ETV Bharat / state

स्टाफ नर्स के सहारे जियामऊ पीएचसी, जानिए क्या है लखनऊ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का हाल - प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डाॅक्टरों की कमी

राजधानी के इन दिनों मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. वायरल बुखार से लेकर तमाम बीमारियों के मरीज पहुंच रहे हैं. राजधानी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डाॅक्टरों की कमी के चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 6, 2023, 6:05 PM IST

Updated : Sep 6, 2023, 6:49 PM IST

संवाददाता अपर्णा शुक्ला की रिपोर्ट

लखनऊ : राजधानी में लगभग 52 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, इनमें कई की स्थिति बेहद खराब है. वैसे तो सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संविदा कर्मचारी और स्टाफ नर्स के भरोसे ही चल रहे हैं. कुछ ऐसे हैं जहां पर डॉक्टर की तैनाती है, वरना कई जगहों पर स्टाफ नर्स मरीज का इलाज कर रही हैं. कहीं पर्याप्त जगह नहीं है तो कहीं कर्मचारियों की संख्या कम है, कहीं डॉक्टर नहीं हैं तो कहीं दवा नहीं है.

लखनऊ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का हाल
लखनऊ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का हाल

नहीं तैनात हैं डॉक्टर : 1090 स्थित जियामऊ क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है, जहां पर विशेषज्ञ डॉक्टर की तैनाती ही नहीं है, जबकि नियम के अनुसार, सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक डॉक्टर की तैनाती जरूर होनी चाहिए. यहां पर मरीजों की संख्या काफी है. रोजाना 50 से 60 मरीज क्षेत्र के आते हैं. जियामऊ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्टाफ नर्स प्रीति लता सिंह ने बताया कि 'रोजाना यहां पर 50 से अधिक मरीज ही इलाज के लिए आ जाते हैं. पहले यहां पर एक डाॅक्टर तैनात थे, लेकिन इस समय वह नहीं हैं. इसके बाद से कोई भी डॉक्टर यहां पर तैनात नहीं हुए हैं. काम का इतना अनुभव हो चुका है कि जो भी वायरल बुखार से पीड़ित मरीज आता है उनको दवाई लिख देते हैं, जो यहां पर उपलब्ध होती है. उन्हें दे भी देते हैं, बाकी यहां पर प्राथमिक जांच भी होनी शुरू हो गई है.'

लखनऊ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का हाल
लखनऊ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का हाल
जियामऊ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्टाफ नर्स प्रीति लता सिंह
जियामऊ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्टाफ नर्स प्रीति लता सिंह



मरीज को होती है समस्या : जियामऊ स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर दिखने पहुंची महिला मरीज ने कहा कि 'जिस क्षेत्र में यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है, उसके आसपास बहुत सारे घर हैं, इसलिए यहां पर मरीज आते रहते हैं. यहां पर दवाई भी मिल जाती है. कुछ दवाई होती हैं जो नहीं मिल पाती हैं. अगर यहां पर एक विशेषज्ञ डॉक्टर की तैनाती हो जाती है तो इस क्षेत्र के लोगों के लिए बहुत अच्छी बात होगी, क्योंकि उन्हें प्राथमिक इलाज विशेषज्ञ डॉक्टर से ही मिल सकेगा. इसके लिए उन्हें अगली सुबह होने तक का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. रात में अगर किसी मरीज को दिक्कत होती है तो वह दिखा पाएगा. बाकी यहां के स्टाफ नर्स और कर्मचारी का व्यवहार काफी अच्छा है और अच्छे से देखते हैं.'

लखनऊ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का हाल
लखनऊ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का हाल
डाॅ. सरोज श्रीवास्तव
डाॅ. सरोज श्रीवास्तव

भर्ती करने के लिए जगह नहीं : हजरतगंज स्थित बालू अड्डा क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल काफी खराब है. ऐसा इसलिए है क्योंकि यहां पर जितनी मरीजों की संख्या है उसको देखते हुए जिस जगह पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है वह जगह काफी छोटी है. कम जगह होने के चलते यहां पर कभी भी मरीज को भर्ती नहीं किया जाता है, जो मरीज आते हैं उनको प्राथमिक इलाज दिया जाता है. एक-दो ग्लूकोज चढ़ाने के बाद उन्हें अन्य अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है, क्योंकि रात भर या दिन भर मरीज को भर्ती करने की जगह ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में है ही नहीं. इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक रिटायर पैथोलॉजिस्ट डॉ. सरोज श्रीवास्तव तैनात हैं, इनके अलावा बाकी नौ स्टाफ है. इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सबसे बड़ी समस्या जगह की है.



इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल ने कहा कि 'प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लगभग हर क्षेत्र में है. देखा जाए तो ऐसी जगह पर पीएचसी है, जहां पर एंबुलेंस आराम से जा सकती है. ऐसी कोई खास दिक्कत नहीं है. यहां पर दवाई भी पर्याप्त पहुंचती है और हर जगह एक डॉक्टर की तैनाती है. बालू अड्डा स्थित पीएचसी के लिए वहां की कर्मचारियों को कहा गया है कि सरकार के द्वारा जो बजट है उसके अनुसार आप जगह ढूंढ लें, लेकिन उस क्षेत्र में सरकार के बजट से अधिक जगह का किराया है, जिसकी वजह से उस पीएचसी की शिफ्टिंग नहीं हो पा रही है. जैसे ही जगह मिल जाएगी पीएचसी को शिफ्ट कर दिया जाएगा.'

यह भी पढ़ें : Physical Deformity : शारीरिक कुरूपता के कारण युवा कर रहे खुद से नफरत, विशेषज्ञ से जानिए समाधान

यह भी पढ़ें : सरकारी अस्पतालों में बढ़े वायरल फीवर के मरीज, चिकित्सकों ने दी यह सलाह

संवाददाता अपर्णा शुक्ला की रिपोर्ट

लखनऊ : राजधानी में लगभग 52 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, इनमें कई की स्थिति बेहद खराब है. वैसे तो सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संविदा कर्मचारी और स्टाफ नर्स के भरोसे ही चल रहे हैं. कुछ ऐसे हैं जहां पर डॉक्टर की तैनाती है, वरना कई जगहों पर स्टाफ नर्स मरीज का इलाज कर रही हैं. कहीं पर्याप्त जगह नहीं है तो कहीं कर्मचारियों की संख्या कम है, कहीं डॉक्टर नहीं हैं तो कहीं दवा नहीं है.

लखनऊ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का हाल
लखनऊ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का हाल

नहीं तैनात हैं डॉक्टर : 1090 स्थित जियामऊ क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है, जहां पर विशेषज्ञ डॉक्टर की तैनाती ही नहीं है, जबकि नियम के अनुसार, सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक डॉक्टर की तैनाती जरूर होनी चाहिए. यहां पर मरीजों की संख्या काफी है. रोजाना 50 से 60 मरीज क्षेत्र के आते हैं. जियामऊ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्टाफ नर्स प्रीति लता सिंह ने बताया कि 'रोजाना यहां पर 50 से अधिक मरीज ही इलाज के लिए आ जाते हैं. पहले यहां पर एक डाॅक्टर तैनात थे, लेकिन इस समय वह नहीं हैं. इसके बाद से कोई भी डॉक्टर यहां पर तैनात नहीं हुए हैं. काम का इतना अनुभव हो चुका है कि जो भी वायरल बुखार से पीड़ित मरीज आता है उनको दवाई लिख देते हैं, जो यहां पर उपलब्ध होती है. उन्हें दे भी देते हैं, बाकी यहां पर प्राथमिक जांच भी होनी शुरू हो गई है.'

लखनऊ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का हाल
लखनऊ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का हाल
जियामऊ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्टाफ नर्स प्रीति लता सिंह
जियामऊ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्टाफ नर्स प्रीति लता सिंह



मरीज को होती है समस्या : जियामऊ स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर दिखने पहुंची महिला मरीज ने कहा कि 'जिस क्षेत्र में यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है, उसके आसपास बहुत सारे घर हैं, इसलिए यहां पर मरीज आते रहते हैं. यहां पर दवाई भी मिल जाती है. कुछ दवाई होती हैं जो नहीं मिल पाती हैं. अगर यहां पर एक विशेषज्ञ डॉक्टर की तैनाती हो जाती है तो इस क्षेत्र के लोगों के लिए बहुत अच्छी बात होगी, क्योंकि उन्हें प्राथमिक इलाज विशेषज्ञ डॉक्टर से ही मिल सकेगा. इसके लिए उन्हें अगली सुबह होने तक का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. रात में अगर किसी मरीज को दिक्कत होती है तो वह दिखा पाएगा. बाकी यहां के स्टाफ नर्स और कर्मचारी का व्यवहार काफी अच्छा है और अच्छे से देखते हैं.'

लखनऊ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का हाल
लखनऊ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का हाल
डाॅ. सरोज श्रीवास्तव
डाॅ. सरोज श्रीवास्तव

भर्ती करने के लिए जगह नहीं : हजरतगंज स्थित बालू अड्डा क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल काफी खराब है. ऐसा इसलिए है क्योंकि यहां पर जितनी मरीजों की संख्या है उसको देखते हुए जिस जगह पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है वह जगह काफी छोटी है. कम जगह होने के चलते यहां पर कभी भी मरीज को भर्ती नहीं किया जाता है, जो मरीज आते हैं उनको प्राथमिक इलाज दिया जाता है. एक-दो ग्लूकोज चढ़ाने के बाद उन्हें अन्य अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है, क्योंकि रात भर या दिन भर मरीज को भर्ती करने की जगह ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में है ही नहीं. इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक रिटायर पैथोलॉजिस्ट डॉ. सरोज श्रीवास्तव तैनात हैं, इनके अलावा बाकी नौ स्टाफ है. इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सबसे बड़ी समस्या जगह की है.



इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल ने कहा कि 'प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लगभग हर क्षेत्र में है. देखा जाए तो ऐसी जगह पर पीएचसी है, जहां पर एंबुलेंस आराम से जा सकती है. ऐसी कोई खास दिक्कत नहीं है. यहां पर दवाई भी पर्याप्त पहुंचती है और हर जगह एक डॉक्टर की तैनाती है. बालू अड्डा स्थित पीएचसी के लिए वहां की कर्मचारियों को कहा गया है कि सरकार के द्वारा जो बजट है उसके अनुसार आप जगह ढूंढ लें, लेकिन उस क्षेत्र में सरकार के बजट से अधिक जगह का किराया है, जिसकी वजह से उस पीएचसी की शिफ्टिंग नहीं हो पा रही है. जैसे ही जगह मिल जाएगी पीएचसी को शिफ्ट कर दिया जाएगा.'

यह भी पढ़ें : Physical Deformity : शारीरिक कुरूपता के कारण युवा कर रहे खुद से नफरत, विशेषज्ञ से जानिए समाधान

यह भी पढ़ें : सरकारी अस्पतालों में बढ़े वायरल फीवर के मरीज, चिकित्सकों ने दी यह सलाह

Last Updated : Sep 6, 2023, 6:49 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.