मथुरा : हमारे भारत वर्ष में फाल्गुन के महीने में बड़ी धूम-धाम से होली मनाई जाती है. कहीं रंगों की होली, तो कहीं फूलों की होली से पूरा माहौल सराबोर रहता है. बृज धाम की होली का महत्व ही कुछ और है. जिसका आनंद लेने के लिए श्रद्धालु देश के हर कोने से आते हैं.
कान्हा की नगरी की होली देश के साथ-साथ विदेश में भी प्रसिद्ध है. मथुरा में कान्हा के साथ होली खेलने के लिए लोग देश और विदेशों से भी आते हैं. मथुरा की होली का अपना एक अलग ही महत्व है. हर कोई चाहता है कि वह कान्हा की नगरी में आकर होली खेले. जिसके लिए होली से काफी दिन पहले से ही लोग मथुरा में आना शुरू हो जाते हैं.
सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालुओं ने गिरिराज पूजा अर्चना के उपरांत सप्त कोसी परिक्रमा में जमकर अबीर गुलाल उड़ाया. जिसमें समूचा परिक्रमा मार्ग केसरिया हो गया.
ब्रज की होली में प्रेम और भक्ति के रंग
- ब्रजवासी जहां भगवान श्रीकृष्ण के प्रेम में मग्न दिखाई देते हैं, वहीं बाहर से आए श्रद्धालु भी भक्ति-भाव में डूब जाते हैं.
- ब्रज में खेली जाने वाली होली में प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है.
- फूलों और अन्य प्राकृतिक पदार्थों से बनाए गए रंगों के उपयोग से होली की मर्यादा बनी रहती है और आनंद बढ़ जाता है.
- ब्रज की होली, होली से काफी दिन पहले से ही शुरू हो जाती है.
- इस होली को मनाने के लिये कोने-कोने से लोग कान्हा की नगर मथुरा में पहुंचना शुरू हो जाते हैं.
- हर व्यक्ति चाहता है कि वह मथुरा में आकर कान्हा के साथ होली खेले.
इसी श्रंखला में तीर्थ स्थल गोवर्धन धाम इस समय होली रंग में रंगा नजर आ रहा है. सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालु स्वपोषी प्रकरण में में जमकर होली खेल रहे हैं.