लखनऊ : उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने सोमवार को प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री धर्मपाल सिंह को मदरसों की जांच को लेकर पत्र लिखा है. डॉ. जावेद ने लिखा कि मदरसा शिक्षा परिषद से अनुमति लिए बिना ही रजिस्ट्रार के पत्र पर निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण के आदेश से अनुदानित/गैर अनुदानित मदरसों की जांच शुरू कर दी गई है. जबकि 13 फरवरी से मदरसा शिक्षा परिषद की परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी. ऐसे में मदरसों की जांच से अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया है और फार्म भरने और परीक्षा की तैयारियां प्रभावित होंगी.
डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद के पत्र के अनुसार बीती 5 दिसम्बर को आपने मदरसों की जांच मामले का संज्ञान ले उच्चाधिकारियों के साथ बैठक में जांच कार्रवाई को रोकने का मौखिक आदेश दिया था. बावजूद इसके जांच रोकने के लिए जनपदों को कोई आदेश जारी नहीं हुआ. वर्तमान में मदरसों में परीक्षाओं की तैयारी चल रही है और ऐसे में जांच होने से मदरसों में अफरातफरी का माहौल है.
डाॅ. जावेद के मुताबिक वर्ष 2017 से अब तक अनुदानित/गैर अनुदानित मदरसों की तीन बार जांच हो चुकी है. मदरसों और उसमें कार्यरत सभी शिक्षक-कर्मचारियों का रिकार्ड मदरसा परिषद के पोर्टल पर अपलोड है. इसके बावजूद भी अगर चौथी बार जांच कराना जरूरी है तो इस समय जांच स्थगित कर मदरसा परीक्षाओं के बाद जांच कराई जाए तो परीक्षा की दृष्टि से छात्र हित में बेहतर होगा. इससे पहले भी चेयरमैन जावेद इफ्तिखार मदरसों की जांच को रोकने के लिए पत्र लिख चुके हैं, लेकिन उनके पत्र को गंभीरता से नहीं लिया गया और कुछ अधिकारी मनमाने तरीके से मदरसों की जांच करने की तैयारी में लगे हुए थे. जिसकी सूचना मदरसा चेयरमैन को हुई. जिसके बाद एक बार चेयरमैन ने मंत्री को मदरसों की जांच रोकने के लिए पत्र लिखा.
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