लखनऊ: भारतीय रिजर्व बैंक के साथ आज अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डॉ. नवनीत सहगल एमएसएमई की वेबिनार में सम्मिलित हुए. उन्होंने कहा कि इस बार एमएसएमई इकाइयों को 15,000 करोड़ रुपये ऋण वितरण का लक्ष्य मिला है.
इस लक्ष्य को हासिल करने में बैंकर्स की अहम भूमिका होगी. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन होने से लेकर अब तक 80 प्रतिशत इकाइयां 80 से 100 फीसदी तक क्षमता के साथ उत्पादन कर रही हैं. शेष इकाइयों को शीघ्र शुरू कराने का प्रयास किया जा रहा है.
एमएसएमई इकाइयों को ऋण उपलब्धता, पोस्ट कोविड की स्थितियों और एमएसएमई इकाइयों में ऋण वितरण के तरीकों को आसान बनाने के उद्देश्य से वेबिनार किया गया. डॉ. नवनीत सहगल ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम से प्रदेश की अधिक से अधिक एमएसएमई इकाइयों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है.
उन्होंने कहा कि बैंकों को इसमें पूरा सहयोग प्रदान करना चाहिए. अन्य प्रदेशों की अपेक्षा उत्तर प्रदेश में एमएसएमई इकाइयों में अच्छा उत्पादन हो रहा है. उन्होंने कहा कि एक जिला-एक उत्पाद योजना के तहत प्रदेश के सभी जनपदों में क्लस्टर चिन्हित किये जा चुके हैं. एसएलबीसी से जुड़े प्रत्येक बैंक को एक या दो ओडीओपी उत्पाद को चुनकर उन्हें ऋण देने उपलब्ध कराने के सार्थक प्रयास करने चाहिये.
नवीन सहगल ने कहा कि कई एमएसएमई इकाइयां इन दिनों कुछ कारणों से आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत क्रेडिट सुविधाओं का लाभ लेने से वंचित हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी इकाइयों की सूची उपलब्ध कराई जाय, ताकि उनसे संवाद कर उनकी समस्याओं और जिज्ञासाओं का समाधान कर उनको इस योजना से लाभान्वित किया जा सके.