लखनऊ: राजधानी के केजीएमयू रेडियोलॉजी और रेडियो थैरेपी विभाग का 34वां स्थापना दिवस बुधवार को मनाया गया. इस दौरान यूएसए के डॉ. चरनजीत सिंह ने जानकारी दी कि कई बार सीटी स्कैन और एमआरआई से मुंह और गले के शुरुआती कैंसर का पता नहीं चल पाता है, लेकिन अब पेट के सीटी स्कैन से मुंह और गले के कैंसर का पता लग सकता है.
कैंसर का लगा सकते हैं पता
डॉ. चरनजीत सिंह ने कहा कि सीटी स्कैन, एमआरआई और एंडस्कोप से अब मुंह और गले के कैंसर का पता लगाया जा सकता है. कई बार शुरुआत में बिमारी की जानकारी नहीं हो पाती है. पेट सीटी स्कैन से बीमारी का आसानी से पता लगा सकते हैं. शरीर के विभिन्न अंगों में फैले कैंसर का भी पता लगाया जा सकता है.
डॉ. चरनजीत सिंह ने कहा कि भारत में मुंह और गले का कैंसर सबसे ज्यादा देखने को मिलता है. इसकी बड़ी वजह तम्बाकू का सेवन है. बड़ी संख्या में लोग तम्बाकू खाते हैं. रात में तम्बाकू मुंह में दबाकर सो जाते हैं, इससे कैंसर की आशंका कई गुना बढ़ जाती है.
केजीएमयू के पूर्व कुलपति व रेडियोथेरेपी विभाग के डॉ. एमएलबी भट्ट ने कहा कि मुंह में छाला, घाव, अल्सर अगर इलाज के बाद भी ठीक न हो तो संजीदा हो जाएं. इसके लिए तुरंत डॉक्टर की सलाह लें. खासतौर पर वे लोग जो तम्बाकू का सेवन करते हों. 50 साल की उम्र के लोगों में यह परेशानी अधिक देखने को मिलती है.
कैंसर का इलाज आसानी से संभव
केजीएमयू रेडियोथेरेपी विभाग के डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि समय पर कैंसर का इलाज आसानी से संभव है. अफसोस की बात यह है कि लक्षण नजर आने के बावजूद 80 प्रतिशत लोग समय पर अस्पताल नहीं आते हैं. समय पर इलाज न मिलने से मरीज की हालत गंभीर हो जाती है. ऐसे में इलाज कठिन हो जाता है.
ठीक हो सकते हैं मरीज
रेडियोथैरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ. राजीव गुप्ता ने बताया कि मुंह और गले का कैंसर पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं. मरीज सेहतमंद जीवन जी सकते हैं. बशर्ते मरीज समय पर पूरा इलाज कराएं. डॉ. पुनीता लाल ने प्रोटोन रेडियोथेरेपी विधि से कैंसर मरीजों के इलाज की जानकारी दी. रेडियोलॉजी विभाग की डॉ. नीरा कोहली ने बताया कि कोविड-19 के इस संकट काल में रेजीडेंट कर्मचारी और संकाय सदस्य साथ में मिलकर निरंतर सेवाएं प्रदान कर रही हैं.