय विद्यालयों का नया सत्र अप्रैल 2022 से शुरू हो गया था. सत्र शुरू होने के लगभग 4 महीने बाद छात्रों को किताबें उपलब्ध कराई गई, लेकिन किताबों में बड़ी खामियां कर दी गई. कक्षा 5 की किताब में राष्ट्रगान की पंक्तियों से उत्कल और बंग शब्द गायब हो गया है. इसको लेकर विपक्ष अब सरकार पर हावी हो रहा है. हालांकि बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि प्रिंटिंग के दौरान गड़बड़ी हुई है. उच्च अधिकारियों से शिकायत कर इस गड़बड़ी को दुरुस्त करवाया जा रहा है. वहीं, कांग्रेसी इसे मुद्दा बनाकर भाजपा के खिलाफ आंदोलन करने की बात कह रहे है. जबकि बीएसए प्रकाश सिंह ने उत्कल और बंग राज्य के गायब होने का कारण प्रिटिंग के दौरान हुई चूक बताया है.
जिले के 8 ब्लाकों में कुल 1,089 परिषदीय विद्यालय हैं. परिषदीय विद्यालय में सत्र तो अप्रैल महीने में सही समय पर शुरू हो गया था, लेकिन पुस्तकें कई महीने बीतने के बाद भी नहीं आई. कुछ दिन पहले शासन से मुख्यालय आई पाठ्य पुस्तकों का वितरण कराया गया. नई पाठ्य-पुस्तक पाकर बच्चों के चेहरे खिल उठे. नई किताबों के आकर्षण से बच्चों में शिक्षा के प्रति नई ऊर्जा का संचार हुआ, लेकिन पाठ्य-पुस्तकों के पीछे छपी राष्ट्रगान की पक्तियां देख बच्चे अभिभावक और अध्यापक दंग रह गए.
दरअसल, पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए हिंदी विषय में 'वाटिका' पुस्तक संचालित है. इस पुस्तक के कवर पेज के पीछे पर राष्ट्रगान लिखा है, जो अधूरा है. राष्ट्रगान की तीसरी लाइन पंजाब-सिंध-गुजरात-मराठा-द्राविड़... इसके बाद की लाइन नहीं है. इसके बाद सीधे पांचवीं लाइन विंध्य- हिमाचल-यमुना-गंगा... से शुरू है. यह गलती एक-दो किताबों में नहीं, बल्कि पांचवीं की सभी किताबों में है. इसकी जानकारी बच्चों ने शिक्षकों को दिया तो हड़कंप मच गया. शिक्षकों ने मामले की जानकारी बीएसए को दी. गलती की जानकारी मिलते ही इस पर राजनीति शुरू हो गई.
कांग्रेस नेता इसे भारतीय जनता पार्टी सरकार की सोची समझी राजनीति का हिस्सा बता रही है. कांग्रेस जिलाध्यक्ष अरुण विद्यार्थी ने बताया कि भाजपा बंगाल की हार का दर्द भुला नहीं पा रही है. इस कारण उसने राष्ट्रगान की पंक्तियों से उत्कल और बंग राज्य का नाम जान-बूझ कर नहीं छपवाया. वह इस पर आंदोलन चलाएंगे.
बीएसए प्रकाश सिंह ने बताया कि यह मिस प्रिंटिंग है. प्रकाशन के दौरान ही गड़बड़ी हुई है. इसे दुरुस्त कराने के लिए उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा. जल्द ही इसे दुरुस्त कराया जाएगा. यह मानवीय भूल के कारण हुआ है. जानबूझकर किसी ने गलती नहीं की है.
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