लखनऊः विभूति खंड के कठौता चौराहे पर 6 जनवरी की रात हुई गैंगवार में हरियाणा के शूटर बंटी उर्फ मुस्तफा ने मऊ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह उर्फ लंगड़ा पर .30 की पिस्टल से 5 गोलियां दागी थी. यह बात उसने गुरुवार को 10 घंटे की रिमांड के दौरान पूर्वी जोन पुलिस के सामने कुबूली है.
पुलिस ने पिस्टल और फोन बरामद किए
पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि अजीत की हत्या के बाद उसने पिस्टल और मोबाइल को अलकनंदा एनक्लेव के बेसमेंट में छुपा दिया था. विवेचक चंदशेखर सिंह उसे लेकर अपार्टमेंट पहुंच गए. वहां से पिस्टल के साथ दो मोबाइल भी बरामद किए गए. पुलिस ने इसके बाद फिर से पूछताछ शुरू हुई तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं. बंटी ने बताया कि वह बागपत के तुकाना हत्याकांड के बाद फरारी काट रहा था. इसी दौरान वह लखनऊ पहुंचा था. यहां उसकी मुलाकात गिरधारी और अंकुर से हो गई. दोनों ने उससे एक काम करने के बारे में पूछा. इस पर उसने दोनों कहा कि वे इस सिलसिले में भैया सुनील राठी से बात कर लें.
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बाहुबली ने फोन कर शूटर को सुनाया फरमान
सूत्र बताते हैं कि शातिर गिरधारी राठी से बात करता, तब तक उसके पास बाहुबली का फोन पहुंच चुका था. इसके बाद उसने काम की हामी भर दी और बंटी अजीत की हत्या के लिए तैयार किए जा रहे शूटरों की लिस्ट में शामिल हो गया. पुलिस पूछताछ के लिए बंटी को सुबह 9 बजे लाई थी और शाम 6 बजे जेल पहुंचा दिया.
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टिल्लू गैंग का सदस्य था बंटी
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बंटी पहले पश्चिमी दिल्ली के टिल्लू गैंग का सदस्य था. उस गैंग की गूगी गैंग से रंजिश चल रही थी. इसलिए दोनों में गैंगवार हो गई. बाद में टिल्लू ने बंटी को गूगी गैंग के शूटर कमांडो की हत्या के लिए भेज दिया. सका सामना बंटी से हुआ तो उसने साथी पर हमले से पहले ही डंबल से हमला कर दिया. हमले में बंटी का साथी ही मारा गया. साथी का कत्ल होने के बाद कमांडो की हत्या कर बंटी वहां से भाग निकला. इसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ कर जेल भेज दिया. तीन साल बाद वह जेल से छूटा तो वह टिल्लू गैंग को छोड़कर सुनील राठी के गैंग में शामिल हो गया.