लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि अगर लोड फैक्टर बेहतर नहीं हुआ तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें. इतना ही नहीं निगम को जो भी नुकसान होगा उसकी भरपाई भी अधिकारी ही अपने वेतन से करेंगे. बसों के किराये में की गई 24 फीसदी बढ़ोतरी का असर अगर आय में नहीं दिखा तो संबंधित रीजन और डिपो के अधिकारियों पर गाज गिरेगी. परिवहन निगम के एमडी संजय कुमार ने सोमवार को समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों के पेंच कसे. उन्होंने बेहतर परफारमेंस न ला पाने वाले सहारनपुर रीजन और गोरखपुर रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधकों की जमकर क्लास ली. इसके अलावा लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक की परफॉर्मेंस पर भी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि 'सभी क्षेत्रीय प्रबंधक आय बढ़ाने पर विशेष तौर पर ध्यान दें, नहीं तो एक्शन जरूर लिया जाएगा.'
परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने सहारनपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक अनिल कुमार और गोरखपुर के आरएम पीके तिवारी को चेतावनी देते हुए कहा है कि 'एक महीने के अंदर अपने प्रदर्शन को सुधारें, नहीं तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें. इन क्षेत्रों का प्रदर्शन सबसे खराब है.' उन्होंने कहा कि 'हर बस को प्रतिदिन 13,800 रुपये की आय करनी ही होगी. इससे कम आय वाले बसों के चालक, परिचालक और संबंधित अधिकारियों के वेतन से कटौती की जाएगी.' उन्होंने कहा है कि 'किराये में 24 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है, रोडवेज की आय में भी इतनी ही बढ़ोतरी दर्ज होनी चाहिए.' उन्होंने बताया कि 'प्रदेश के 40 डिपो का हाल बेहद खराब है. बाबू बने कंडक्टरों और ड्राइवरों को भी सख्त चेतावनी दी. अगर कंडक्टर और ड्राइवर हर महीने 5500 किलोमीटर नहीं करते हैं तो वेतन पर रोक लगा दी जाएगी.'
लखनऊ परिक्षेत्र में कुल सात डिपो हैं. इन सभी डिपो की भी एमडी ने समीक्षा की. समीक्षा में सामने आया कि चारबाग डिपो की परफॉर्मेंस अन्य सभी डिपो से बेहतर है. उन्होंने चारबाग डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक अमरनाथ सहाय की तारीफ की. उन्होंने कहा कि 'जितनी आय है उसे और बढ़ाएं. लखनऊ क्षेत्र के ही अवध डिपो और बाराबंकी डिपो की आय खराब होने के चलते लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर को हिदायत दी कि सभी डिपो का लोड फैक्टर बेहतर करने पर ध्यान दें, नहीं तो वेतन से कटौती होगी और कार्रवाई भी की जाएगी.
गोद ली गई बसों का इंस्पेक्शन जल्द : परिवहन निगम के एमडी संजय कुमार ने कहा है कि 'अधिकारियों की गोद ली गई बसों का भौतिक निरीक्षण करने के लिए नोडल अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. इन बसों की स्थिति में सुधार नहीं मिला तो गोद लेने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने सख्त चेतावनी दी है कि गंदगी पाये जाने पर सुपरवाइजर और क्षेत्रीय प्रबंधक पर कार्रवाई होगी.'
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