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ऊर्जा प्रबंधन की वादाखिलाफी से खफा प्रदेशभर के इंजीनियर, सोमवार से 24 घण्टे उपवास पर

ऊर्जा प्रबंधन की वादाखिलाफी से खफा प्रदेशभर के इंजीनियर कल से 24 घण्टे उपवास पर रहेंगे. राजधानी लखनऊ में प्रबन्ध निदेशक मध्यांचल विद्युत वितरण निगम कार्यालय पर इन इंजीनियरों का अनशन होगा. इंजीनियरों का आरोप है कि द्विपक्षीय वार्ता के बावजूद ऊर्जा प्रबंधन अभियंताओं की लंबित मांगों के निराकरण पर जरा भी गंभीरता नहीं दिखा रहा है.

वादाखिलाफी से खफा प्रदेशभर के इंजीनिय
वादाखिलाफी से खफा प्रदेशभर के इंजीनिय
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Published : Sep 12, 2021, 10:10 PM IST

लखनऊ: राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन ने ऊर्जा प्रबंधन पर बिजली विभाग के कर्मचारियों की समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि द्विपक्षीय वार्ता के बावजूद ऊर्जा प्रबंधन अभियंताओं की लंबित मांगों के निराकरण पर जरा भी गंभीरता नहीं दिखा रहा है. संगठन की तरफ से कई बार प्रयास किए गए, वार्ताएं भी हुईं, आश्वासन भी मिला, लेकिन समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. इसी वजह से संगठन को आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है. लखनऊ प्रेस क्लब में रविवार को संगठन ने प्रेस वार्ता कर अभियंताओं की समस्याओं को सामने रखा.

ये हैं अभियंताओं की मुख्य मांगें
संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष इंजीनियर जीवी पटेल ने कहा कि अवर अभियन्ताओं की एसीपी दीर्घा में आने वाले नॉन फंक्शनल ग्रेड वेतन 4800 के वेतनमान को एसीपी की दीर्घा से हटाकर प्रथम समयबद्ध वेतनमान सहायक अभियंता पद का करने, अवर अभियन्ता से सहायक अभियन्ता पद पर प्रोन्नत कार्मिकों, जिनके तृतीय एसीपी के आदेश
01.01.2020 और 16.08.2021 को निर्गत किया जा चुके है, उनका वेतन निर्धारण निगम में विद्यमान व्यवस्था के क्रम में वेतन पर्ची शीघ्र जारी करने की ऊर्जा प्रबंधन से मांग की गई, लेकिन कोई ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है. इसके अलावा जूनियर इंजीनियर को पर्याप्त सुरक्षा न उपलब्ध कराया जाना, उत्पादन निगम में मशीनों का समय से मेंटेन न किया जाना, स्पेयर्स पार्टस और कोयले के बीजकों का भुगतान नही होने जैसी समस्याओं का निराकरण न करने के कारण केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति की तरफ से पारित प्रस्ताव के क्रम में सामूहिक आंदोलन शुरू किया जा रहा है.

ऊर्जा प्रबंधन की वादाखिलाफी
ऊर्जा प्रबंधन की वादाखिलाफी
समस्याओं पर अमल नहीं कर रहा प्रबंधन
संगठन के केंद्रीय महासचिव इंजीनियर जय प्रकाश ने कहा कि संगठन के साथ प्रबंधन की पूर्व मे बनी सहमतियो के अनुसार आदेश जारी न किए जाने, मांग-पत्र के बिन्दुओं के अनुसार सहायक अभियन्ता के वरिष्ठता निर्धारण मे पर्देदारी कर अन्याय किये जाने, अवर अभियंताओ को 24 घंटे निर्वाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए न्यूनतम आवश्यक संसाधन न उपलब्ध कराने, दोषपूर्ण एवं अव्यवहारिक जांच रिपोर्ट के आधार पर एकतरफा दंडात्मक कार्रवाईयों का निराकरण न किये जाने, बिजली थानों पर संगठन द्वारा दिये गए सुझावों पर अमल न होने, पारेषण इकाई व जल विद्युत निगम के विभिन्न प्रकरण का निस्तारण न किये जाने के कारण ध्यानाकर्षण आन्दोलन शुरू किया जा रहा है.
नहीं दिया ध्यान तो होगा जेल भरो आंदोलन
केंद्रीय प्रचार सचिव अरविंद कुमार झा ने बताया कि 12 सितंबर को संगठन और प्रबंधन में एक द्विपक्षीय वार्ता सम्पन हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. इसके बाद आंदोलन का फैसला लिया गया. उन्होंने बताया कि सोमवार से (सुबह 10 बजे से अगले दिन 10 बजे तक, पाली कार्य को छोड़कर) 24 घंटे का सामूहिक उपवास अनशन किया जाएगा. 21 से 22 सितंबर तक दो दिवसीय क्रमिक अनशन किया जाएगा. 27 सितंबर से 51 सदस्यों के साथ शक्ति भवन पर क्रमिक अनशन किया जाएगा. इसके बावजूद अगर ऊर्जा प्रबंधन ने ध्यान नहीं दिया तो अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार या जेल भरो आन्दोलन किया जाएगा.


इसे भी पढ़ें- सपा के बाद पश्चिम बंगाल के काम को भी अपना बताने में जुटी भाजपा: अखिलेश यादव

लखनऊ: राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन ने ऊर्जा प्रबंधन पर बिजली विभाग के कर्मचारियों की समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि द्विपक्षीय वार्ता के बावजूद ऊर्जा प्रबंधन अभियंताओं की लंबित मांगों के निराकरण पर जरा भी गंभीरता नहीं दिखा रहा है. संगठन की तरफ से कई बार प्रयास किए गए, वार्ताएं भी हुईं, आश्वासन भी मिला, लेकिन समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. इसी वजह से संगठन को आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है. लखनऊ प्रेस क्लब में रविवार को संगठन ने प्रेस वार्ता कर अभियंताओं की समस्याओं को सामने रखा.

ये हैं अभियंताओं की मुख्य मांगें
संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष इंजीनियर जीवी पटेल ने कहा कि अवर अभियन्ताओं की एसीपी दीर्घा में आने वाले नॉन फंक्शनल ग्रेड वेतन 4800 के वेतनमान को एसीपी की दीर्घा से हटाकर प्रथम समयबद्ध वेतनमान सहायक अभियंता पद का करने, अवर अभियन्ता से सहायक अभियन्ता पद पर प्रोन्नत कार्मिकों, जिनके तृतीय एसीपी के आदेश
01.01.2020 और 16.08.2021 को निर्गत किया जा चुके है, उनका वेतन निर्धारण निगम में विद्यमान व्यवस्था के क्रम में वेतन पर्ची शीघ्र जारी करने की ऊर्जा प्रबंधन से मांग की गई, लेकिन कोई ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है. इसके अलावा जूनियर इंजीनियर को पर्याप्त सुरक्षा न उपलब्ध कराया जाना, उत्पादन निगम में मशीनों का समय से मेंटेन न किया जाना, स्पेयर्स पार्टस और कोयले के बीजकों का भुगतान नही होने जैसी समस्याओं का निराकरण न करने के कारण केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति की तरफ से पारित प्रस्ताव के क्रम में सामूहिक आंदोलन शुरू किया जा रहा है.

ऊर्जा प्रबंधन की वादाखिलाफी
ऊर्जा प्रबंधन की वादाखिलाफी
समस्याओं पर अमल नहीं कर रहा प्रबंधन
संगठन के केंद्रीय महासचिव इंजीनियर जय प्रकाश ने कहा कि संगठन के साथ प्रबंधन की पूर्व मे बनी सहमतियो के अनुसार आदेश जारी न किए जाने, मांग-पत्र के बिन्दुओं के अनुसार सहायक अभियन्ता के वरिष्ठता निर्धारण मे पर्देदारी कर अन्याय किये जाने, अवर अभियंताओ को 24 घंटे निर्वाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए न्यूनतम आवश्यक संसाधन न उपलब्ध कराने, दोषपूर्ण एवं अव्यवहारिक जांच रिपोर्ट के आधार पर एकतरफा दंडात्मक कार्रवाईयों का निराकरण न किये जाने, बिजली थानों पर संगठन द्वारा दिये गए सुझावों पर अमल न होने, पारेषण इकाई व जल विद्युत निगम के विभिन्न प्रकरण का निस्तारण न किये जाने के कारण ध्यानाकर्षण आन्दोलन शुरू किया जा रहा है.
नहीं दिया ध्यान तो होगा जेल भरो आंदोलन
केंद्रीय प्रचार सचिव अरविंद कुमार झा ने बताया कि 12 सितंबर को संगठन और प्रबंधन में एक द्विपक्षीय वार्ता सम्पन हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. इसके बाद आंदोलन का फैसला लिया गया. उन्होंने बताया कि सोमवार से (सुबह 10 बजे से अगले दिन 10 बजे तक, पाली कार्य को छोड़कर) 24 घंटे का सामूहिक उपवास अनशन किया जाएगा. 21 से 22 सितंबर तक दो दिवसीय क्रमिक अनशन किया जाएगा. 27 सितंबर से 51 सदस्यों के साथ शक्ति भवन पर क्रमिक अनशन किया जाएगा. इसके बावजूद अगर ऊर्जा प्रबंधन ने ध्यान नहीं दिया तो अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार या जेल भरो आन्दोलन किया जाएगा.


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