लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक (UP Cabinet approves five crore as MLA fund) में कई महत्वपूर्ण फैसले हुए. इनमें विधायकों की निधि 5 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा सत्र के दौरान विधायक निधि तीन करोड़ रुपये को बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये करने का ऐलान किया था, लेकिन इसकी व्यवस्था बजट में न होने की वजह से विधायकों को इसका लाभ नहीं मिल पाया.
ईटीवी भारत ने भी यूपी में विधायक निधि पांच करोड़ रुपये करने के बावजूद निधि नहीं मिलने का मुद्दा भी उठाया था. बुधवार को सीएम योगी के अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में विधायक निधि तीन करोड़ रुपये को 5 करोड़ रुपये किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. वहीं एक और राहत विधायक निधि के साथ दी गई है. तमाम विद्यालयों में विधायक निधि के माध्यम से होने वाले विकास कार्य प्रबंधक और प्राचार्य के स्तर पर भी कराए जा सकेंगे. इसके लिए पूर्व निर्धारित प्रक्रिया को भी संशोधित किया गया है.
कुछ समय पहले यह काम प्रबंधक व प्राचार्य से लेकर अधिकारियों के स्तर पर किए जाने की बात कही गई थी. जिसको लेकर तमाम जनप्रतिनिधियों ने शासन स्तर पर प्रचार भी किया था, जिसके बाद अब विद्यालयों में होने वाले विकास कार्यों को प्रधानाचार्य व प्रबंधक के स्तर पर भी कराया जा सकेगा. कैबिनेट ने विधानमंडल क्षेत्र विकास निधि के मार्गदर्शी सिद्धांत में संशोधन को भी आज मंजूरी दी है. इसके अंतर्गत अब विधायक व विधान परिषद सदस्य विधायक निधि से संयुक्त रूप से किसी भी परियोजना का चयन अपने स्तर पर ही कर सकेंगे. जबकि 25 लाख रुपये से अधिक की राशि कन्वेंशन सेंटर, स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स या सभागार सहित अन्य अवस्थापना परियोजना के लिए दे सकेंगे.
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि विधानमंडल के सदस्य विधायक निधि से शिक्षण संस्था के भवनों के निर्माण, सेफगार्ड्स के साथ प्रधानाचार्य, प्रबंधक के माध्यम से भी कराया जा सकेगा. राजकीय, अनुदान प्राप्त व मान्यता प्राप्त हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में आवश्यक फर्नीचर, पुस्तकों, कम्प्यूटर खरीद आदि की व्यवस्था से अनुदान शब्द को हटा दिया गया है. मंत्री खन्ना ने कहा कि उपयोगिता प्रमाण पत्र का प्रारूप तैयार करने, स्वीकृति के बाद अधिकतम तीन माह के विलंब के साथ शुरू कराना होगा.
इसके अंतर्गत विधायक निधि से विद्यालयों में आधारभूत संरचना का निर्माण, बारात घर का निर्माण, ग्रामीण संपर्क मार्ग निर्माण, सामुदायिक भवन, पंचायत घर,सौर ऊर्जा संयत्र की स्थापना, ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों के जीर्णोंद्धार के लिए भी राशि देने का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा अब विधायक व एमएलसी तालाबों के पुनरूद्धार, वृक्षारोपण, पार्कों के निर्माण, जिम-ओपन जिम, स्वच्छता उपकरणों, कृषि उपकरणों और गोवंश एम्बुलेंस खरीद के लिए भी विधायक निधि दे सकेंगे. इससे विधायक अपने स्तर पर काम करा सकेंगे.
कैबिनेट बैठक की महत्वपूर्ण बातें:
- आज सीएम योगी के अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में विधायक निधि तीन करोड़ रुपये को 5 करोड़ रुपये किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. वहीं एक और राहत विधायक निधि के साथ दी गई है.
- तमाम विद्यालयों में विधायक निधि के माध्यम से होने वाले विकास कार्य प्रबंधक और प्राचार्य के स्तर पर भी कराए जा सकेंगे. इसके लिए पूर्व निर्धारित प्रक्रिया को भी संशोधित किया गया है.
- कुछ समय पहले यह काम प्रबंधक व प्राचार्य से लेकर अधिकारियों के स्तर पर किए जाने की बात कही गई थी. जिसको लेकर तमाम जनप्रतिनिधियों ने शासन स्तर पर प्रचार भी किया था, जिसके बाद अब विद्यालयों में होने वाले विकास कार्यों को प्रधानाचार्य व प्रबंधक के स्तर पर भी कराया जा सकेगा.
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