लखनऊः बिहार के पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व शुक्रवार की विपक्ष महाबैठक हुई. इस बैठक को लेकर सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी पहल है. बैठक में जो भी तय होता है, उसके बाद बसपा, लोकदल और सुभासपा जैसी पार्टियों को साथ लेने की पहल होनी चाहिए. विपक्ष की महाबैठक में शामिल नेताओं और मुख्यमंत्रियों को लेकर उन्होंने कहा, 'जिस दिन ये सभी लोग एक मंच पर एक साथ आ गए. उसी दिन मैं भी उनके साथ खड़ा नजर आऊंगा.'
2024 लोकसभा चुनाव में महागंठबंधन को लेकर राजभर ने कहा, 'राजनीति में कोई किसी का दोस्त नहीं होता है. न ही कोई किसी का दुश्मन होता है. आज बिहार में विपक्ष की बैठक में 20 पार्टियां शामिल हैं और सभी एक दूसरे की प्रतिद्वंदी है. फिर भी साथ में बैठक हो रही है. राजनीति में सब संभव है. जब महबूबा मुफ्ती की पार्टी बीजेपी से मिल सकती है. नीतिश कुमार राजद से समझौता कर सकते हैं. फिर एक साथ सभी पार्टियां क्यों नहीं आ सकती हैं. कांग्रेस ने 29 पार्टियों को लेकर सरकार बनाई थी. आज भी एक साथ चुनाव लड़ेगी, तो मेरी पहली प्राथमिकता विपक्ष के साथ ही जाने की होगी. बस मायावती और कांग्रेस साथ रहे.'
राजभर ने आगे कहा, 'इस बैठक में जिन लोगों को नहीं बुलाया गया या फिर जो लोग नहीं पहुंचे, उनको भी इसमें शामिल करना चाहिए. सभी को मिलकर पहल करनी चाहिए.' इस दौरान मायावती को महागठबंधन में शामिल करने को लेकर राजभर ने कहा, 'सभी पार्टियां मिलकर मायावती को समझाएं, अगर वे नहीं मानती हैं तो उन्हें प्रधानमंत्री बना लें. यहां विपक्ष की एकता की बात हो रही है. इसमें प्रधानमंत्री की कुर्सी की बात हीं नहीं होनी चाहिए. इसलिए जो जैसे माने उसे वैसे मनाना चाहिए. आखिरकार सभी लोग देश का विकास ही तो चाह रहे हैं.'
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