लखनऊः यूपी विधानसभा चुनाव का रण अब खत्म हो चुका है. अब यूपी की जनता नतीजों के लिए 10 मार्च का इंतजार कर रही है. बात करें यूपी के सेंट्रल क्षेत्र की तो यहां के 64 विधानसभा सीटों पर 2017 में बीजेपी ने 45 सीटों पर अपना परचम लहराया था. बात करें इस क्षेत्र के हॉट सीटों की, तो इसमें करहल, फर्रुखाबाद, कन्नौज, जसवंतनगर, इटावा और सादाबाद सीटें आती हैं.
यूपी सेंट्रल की की हॉट सीटेंः
करहल
फर्रुखाबाद
कन्नौज
जसवंतनगर
खास है इस क्षेत्र के समीकरणः
ये इलाका कई वजहों से भी काफी अहम और देश की राजनीति को प्रभावित करने का माद्दा रखता है. ऐसा यूं ही नहीं कहा जा रहा है. दरअसल देश की सियासत में दबदबा रखने वाला सियासी घराना यानी मुलायम सिंह यादव का कुनबा इसी क्षेत्र से आता है. उनके बेटे मैनपुर के करहल सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, इसके साथ ही उनके भाई शिवपाल सिंह यादव जसवंतनगर मध्य से अपनी किस्मत अजमा रहे हैं.
मध्य क्षेत्रों में मुद्दे रहे हावीः
बात करें इस क्षेत्र की तो सबसे बड़ा कानपुर का बिकरू कांड रहा. जहां एक ही रात में विकास दुबे ने कई पुलिसकर्मियों को मौत की नींद सुला दी थी. जिसके बाद यूपी पुलिस ने एनकाउंटर में विकास समेत उनके कई करीबियों को मौत के घाट उतार दिया था. यहां की राजनीति खुशी दुबे को लेकर काफी गर्म रही. इसको लेकर विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी पर ब्राह्मण विरोधी का आरोप लगाया. चुनाव के दौर में इसी मुद्दे को लेकर विपक्ष ने ब्राह्मण वोटों पर डोरे भी डाले.
इस बीच पीयूष जैन के घर छापेमारी भी चर्चा का केंद्र बनी. जिस दिन छापेमारी हुई, उसी दिन एक और नाम सियासी गलियारे में गूंजने लगा. वो नाम था पुष्पराज जैन का, जो इत्र कारोबारी हैं और समाजवादी पार्टी के MLC भी हैं. पीयूष जैन से रिश्तों को लेकर पुष्पराज जैन पर सवाल उठे. इस बीच सबसे बड़ा सवाल ये भी उठा कि छापा इत्र कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों पर पड़ा, तो नाम पम्मी जैन का कहां से आ गया.
हालांकि मुद्दों की बात करें तो आवारा पशुओं की समस्या यहां रही है और ये किसानों के लिए भी मुद्दा रहा. विपक्ष ने इसे लेकर सत्ताधारी सरकार पर हमले भी किये. इसको लेकर सीएम योगी को रैलियों में विपक्ष ने खूब खेरा. हालांकि अब रिजल्ट के बाद ही पता चल पायेगा कि इन मुद्दों का चुनाव पर असर क्या रहा.
अब बात करें इस क्षेत्र में हाई-प्रोफाइल चेहरे की, तो एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल करहल सीट से आमने-सामने हैं. वहीं पूर्व आईपीएस असीम अरुण कन्नौज सुरक्षित सीट पर तो पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुइस खुर्शीद कांग्रेस की ओर से फर्रुखाबाद सीट से संघर्ष कर रही है. वहीं समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल यादव भी जसवंतनगर सीट से अपने भाग्य को आजमा रहे हैं.
हाई-प्रोफाइल चेहरे
एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव
केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल
पूर्व आईपीएस असीम अरुण
लुइस खुर्शीद
शिवपाल सिंह यादव
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अब इंतजार है तो 10 मार्च का, जब जनता के किये गये वोट परिणाम में बदलेंगे. जिसके बाद राजधानी लखनऊ पर कौन काबिज होगा ये स्थिति साफ हो जाएगी.
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