लखनऊः नाबालिग को बहला-फुसलाकर अपहरण करने के बाद अपना नाम बदलकर गैंगरेप करने के आरोपी मोहम्मद जैद खान, विनय मिश्रा उर्फ विन्नी एवं अपराध में सहयोग करने की आरोपी पीड़िता की भाभी सोनिका वाधवा को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश अरविंद मिश्रा ने 20-20 वर्ष के कठोर कारावास एवं प्रत्येक को 80 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है.
अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि इस मामले में पीड़िता को शारीरिक व मानसिक आघात के लिए अभियुक्तों से प्रतिकर दिलाया जाना उचित प्रतीत होता है. अदालत ने कहा है कि प्रत्येक अभियुक्त पर आरोपित समस्त अर्थदंड की धनराशि पीड़िता को बतौर प्रतिकर अदा की जाएगी जो पीड़िता के वयस्क होने तक किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में फिक्स डिपॉजिट के रूप में उसके पिता के द्वारा रखी जाएगी.
अदालत के समक्ष अभियोजन की ओर से विशेष अधिवक्ता सुखेंद्र प्रताप सिंह एवं अभिषेक उपाध्याय का तर्क था कि इस मामले की रिपोर्ट पीड़िता के पिता द्वारा 31 अगस्त 2013 को थाना चौक में दर्ज कराई गई थी जिसमें कहा गया था कि उसकी 16 वर्षीय पुत्री व 24 वर्षीय बहू सोनिका घर से कुछ काम से बाहर गई थी. उसके बाद वापस नहीं लौटीं. तलाशने पर भी उनका कोई पता नहीं चल पा रहा है.
विवेचना के दौरान पीड़िता के बरामद होने पर अभियुक्तों के नाम प्रकाश में आए जिसमें उसने अभियुक्तों द्वारा जबरन बलात्कार करने की बात कही है तथा उसकी सगी भाभी सोनिका ने विनय मिश्रा के साथ चल रहे प्रेम संबंधों को जारी रखने के लिए अभियुक्त जैद खान का वास्तविक नाम छुपाते हुए अमन मिश्रा नाम से परिचय कराया. अभियुक्त विनय मिश्रा के द्वारा समूह गठित कर जैद खान को अमन मिश्रा के रूप में प्रदर्शित करते हुए पीड़िता के साथ सामूहिक दुराचार किया.
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