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मथुरा: जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव का सियासी समीकरण, जाने कौन है किंग मेकर

मथुरा में जिला पंचायत अध्यक्ष सीट को लेकर त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है. दरअसल, जिले में जिला पंचायत सदस्य की संख्या 33 है. इन सीटों में सबसे ज्यादा 13 सीट बीएसपी के पास हैं तो बीजेपी और आरएलडी के खाते में 8 सीटें हैं, जबकि सपा को मात्र 1 और तीन निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं. अब ऐसे में पार्टी नेता अपनी अपनी गणित लगा कर जीत के दावे कर रहे हैं. जबकि कुछ राजनीतिक जानकार बीएसपी को किंग मेकर की भूमिका में देख रहे हैं. सियासी गलियारे में सुगबुगाहट यह भी है कि कुछ पार्टियां तो जिला पंचायत सदस्य की बोली भी लगनी शुरू कर चुकी हैं.

जिला पंचायत अध्यक्ष का सियासी समीकरण
जिला पंचायत अध्यक्ष का सियासी समीकरण
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Published : Jun 24, 2021, 4:20 PM IST

मथुरा: जनपद में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर घमासान मचा हुआ है. जिले में त्रिकोणीय मुकाबला होने के कारण बीएसपी किंग मेकर की भूमिका निभा रही है. बीजेपी का गढ़ होने के बाद भी पार्टी जादुई आंकड़ा नहीं छू पाई. बीजेपी और आरएलडी ने अपने प्रत्यासी घोषित किये हैं, लेकिन बीएसपी ने प्रत्यासी अभी तक मैदान में नहीं उतारा हैं. 26 जून को नामांकन होना है और तीन जुलाई को मतदान के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष घोषित किया जाएगा.

जिला पंचायत अध्यक्ष का सियासी समीकरण
बीजेपी का गढ़


मथुरा धार्मिक स्थल तो है ही साथ ही मथुरा राजनितिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. यहां बीजेपी सांसद हेमा मालिनी तो हैं हीं, साथ ही दो कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा और चौधरी लक्ष्मी नारायण सहित बीजेपी के दो विधायक भी हैं. फिरभी जिला पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य केवल आठ ही जीत पाए जबकि 25 सीटें विपक्ष के खाते में गईं. जिले में 26 जून को नामांकन होना है. तो वहीं तीन जुलाई को जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए मतदान होगा और अध्यक्ष घोषित किया जाएगा.



बीएसपी किंग मेकर की भूमिका में


जिला पंचायत अध्यक्ष सीट को लेकर जिले में त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है. जिसमें बीएसपी किंग मेकर की भूमिका में नजर आ रही है. क्योंकि जिले में जिला पंचायत सदस्य की संख्या 33 है. पंचायत चुनाव में बीजेपी को आठ, आरएलडी को आठ, बीएसपी के 13, सपा के एक और तीन निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं. जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए किसी भी पार्टी को सत्रह का समर्थन चाहिए. तब जाकर पार्टी अपना जिला पंचायत अध्यक्ष बनाएगी. फिलहाल बीएसपी दो खेमे में बटी हुई है. एक तो मांट विधानसभा सीट से सात बार बीएसपी विधायक रहे श्याम सुंदर शर्मा जिनके संपर्क में 13 मे से आठ जिला पंचायत सदस्य हैं. वही दूसरी तरफ गोवर्धन विधानसभा सीट से बीएसपी पूर्व विधायक राजकुमार रावत के संपर्क में पांच सदस्य. अभी किसी ने भी पत्ते नहीं खोले है कि इस पार्टी को समर्थन देने जा रहे हैं.

BJP और RLD ने घोषित किए प्रत्याशी


जनपद में जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने वरिष्ठ नेता और केएम मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन किशन सिंह चौधरी को जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्यासी घोषित किया है. दूसरी तरफ राष्ट्रीय लोकदल ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र सिकरवार को प्रत्याशी घोषित किया है. जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए राजनीतिक पार्टियां जोरतोड़ में लगे हुई है.

जिला पंचायत सदस्य की बोली लगनी शुरू


जनपद में जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए राजनितिक पार्टियां किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं. जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीते प्रत्याशियों की बोली लगना शुरु हो चुकी है. जानकार सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि जिला पंचायत सदस्यों को खरीदने के लिए 80 लाख रुपए से लेकर एक करोड़ रुपए तक की बोली लगाई जा रही हैं. क्योंकि किसी भी पार्टी को पूर्ण समर्थन नहीं मिल पाया. जिसके चलते राजनीतिक पार्टियां सदस्यों खरीद फरोख्त करने के लिए लगी हुई.


चुनावों को लेकर राष्ट्रीय लोक दल के जिलाध्यक्ष राम रसपाल पोनिया ने बताया जनपद में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र सिकरवार को प्रत्यासी बनाया गया है. जिला पंचायत चुनाव में बीजेपी के केवल आठ सदस्य जीते हैं. 25 सदस्य विपक्ष के जीत कर आए हैं. आम जनता बीजेपी से नाखुश है, बढ़ती हुई महंगाई, बेरोजगारी, गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों ने वोट दिया है. आरएलडी के संपर्क में कई जिला पंचायत सदस्य हैं. 3 जुलाई को राष्ट्रीय लोकदल का जिला पंचायत अध्यक्ष बनेगा. फोन पर बीजेपी जिला अध्यक्ष मधु शर्मा ने बताया जिला पंचायत अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी का होगा. दस से ज्यादा जिला पंचायत सदस्य भाजपा के संपर्क में हैं. भाजपा ने सबका साथ सबका विकास किया है. अध्यक्ष भी भारतीय जनता पार्टी का ही बनेगा.

मथुरा: जनपद में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर घमासान मचा हुआ है. जिले में त्रिकोणीय मुकाबला होने के कारण बीएसपी किंग मेकर की भूमिका निभा रही है. बीजेपी का गढ़ होने के बाद भी पार्टी जादुई आंकड़ा नहीं छू पाई. बीजेपी और आरएलडी ने अपने प्रत्यासी घोषित किये हैं, लेकिन बीएसपी ने प्रत्यासी अभी तक मैदान में नहीं उतारा हैं. 26 जून को नामांकन होना है और तीन जुलाई को मतदान के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष घोषित किया जाएगा.

जिला पंचायत अध्यक्ष का सियासी समीकरण
बीजेपी का गढ़


मथुरा धार्मिक स्थल तो है ही साथ ही मथुरा राजनितिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. यहां बीजेपी सांसद हेमा मालिनी तो हैं हीं, साथ ही दो कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा और चौधरी लक्ष्मी नारायण सहित बीजेपी के दो विधायक भी हैं. फिरभी जिला पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य केवल आठ ही जीत पाए जबकि 25 सीटें विपक्ष के खाते में गईं. जिले में 26 जून को नामांकन होना है. तो वहीं तीन जुलाई को जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए मतदान होगा और अध्यक्ष घोषित किया जाएगा.



बीएसपी किंग मेकर की भूमिका में


जिला पंचायत अध्यक्ष सीट को लेकर जिले में त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है. जिसमें बीएसपी किंग मेकर की भूमिका में नजर आ रही है. क्योंकि जिले में जिला पंचायत सदस्य की संख्या 33 है. पंचायत चुनाव में बीजेपी को आठ, आरएलडी को आठ, बीएसपी के 13, सपा के एक और तीन निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं. जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए किसी भी पार्टी को सत्रह का समर्थन चाहिए. तब जाकर पार्टी अपना जिला पंचायत अध्यक्ष बनाएगी. फिलहाल बीएसपी दो खेमे में बटी हुई है. एक तो मांट विधानसभा सीट से सात बार बीएसपी विधायक रहे श्याम सुंदर शर्मा जिनके संपर्क में 13 मे से आठ जिला पंचायत सदस्य हैं. वही दूसरी तरफ गोवर्धन विधानसभा सीट से बीएसपी पूर्व विधायक राजकुमार रावत के संपर्क में पांच सदस्य. अभी किसी ने भी पत्ते नहीं खोले है कि इस पार्टी को समर्थन देने जा रहे हैं.

BJP और RLD ने घोषित किए प्रत्याशी


जनपद में जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने वरिष्ठ नेता और केएम मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन किशन सिंह चौधरी को जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्यासी घोषित किया है. दूसरी तरफ राष्ट्रीय लोकदल ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र सिकरवार को प्रत्याशी घोषित किया है. जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए राजनीतिक पार्टियां जोरतोड़ में लगे हुई है.

जिला पंचायत सदस्य की बोली लगनी शुरू


जनपद में जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए राजनितिक पार्टियां किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं. जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीते प्रत्याशियों की बोली लगना शुरु हो चुकी है. जानकार सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि जिला पंचायत सदस्यों को खरीदने के लिए 80 लाख रुपए से लेकर एक करोड़ रुपए तक की बोली लगाई जा रही हैं. क्योंकि किसी भी पार्टी को पूर्ण समर्थन नहीं मिल पाया. जिसके चलते राजनीतिक पार्टियां सदस्यों खरीद फरोख्त करने के लिए लगी हुई.


चुनावों को लेकर राष्ट्रीय लोक दल के जिलाध्यक्ष राम रसपाल पोनिया ने बताया जनपद में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र सिकरवार को प्रत्यासी बनाया गया है. जिला पंचायत चुनाव में बीजेपी के केवल आठ सदस्य जीते हैं. 25 सदस्य विपक्ष के जीत कर आए हैं. आम जनता बीजेपी से नाखुश है, बढ़ती हुई महंगाई, बेरोजगारी, गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों ने वोट दिया है. आरएलडी के संपर्क में कई जिला पंचायत सदस्य हैं. 3 जुलाई को राष्ट्रीय लोकदल का जिला पंचायत अध्यक्ष बनेगा. फोन पर बीजेपी जिला अध्यक्ष मधु शर्मा ने बताया जिला पंचायत अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी का होगा. दस से ज्यादा जिला पंचायत सदस्य भाजपा के संपर्क में हैं. भाजपा ने सबका साथ सबका विकास किया है. अध्यक्ष भी भारतीय जनता पार्टी का ही बनेगा.

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