महराजगंज: जिले में पैदल और साइकिल से अपने घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों को जिला प्रशासन द्वारा स्क्रीनिंग कर 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन किया जा रहा है. साथ ही उनके रहने खाने पीने की पूरी व्यवस्था करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत जिले के विभिन्न क्वारंटाइन सेन्टर में कुछ और ही बयां कर रही है.
मजदूर पहुंच रहे हैं घर
जिले में लाॅकडाउन के दौरान विभिन्न प्रदेशों में फंसे प्रवासी मजदूर साइकिल से और पैदल ही घर पहुंचने के लिए जान की बाजी लग रहे हैं. बता दें कि देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के सरकार ने द्वारा लाॅकडाउन की समय सीमा बढ़ा दी है. ऐसे में अन्य प्रदेशों में फंसे प्रवासी मजदूर जैसे- तैसे अब घर आने लगे हैं.
क्वारंटाइन सेंटर में नहीं है अच्छी व्यवस्था
कोरोना संक्रमण के फैलने के डर से प्रवासी मजदूरों को उनके गांव से पहले ही रास्ते में रोक कर क्वारंटाइन तो किया जा रहा है, लेकिन यहां क्वारंटाइन सेंटर में व्यवस्थाओं का जमीनी हकीकत कुछ और ही है. बता दें कि तमाम क्वारंटाइन सेन्टर में रहने लोगों के लिए खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. साथ ही ऐसे तमाम लोग हैं जो अपने घरों का खाना मगा कर खा रहे हैं.
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जिलाधिकारी डॉक्टर उज्जवल कुमार ने बताया कि जिले में शुक्रवार को कुल 9 बसों से 195 लोग और साइकिल से चार लोग आए. जिनका आवश्यक चिकित्सकीय परिक्षण करा कर संबंधित ब्लाकों में उनको पहुंचा दिया गया है.