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यूपी में रोड सेफ्टी; सड़क हादसों के हालात बदतर, मौत का आंकड़ा भी बढ़ा - ROAD SAFETY IN UP

यूपी में सड़क सुरक्षा के नाम पर हर साल लाखों का बजट खपा दिया जाता है. हालांकि धरातल पर व्यवस्था पूरी तरह चौपट है.

सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी की बैठक.
सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी की बैठक. (Photo Credit ; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 6, 2025, 9:06 AM IST

लखनऊ : योजना भवन में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के चेयरमैन जस्टिस एएम सप्रे ने सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक कर यूपी में रोड सेफ्टी की स्थिति जानी. इस दौरान परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि सड़क सुरक्षा की प्रगति में काफी सुधार है. वहीं परिवहन विभाग के आंकड़ों में हादसों और मौतों की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में बढ़ी हैं. ब्लैक स्पॉट की संख्या में भी इजाफा हुआ है. बैठक में परिवहन विभाग, पुलिस, निर्माण इकाइयों समेत 18 विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.





करोड़ों खर्च, नतीजा सिफर : सड़क सुरक्षा से जुड़े विभागों ने हादसों पर मंथन करना शुरू कर दिया है. सरकार की प्राथमिकताओं में हर साल करोड़ों रुपये सड़क सुरक्षा पर खर्च किए जाते हैं. इसमें परिवहन विभाग के साथ लोक निर्माण विभाग, जिला प्रशासन समेत कई विभाग होते हैं. परिवहन विभाग नोडल है. करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है. पिछले पांच वर्षों में लगातार बढ़ते हादसे सड़क सुरक्षा में लगे विभागों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं.

ओवरस्पीडिंग से काल के गाल में समाए सबसे ज्यादा लोग

  • 49 फीसदी मौतें ओवरस्पीडिंग से.
  • 12 फीसदी मौतें रॉन्ग साइड ड्राइविंग से.
  • सात फीसदी मौतें वाहन चलाते समय मोबाइल के प्रयोग से.
  • आठ फीसदी मौतें ड्रंकन ड्राइव से.
  • 23 फीसदी मौतें अन्य वजहों से.
  • 36 फीसदी मौतें दोपहिया व साइकिल से चलने वालों के.
  • 17 फीसदी चार पहिया वाहनों वालों की मौतें.
  • 15 फीसदी ट्रक व बस से चलने वालों की मौतें.
  • नौ फीसद पैदल चलने वालों की मौतें.

अपराध चालान

2019-20 2020-21 2021-22 2022-23 2023-24 2024-25 (अप्रैल-जनवरी)

  • बिना हेलमेट 353193 282079 296521 436107 542733 478405
  • बिना सीटबेल्ट 116813 87916 96915 133221 148601 127239
  • मोबाइल प्रयोग 10034 14844 19181 37303 53294 45237
  • ओवरस्पीडिंग 36046 75028 45696 118992 194599 346986
  • रॉन्ग साइड ड्राइविंग 10894 9918 25940 42885 39486 ---------
  • ओवरलोडिंग 75152 84926 77555 141946 88521 71638


10 गुना बढ़ी ओवरस्पीडिंग

परिवहन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 2019-20 की तुलना में 2024-25 में ओवरस्पीडिंग करीब 10 गुना बढ़ी है. परिवहन विभाग ने सड़क हादसों से संबंधित ब्यौरा जारी किया है. इसमें विभिन्न मामलों में किए गए चालान की कार्रवाई से अंदाजा लगाया जा सकता है.

यूपी में सड़क दुर्घटना का आंकड़े.
यूपी में सड़क दुर्घटना का आंकड़े. (Photo Credit ; ETV Bharat)
दुर्घटनाओं के प्रकार
  • 36 फीसदी हादसे दो पहिया व साइकिल से चलने वालों के.
  • 50 फीसदी हादसे ओवरस्पीडिंग व ड्रंकन ड्राइव से.
  • 27 फीसदी हादसे रॉन्ग साइड ड्राइविंग, ड्राइविंग के दौरान मोबाइल प्रयोग व ड्रंक एंड ड्राइव से.
  • 23 फीसदी दुर्घटनाओं के कई अन्य कारण

यह भी पढ़ें : योगी सरकार इन पदों पर लाने जा रही बंपर भर्ती...पढ़िए पूरी खबर - up government jobs - UP GOVERNMENT JOBS

यह भी पढ़ें : सड़क सुरक्षा के नाम पर फिर होगी खानापूरी, हादसे रोकने के लिए नहीं हो रहे सही उपाय - सड़क सुरक्षा अभियान लखनऊ

लखनऊ : योजना भवन में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के चेयरमैन जस्टिस एएम सप्रे ने सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक कर यूपी में रोड सेफ्टी की स्थिति जानी. इस दौरान परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि सड़क सुरक्षा की प्रगति में काफी सुधार है. वहीं परिवहन विभाग के आंकड़ों में हादसों और मौतों की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में बढ़ी हैं. ब्लैक स्पॉट की संख्या में भी इजाफा हुआ है. बैठक में परिवहन विभाग, पुलिस, निर्माण इकाइयों समेत 18 विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.





करोड़ों खर्च, नतीजा सिफर : सड़क सुरक्षा से जुड़े विभागों ने हादसों पर मंथन करना शुरू कर दिया है. सरकार की प्राथमिकताओं में हर साल करोड़ों रुपये सड़क सुरक्षा पर खर्च किए जाते हैं. इसमें परिवहन विभाग के साथ लोक निर्माण विभाग, जिला प्रशासन समेत कई विभाग होते हैं. परिवहन विभाग नोडल है. करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है. पिछले पांच वर्षों में लगातार बढ़ते हादसे सड़क सुरक्षा में लगे विभागों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं.

ओवरस्पीडिंग से काल के गाल में समाए सबसे ज्यादा लोग

  • 49 फीसदी मौतें ओवरस्पीडिंग से.
  • 12 फीसदी मौतें रॉन्ग साइड ड्राइविंग से.
  • सात फीसदी मौतें वाहन चलाते समय मोबाइल के प्रयोग से.
  • आठ फीसदी मौतें ड्रंकन ड्राइव से.
  • 23 फीसदी मौतें अन्य वजहों से.
  • 36 फीसदी मौतें दोपहिया व साइकिल से चलने वालों के.
  • 17 फीसदी चार पहिया वाहनों वालों की मौतें.
  • 15 फीसदी ट्रक व बस से चलने वालों की मौतें.
  • नौ फीसद पैदल चलने वालों की मौतें.

अपराध चालान

2019-20 2020-21 2021-22 2022-23 2023-24 2024-25 (अप्रैल-जनवरी)

  • बिना हेलमेट 353193 282079 296521 436107 542733 478405
  • बिना सीटबेल्ट 116813 87916 96915 133221 148601 127239
  • मोबाइल प्रयोग 10034 14844 19181 37303 53294 45237
  • ओवरस्पीडिंग 36046 75028 45696 118992 194599 346986
  • रॉन्ग साइड ड्राइविंग 10894 9918 25940 42885 39486 ---------
  • ओवरलोडिंग 75152 84926 77555 141946 88521 71638


10 गुना बढ़ी ओवरस्पीडिंग

परिवहन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 2019-20 की तुलना में 2024-25 में ओवरस्पीडिंग करीब 10 गुना बढ़ी है. परिवहन विभाग ने सड़क हादसों से संबंधित ब्यौरा जारी किया है. इसमें विभिन्न मामलों में किए गए चालान की कार्रवाई से अंदाजा लगाया जा सकता है.

यूपी में सड़क दुर्घटना का आंकड़े.
यूपी में सड़क दुर्घटना का आंकड़े. (Photo Credit ; ETV Bharat)
दुर्घटनाओं के प्रकार
  • 36 फीसदी हादसे दो पहिया व साइकिल से चलने वालों के.
  • 50 फीसदी हादसे ओवरस्पीडिंग व ड्रंकन ड्राइव से.
  • 27 फीसदी हादसे रॉन्ग साइड ड्राइविंग, ड्राइविंग के दौरान मोबाइल प्रयोग व ड्रंक एंड ड्राइव से.
  • 23 फीसदी दुर्घटनाओं के कई अन्य कारण

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