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स्टेशनों पर सोलर पैनल लगाकर रेलवे को बचानी थी बिजली, लापरवाही की भेंट चढ़ गई योजना - Solar panels installed at 119 railway stations

उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के 119 रेलवे स्टेशन (Solar panels installed at 119 railway stations) सौर ऊर्जा से जगमगाने थे, अफसरों की लापरवाही के चलते सिर्फ 25 स्टेशनों व कार्यालयों पर ही सोलर पैनल लग सके. उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा का कहना है कि 25 लोकेशंस पर सोलर पैनल लगा दिए गए हैं. शेष स्टेशन, दफ्तर और काॅलोनियों में सोलर पैनल लगाने की प्रक्रिया जारी है.

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Published : Dec 20, 2022, 5:30 PM IST

जानकारी देते संवाददाता अखिल पांडेय

लखनऊ : एक तरफ रेलवे प्रशासन सूरज की रोशनी का इस्तेमाल कर बिजली खपत में होने वाले व्यय को कम करने पर जोर दे रहा है, वहीं दूसरी तरफ अधिकारियों की लापरवाही के चलते यह योजना सफल नहीं हो पा रही है. उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के 119 रेलवे स्टेशन (Solar panels installed at 119 railway stations) सौर ऊर्जा से जगमगाने थे, अफसरों की लापरवाही के चलते सिर्फ 25 स्टेशनों व कार्यालयों पर ही सोलर पैनल लग सके. यह तब है जब सौर ऊर्जा के उपयोग पर रेलवे बोर्ड का फोकस है.

रेलवे बोर्ड की तरफ से ऊर्जा संरक्षण को ध्यान में रखते हुए सोलर पैनल का प्रयोग बढ़ाने का प्लान बनाया था. इस योजना के तहत उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के करीब 119 रेलवे स्टेशनों पर सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा के उपयोग से बिजली बिल घटाने की योजना थी. रेलवे स्टेशनों से लेकर दफ्तरों तक सोलर पैनल लगाने थे. रेलवे की तरफ से सोलर पैनलों की खरीदारी भी कर ली गई, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से ऐसा नहीं हो पाया.

रेलवे के अधिकारी बताते हैं कि सिर्फ 25 रेलवे स्टेशनों और कार्यालयों पर ही अब तक सोलर पैनल लगाए गए हैं. रेलवे की अब तक इन स्टेशनों पर लगे सोलर पैनलों से एक करोड़ 16 लाख रुपए से ज्यादा की बिजली बचत हुई है. रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, ज्यादातर रेलवे स्टेशनों पर सौर ऊर्जा से ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है, जबकि रेलवे बोर्ड का सात हजार रेलवे स्टेशनों पर इन पैनलों को लगाने का लक्ष्य है. रेलवे बोर्ड के अधिकारी के मुताबिक, उत्तर की तुलना में दक्षिण के जोनों पर सोलर पैनल लगाने की कवायद तेजी से की जा रही है.


चारबाग रेलवे स्टेशन पर तकरीबन चार साल पूर्व सोलर पैनल मंगाए गए थे, लेकिन शेड कमजोर होने के कारण इन्हें स्टेशन पर फिट नहीं किया जा सका. लम्बे समय तक सोलर पैनल सरकुलेटिंग एरिया में खुले में पड़े रहे. इन पैनलों को जर्जर होने से बचाने के लिए उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के छोटे स्टेशनों पर फिट करा दिया गया, जिससे छोटे स्टेशन जगमगा रहे हैं, लेकिन चारबाग रेलवे स्टेशन पर सोलर पैनल लगाकर बिजली बचाने की योजना फिलहाल ठंडे बस्ते में है.



उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा का कहना है कि 25 लोकेशंस पर सोलर पैनल लगा दिए गए हैं. शेष स्टेशन, दफ्तर और काॅलोनियों में सोलर पैनल लगाने की प्रक्रिया जारी है. सोलर पैनल लगने से रेलवे को फायदा भी हो रहा है. अब तक लगभग सोलर पैनल से उत्पादित ऊर्जा से एक करोड़ 16 लाख रुपए की बचत की जा चुकी है. चारबाग रेलवे स्टेशन पर अभी मेंटेनेंस का काम चल रहा है. यहां पर भी सोलर पैनल लगाए जाएंगे, जिससे बिजली की बचत होगी.

यह भी पढ़ें : प्रदेश के कई जिलों की आबोहवा जहरीली, सांस में परेशानी और आंखों की जलन की समस्या वाले मरीज बढ़े

जानकारी देते संवाददाता अखिल पांडेय

लखनऊ : एक तरफ रेलवे प्रशासन सूरज की रोशनी का इस्तेमाल कर बिजली खपत में होने वाले व्यय को कम करने पर जोर दे रहा है, वहीं दूसरी तरफ अधिकारियों की लापरवाही के चलते यह योजना सफल नहीं हो पा रही है. उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के 119 रेलवे स्टेशन (Solar panels installed at 119 railway stations) सौर ऊर्जा से जगमगाने थे, अफसरों की लापरवाही के चलते सिर्फ 25 स्टेशनों व कार्यालयों पर ही सोलर पैनल लग सके. यह तब है जब सौर ऊर्जा के उपयोग पर रेलवे बोर्ड का फोकस है.

रेलवे बोर्ड की तरफ से ऊर्जा संरक्षण को ध्यान में रखते हुए सोलर पैनल का प्रयोग बढ़ाने का प्लान बनाया था. इस योजना के तहत उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के करीब 119 रेलवे स्टेशनों पर सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा के उपयोग से बिजली बिल घटाने की योजना थी. रेलवे स्टेशनों से लेकर दफ्तरों तक सोलर पैनल लगाने थे. रेलवे की तरफ से सोलर पैनलों की खरीदारी भी कर ली गई, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से ऐसा नहीं हो पाया.

रेलवे के अधिकारी बताते हैं कि सिर्फ 25 रेलवे स्टेशनों और कार्यालयों पर ही अब तक सोलर पैनल लगाए गए हैं. रेलवे की अब तक इन स्टेशनों पर लगे सोलर पैनलों से एक करोड़ 16 लाख रुपए से ज्यादा की बिजली बचत हुई है. रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, ज्यादातर रेलवे स्टेशनों पर सौर ऊर्जा से ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है, जबकि रेलवे बोर्ड का सात हजार रेलवे स्टेशनों पर इन पैनलों को लगाने का लक्ष्य है. रेलवे बोर्ड के अधिकारी के मुताबिक, उत्तर की तुलना में दक्षिण के जोनों पर सोलर पैनल लगाने की कवायद तेजी से की जा रही है.


चारबाग रेलवे स्टेशन पर तकरीबन चार साल पूर्व सोलर पैनल मंगाए गए थे, लेकिन शेड कमजोर होने के कारण इन्हें स्टेशन पर फिट नहीं किया जा सका. लम्बे समय तक सोलर पैनल सरकुलेटिंग एरिया में खुले में पड़े रहे. इन पैनलों को जर्जर होने से बचाने के लिए उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के छोटे स्टेशनों पर फिट करा दिया गया, जिससे छोटे स्टेशन जगमगा रहे हैं, लेकिन चारबाग रेलवे स्टेशन पर सोलर पैनल लगाकर बिजली बचाने की योजना फिलहाल ठंडे बस्ते में है.



उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा का कहना है कि 25 लोकेशंस पर सोलर पैनल लगा दिए गए हैं. शेष स्टेशन, दफ्तर और काॅलोनियों में सोलर पैनल लगाने की प्रक्रिया जारी है. सोलर पैनल लगने से रेलवे को फायदा भी हो रहा है. अब तक लगभग सोलर पैनल से उत्पादित ऊर्जा से एक करोड़ 16 लाख रुपए की बचत की जा चुकी है. चारबाग रेलवे स्टेशन पर अभी मेंटेनेंस का काम चल रहा है. यहां पर भी सोलर पैनल लगाए जाएंगे, जिससे बिजली की बचत होगी.

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