लखनऊ: उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी ने आयोग के कार्यकाल का एक साल पूरा होने के मौके पर कहा कि आयोग की ओर से सरकार को सिफारिश की जा रही है कि देश में जनसंख्या नियंत्रण बिल लाया जाए. ताकि बढ़ती आबादी की वजह से जो समस्याएं बढ़ गई हैं. उन पर नियंत्रण पाया जा सके. इन समस्याओं का सबसे अधिक प्रभाव देश के अल्पसंख्यक समाज पर पड़ रहा है. अल्पसंख्यक आयोग के अलग-अलग सदस्यों ने पूरे प्रदेश के दौरे में इस चीज को पाया है. जिसके बाद में हमने यह फैसला किया है.
इंद्र भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में अध्यक्ष अशफाक सैफी के अलावा सदस्य सरदार परविंदर सिंह, रूमाना सिद्दीकी, हैदर अब्बास चांद और सम्मान अफरोज खान मौजूद रहे. अशफाक सैफी ने बताया कि 6 समुदाय अल्पसंख्यक में आते हैं. मुसलमान, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और क्रिश्चियन हैं. अलग कमिश्नरी में सभी सदस्य गए थे. अफसरों के साथ उन्होंने समस्यओं को सुना है. भेदभाव किसी के साथ न हो यह हमारी सोच रही है.
मुरादाबाद में गुरुद्वारा गुरु नानक दरबार मे ध्वस्तीकरण किया गया. जिस पर दोबारा निर्माण किया जाएगा. कब्रिस्तान पर मोहनलालगंज कब्जा हो रहा था. रामपुर मनिहार गांव में सहारनपुर में जैन मंदिर को एनएचएआई तोड़ रहा था. जिसको रोका गया है. 2686 शिकायतें प्राप्त हुई. 1,167 मामलों का निस्तारण किया गया है. विधानसभा और जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की सिफारिश करेंगे. आयोग के अलग-अलग सदस्य पूरे प्रदेश में पहुंच रहे हैं. जहां उन्हें ज्ञात हुआ है कि बढ़ती आबादी की वजह से अल्पसंख्यक समुदायों को बहुत अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. समस्याओं का सबसे अधिक प्रभाव उन पर ही पड़ रहा है. इसलिए आयोग की ओर से सिफारिश सरकार को की जा रही है.
जुमे की नमाज के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई हिंसा के दौरान मुसलमानों पर गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए. मामले में हुई हिंसा में हल्की धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. जिसको लेकर ने कहा कि ऐसा मामला उनके संज्ञान में नहीं है. अगर शिकायत होगी इस पर भी अपनी सिफारिशें आयोग करेगा.
इसे भी पढे़ं- अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पहुंचे सहारनपुर, कहा- पीएम मोदी के सपने को साकार कर रहा दारुल उलूम