लखनऊ: राजधानी में देव दीपावली पर मनकामेश्वर घाट एक बार फिर लाखों दीपकों की रोशनी से जगमगा उठा. कार्तिक पूर्णिमा पर सिखों के आदिगुरु नानक देव का जन्मोत्सव भी श्रद्धाभाव से मनाया गया.पूर्णिमा आरती के माध्यम से भक्तों ने सशक्त, स्वस्थ और आत्मनिर्भर भारत की कामना की. दीप प्रज्जवलन कार्यक्रम शिव पर आधारित कथक प्रस्तुति भी भक्तों के आकर्षण का बनी.
कथक में दिखे शिव के विविध रूप
सोमवारीय पूर्णिमा पर आरती होने के कारण कार्यक्रम की शुरुआत महादेव की वंदना से की गई. कथक के राष्ट्रीय स्तर के लोकप्रिय युवा कलाकार अनुज मिश्रा के निर्देशन में 12 कलाकारों ने शिव के विविध रुपों को अपने प्रभावी नृत्य के माध्यम से पेश किया.अनुज मिश्रा ने शिव स्तुति कथक के माध्यम से की.
दो लाख इक्कीस हजार दीपकों से रोशन हुआ घाट
महंत देव्यागिरी ने कहा कि जन सहयोग से इस वृहद आयोजन में मनकामेश्वर उपवन घाट पर दो लाख इक्कीस हजार दीपक रोशन किए गए. इसके लिए बीते एक महीने से मंदिर के सेवादार दिन रात जुटे रहे. इस साल घी के दीपक भी रोशन किए गये. मिट्टी के दीपों के साथ-साथ गाय के गोबर के बने दीपों से भी उपवन को रोशन किया गया.
'मिशन शक्ति’ को बढ़ावा देते हुए कन्याओं ने की आरती
मिशन शक्ति’ को बढ़ावा देते हुए पहली बार गोमती के तट पर देव दीपावली के अवसर पर कन्याओं ने महाआरती की. महंत देव्या गिरि ने बताया कि इस बार उपवन में मिशन शक्ति मुहिम को बढ़ावा देने और नारी सशक्तिकरण का सकारात्मक संदेश देने के उद्देश्य से 11 कन्याओं के हाथों से महाआरती कराई गई.
श्री गुरु नानक देव की जयंती भी मनाई गई
सिखों के प्रथम गुरू,गुरु नानक का जन्म कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था.कार्तिक पूर्णिमा आयोजन पर उन्हें नमन करते हुए लोगों को संदेश दिया गया कि वह भी उनके दर्शन, योग, धर्म सुधार, समाज सुधार, कवि हृदय, देश भक्ति और विश्वबंधु से प्रेरित हों.