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अजीत सिंह हत्याकांड: धनंजय के करीबियों का फोन स्विच ऑफ, एसटीएफ कर रही तलाश

अजीत सिंह हत्याकांड में कमिश्नरेट पुलिस पूर्व सांसद धनंजय सिंह की तलाश में छापेमारी कर रही है. पुलिस की एक टीम जौनपुर में डेरा डाले हुए है. पुलिस का कहना है पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके गुर्गों का मोबाइल फोन स्विच ऑफ आ रहा है. इस कारण उनकी लोकेशन मिलने में दिक्कत हो रही है.

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Published : Feb 23, 2021, 12:24 AM IST

अजीत सिंह हत्याकांड.
अजीत सिंह हत्याकांड.

लखनऊ: मऊ के हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के आरोपी पूर्व सांसद धनंजय सिंह के करीबियों ने अपने मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर लिए हैं. यही वजह है कि जौनपुर गई पुलिस टीम पूर्व सांसद के बारे में कुछ सुराग नहीं पा सकी. पूर्व सांसद को ढूंढने के लिए अब एसटीएफ की भी एक टीम लगा दी गई है. वहीं, पुलिस की एक टीम धनंजय को पकड़ने के लिए जौनपुर में डेरा डाले हुए हैं. उधर, इस मामले में फरार शूटरों तक भी पुलिस के हाथ नहीं पहुंच सके है. इनमें तीन फरार शूटरों पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया जा चुका है।

यह है मामला

छह जनवरी को अजीत की कठौता चौराहे के पास हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मोहर सिंह ने एफआईआर कराई थी कि जेल में बंद ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू और अखण्ड ने अजीत की हत्या करवाई है. पड़ताल में सामने आया था कि वाराणसी के गिरधारी उर्फ डॉक्टर ने पांच शूटरों रवि यादव, मुस्तफा उर्फ बंटी, शिवेन्न्द्र सिंह उर्फ अंकुर, राजेश तोमर और संदीप सिंह बाबा के साथ यह वारदात की थी. इसमें गिरधारी मुठभेड़ में मारा जा चुका है. जबकि संदीप जेल में है. चार शूटर फरार हैं. गिरधारी ने रिमांड पर पुलिस के सामने कुबूला था कि अजीत की हत्या की साजिश में पूर्व सांसद धनंजय सिंह भी शामिल थे.

पढ़ें: अजीत सिंह हत्याकांड: धनंजय सिंह की तलाश में कई ठिकानों पर दी दबिश

कोर्ट में समर्पण कर सकते हैं धनंजय

सूत्रों का कहना है कि धनंजय सिंह लखनऊ पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए किसी अन्य पुराने मामले में कोर्ट में समर्पण कर सकते हैं. दूसरी ओर, धनंजय के वकील गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं. लखनऊ पुलिस ने रविवार को जौनपुर पुलिस से संपर्क किया और संभावित ठिकानों पर दबिश दी. क्राइम ब्रांच और विभूति खंड थाने की पुलिस टीम धनंजय को गिरफ्तार करने के लिए लगाई गई हैं. पुलिस टीम धनंजय के करीबियों की सूची भी तैयार कर रही है. इसके साथ ही उन ठिकानों के बारे में पता लगाया जा रहा है, जहां धनंजय के छिपे होने की संभावना है.

लखनऊ: मऊ के हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के आरोपी पूर्व सांसद धनंजय सिंह के करीबियों ने अपने मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर लिए हैं. यही वजह है कि जौनपुर गई पुलिस टीम पूर्व सांसद के बारे में कुछ सुराग नहीं पा सकी. पूर्व सांसद को ढूंढने के लिए अब एसटीएफ की भी एक टीम लगा दी गई है. वहीं, पुलिस की एक टीम धनंजय को पकड़ने के लिए जौनपुर में डेरा डाले हुए हैं. उधर, इस मामले में फरार शूटरों तक भी पुलिस के हाथ नहीं पहुंच सके है. इनमें तीन फरार शूटरों पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया जा चुका है।

यह है मामला

छह जनवरी को अजीत की कठौता चौराहे के पास हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मोहर सिंह ने एफआईआर कराई थी कि जेल में बंद ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू और अखण्ड ने अजीत की हत्या करवाई है. पड़ताल में सामने आया था कि वाराणसी के गिरधारी उर्फ डॉक्टर ने पांच शूटरों रवि यादव, मुस्तफा उर्फ बंटी, शिवेन्न्द्र सिंह उर्फ अंकुर, राजेश तोमर और संदीप सिंह बाबा के साथ यह वारदात की थी. इसमें गिरधारी मुठभेड़ में मारा जा चुका है. जबकि संदीप जेल में है. चार शूटर फरार हैं. गिरधारी ने रिमांड पर पुलिस के सामने कुबूला था कि अजीत की हत्या की साजिश में पूर्व सांसद धनंजय सिंह भी शामिल थे.

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कोर्ट में समर्पण कर सकते हैं धनंजय

सूत्रों का कहना है कि धनंजय सिंह लखनऊ पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए किसी अन्य पुराने मामले में कोर्ट में समर्पण कर सकते हैं. दूसरी ओर, धनंजय के वकील गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं. लखनऊ पुलिस ने रविवार को जौनपुर पुलिस से संपर्क किया और संभावित ठिकानों पर दबिश दी. क्राइम ब्रांच और विभूति खंड थाने की पुलिस टीम धनंजय को गिरफ्तार करने के लिए लगाई गई हैं. पुलिस टीम धनंजय के करीबियों की सूची भी तैयार कर रही है. इसके साथ ही उन ठिकानों के बारे में पता लगाया जा रहा है, जहां धनंजय के छिपे होने की संभावना है.

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