लखनऊ: राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन ने ऊर्जा प्रबंधन पर बिजली विभाग के कर्मचारियों की समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि द्विपक्षीय वार्ता के बावजूद ऊर्जा प्रबंधन अभियंताओं की लंबित मांगों के निराकरण पर जरा भी गंभीरता नहीं दिखा रहा है. संगठन की तरफ से कई बार प्रयास किए गए, वार्ताएं भी हुईं, आश्वासन भी मिला, लेकिन समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. इसी वजह से संगठन को आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है. लखनऊ प्रेस क्लब में रविवार को संगठन ने प्रेस वार्ता कर अभियंताओं की समस्याओं को सामने रखा.
ये हैं अभियंताओं की मुख्य मांगें
संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष इंजीनियर जीवी पटेल ने कहा कि अवर अभियन्ताओं की एसीपी दीर्घा में आने वाले नॉन फंक्शनल ग्रेड वेतन 4800 के वेतनमान को एसीपी की दीर्घा से हटाकर प्रथम समयबद्ध वेतनमान सहायक अभियंता पद का करने, अवर अभियन्ता से सहायक अभियन्ता पद पर प्रोन्नत कार्मिकों, जिनके तृतीय एसीपी के आदेश
01.01.2020 और 16.08.2021 को निर्गत किया जा चुके है, उनका वेतन निर्धारण निगम में विद्यमान व्यवस्था के क्रम में वेतन पर्ची शीघ्र जारी करने की ऊर्जा प्रबंधन से मांग की गई, लेकिन कोई ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है. इसके अलावा जूनियर इंजीनियर को पर्याप्त सुरक्षा न उपलब्ध कराया जाना, उत्पादन निगम में मशीनों का समय से मेंटेन न किया जाना, स्पेयर्स पार्टस और कोयले के बीजकों का भुगतान नही होने जैसी समस्याओं का निराकरण न करने के कारण केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति की तरफ से पारित प्रस्ताव के क्रम में सामूहिक आंदोलन शुरू किया जा रहा है.
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