मथुरा: सोने चांदी के सिंहासन पर विराजमान, सिर पर मोर मुकुट, शरीर पर लहंगा, कमर में वंशी और सफेद वस्त्र धारण करें बांके बिहारी जी विशेष दर्शन भक्तों को दे रहे हैं. जी हां शरद पूर्णिमा के अवसर पर वृंदावन बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई है. वर्ष में एक दिन शरद पूर्णिमा पर्व पर बांके बिहारी जी के विशेष दर्शन का सौभाग्य श्रद्धालुओं को मिलता है. इसके मद्देनजर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए हैं. मंदिर में भक्तों की भीड़ नहीं जुटने दी जा रही है.
शरद पूर्णिमा के अवसर पर वृंदावन बांके बिहारी मंदिर में ठाकुर जी श्रद्धालुओं को अद्भुत दर्शन देते हुए नजर आ रहे हैं. पूरा मंदिर प्रांगण श्वेत रंग से सजा हुआ है. ठाकुर जी भी सोने चांदी से बने हुए सिंहासन में विराजमान होकर सिर पर मोर मुकुट, कमर में बंसी और लहंगा व सफेद रंग के वस्त्र धारण करके भक्तों को दर्शन दे रहे हैं. मंदिर प्रांगण में जिला प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं.
शरद पूर्णिमा के दिन बांके बिहारी जी श्वेत वस्त्र धारण करके भक्तों को वर्ष में एक दिन विशेष दर्शन देते हैं. चंद्रमा की चांदनी रात में ठाकुर जी को चांदी की कटोरी में चांदी की चम्मच से भोग लगाया जाता है. श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने सुबह और शाम एक घंटे अतिरिक्त दर्शन खोलने का समय बढ़ाया है.
वैसे तो रोज बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है लेकिन तीज त्यौहार पर दूर-दराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं, जिसके चलते जिला प्रशासन ने मंदिर प्रांगण और कुंज गलियों में श्रद्धालुओं के आवागमन को लेकर खास इंतजाम किए हैं. मंदिर परिसर के गेट नंबर 1, 2 से एंट्री द्वार और तीन और चार से निकासी द्वार बनाया गया है. वहीं, कुंज गलियों में पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं ताकि एक ही स्थान पर श्रद्धालुओं की भीड़ न बढ़ सके. टुकड़ियों में श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है.
वहीं, शुभम गोस्वामी ने बताया कि शरद पूर्णिमा का पर्व मंदिर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. बांके बिहारी जी सफेद वस्त्र धारण करके अपने भक्तों को विशेष दर्शन देते हैं. शरद पूर्णिमा की रात चांदनी रात में ठाकुर जी को खीर का भोग लगाया जाता है. इस बार न्यायालय के आदेश पर श्रद्धालुओं के लिए दर्शन का समय सुबह और शाम को एक-एक घंटा अतिरिक्त बढ़ा दिया गया है ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो.
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