लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने अपने संगठन की कमान युवाओं को देने का बड़ा फैसला लिया है. बीजेपी के संगठनात्मक चुनाव के अंतर्गत जिलाध्यक्षों के होने वाले 20 नवंबर के चुनाव में इसकी झलक भी दिखाई देगी. पार्टी ने यह तय किया है कि जिलाध्यक्षों की आयु सीमा अधिकतम 55 वर्ष हो. वहीं ज्यादातर मामलों में 40 से 50 आयु वर्ग के पार्टी कार्यकर्ताओं को ही जिलाध्यक्ष के रूप में चुने जाने की रणनीति बनाई गई है.
उत्तर प्रदेश में होने वाले 2022 विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने युवाओं पर बड़ा दांव लगाने का फैसला लिया है. पार्टी संगठन के होने वाले चुनाव में इसकी झलक भी दिखाई देने वाली है. इस चुनाव में पार्टी ने तय किया है कि जिलाध्यक्षों के चुनाव में युवाओं को अधिक से अधिक तवज्जो दी जाएगी. इसके लिए बाकायदा पार्टी नेतृत्व ने आयु सीमा भी निर्धारित कर दी है. 50 वर्ष तक के कार्यकर्ताओं को जिलाध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी दी जानी है. वहीं अगर कहीं कोई अच्छा कार्यकर्ता 55 साल का होगा तब ही उसे जिलाध्यक्ष के लिए चुना जाएगा.
इसे भी पढ़ें- बीजेपी ने AIMPLB के फैसले पर उठाए सवाल, कहा- ये तो पक्षकार भी नहीं हैं
भारतीय जनता पार्टी के संगठन चुनाव के अंतर्गत इससे पहले मंडल इकाइयों के चुनाव और उससे पहले बूथ समितियों के निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी हुई थी. जिलाध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है और 20 नवंबर को 98 जिलों में बीजेपी के जिलाध्यक्षों का निर्वाचन किया जाना है. इसके साथ ही 20 नवंबर को प्रांतीय परिषद के सदस्यों का भी निर्वाचन होना है. प्रत्येक विधानसभा से एक पार्टी कार्यकर्ता को प्रांतीय परिषद का सदस्य निर्वाचित कराया जाना है.