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क्या है 'फ्रेंड बैक्टीरिया'?, शुगर समेत कई बीमारियों में कैसे हैं फायदेमंद, जानिए विशेषज्ञ की सलाह - DIABETES TREATMENT

वरिष्ठ चिकित्सक ने 200 मरीजों पर किए गए शोध के आधार पर क्या दावा किया जानिए.

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स्वस्थ शरीर के लिए ज़रूरी हैं अच्छे बैक्टीरिया (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 6, 2025, 11:28 AM IST

Updated : Feb 6, 2025, 11:50 AM IST

कानपुर : अक्सर ही ऐसा देखने में आता है, जब लोग लगातार कई बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. चिकित्सकों का मानना है यह स्थिति तब बनती है जब हमारे शरीर में बैड बैक्टीरिया की अधिकता हो जाती है और दोस्त कहे जाने वाले गुड बैक्टीरिया की संख्या घट जाती है. गौर करने वाली बात यह भी है, अगर हमारे शरीर में दोस्त बैक्टीरिया की संख्या अधिक होगी तो हमारा शरीर पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा और शुगर जैसी खतरनाक बीमारियों समेत मोटापा, त्वचा रोग के साथ-साथ कई अन्य बीमारियां भी हमसे दूर रहेंगी. दोस्त बैक्टीरिया के प्रभाव को लेकर शहर के एलएलआर अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर एस.के गौतम ने एक शोध किया जिसमें यह परिणाम सामने आए कि मरीजों के शरीर में दोस्त बैक्टीरिया की संख्या अधिक होने पर मरीज पूरी तरह से निरोग रह सकते हैं.


मरीजों पर किए गए शोध के मिले सफल परिणाम: वरिष्ठ चिकित्सक एस.के गौतम ने बताया अस्पताल के 200 मरीजों पर गुड बैक्टीरिया के प्रभावों को लेकर शोध किया गया. देखा गया जब ऐसे मरीजों को प्रीबायोटिक, प्रोबायोटिक समेत ऐसे फल, सब्जियां और अन्य फाइबर युक्त पदार्थ दिए गए, जिससे गुड बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ सकती थी, तो उसके सफल परिणाम भी सामने आए.

वरिष्ठ चिकित्सक एस.के गौतम से जानिए (Video Credit; ETV Bharat)


गुड बैक्टीरिया से बैलेन्स होते हैं हार्मोंस : गुड बैक्टीरिया की अधिकता होने की वजह से शरीर में अच्छे हार्मोंस भी सक्रिय हुए और इसकी वजह से इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ गई. जिससे मरीज शुगर जैसी बीमारी से भी पूरी तरह ठीक हो गए. कई मरीज जो मोटापे का शिकार थे, उन्हें भी राहत मिली और जिन मरीजों में रोग उभर कर सामने आ रहे थे, वह भी काफी हद तक ठीक हो गया.

डॉ. एसके गौतम ने कहा कुछ ऐसे बिंदु हैं, जिनका ध्यान रखते हुए हम अपने जीवन शैली में भी बदलाव ला सकते हैं और शरीर में गुड बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ा सकते हैं. उन्होंने कहा शरीर में जब गुड और बैड बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ता है तो उस स्थिति को डिसबायोसिस कहा जाता है और उस समय मरीज बहुत हद तक बीमार हो जाता है. इसलिए हमेशा आमजन को यह कोशिश करनी होगी, शरीर में दोस्त बैक्टीरिया की ही संख्या को हम बढ़ाएं.


इन बातों का रखें ध्यान तो बढ़ेंगे गुड बैक्टीरिया :

  • रोजमर्रा कामों के दौरान किसी तरह का तनाव न लें, टेंशन होने पर मेडिटेशन करें.
  • रोजाना 3 से 4 लीटर पानी जरूर पिएं.
  • दही, सेब, पपीता, केला, ब्रोकली, बादाम, हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें समेत अन्य फाइबर वाले खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें.
  • सप्ताह में पांच दिनों तक 30 मिनट रोजाना ब्रिस्क वॉक करें, स्विमिंग करें या कोई अन्य एक्सरसाइज करें.
  • जंक फूड पैक्ड फूड अधिक शक्कर, तेल, घी वाले खाद्य पदार्थों से दूरी बनाये रखें.


    (डिस्क्लेमर: इस खबर में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है. हम किसी भी तथ्य का दावा नहीं करते हैं. कृपया सलाह अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें.)

यह भी पढ़ें : गाड़ी वाले रईस TAX देने में कंजूस; यूपी के अमीरों ने परिवहन विभाग को नहीं चुकाए टैक्स के 2100 करोड़

कानपुर : अक्सर ही ऐसा देखने में आता है, जब लोग लगातार कई बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. चिकित्सकों का मानना है यह स्थिति तब बनती है जब हमारे शरीर में बैड बैक्टीरिया की अधिकता हो जाती है और दोस्त कहे जाने वाले गुड बैक्टीरिया की संख्या घट जाती है. गौर करने वाली बात यह भी है, अगर हमारे शरीर में दोस्त बैक्टीरिया की संख्या अधिक होगी तो हमारा शरीर पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा और शुगर जैसी खतरनाक बीमारियों समेत मोटापा, त्वचा रोग के साथ-साथ कई अन्य बीमारियां भी हमसे दूर रहेंगी. दोस्त बैक्टीरिया के प्रभाव को लेकर शहर के एलएलआर अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर एस.के गौतम ने एक शोध किया जिसमें यह परिणाम सामने आए कि मरीजों के शरीर में दोस्त बैक्टीरिया की संख्या अधिक होने पर मरीज पूरी तरह से निरोग रह सकते हैं.


मरीजों पर किए गए शोध के मिले सफल परिणाम: वरिष्ठ चिकित्सक एस.के गौतम ने बताया अस्पताल के 200 मरीजों पर गुड बैक्टीरिया के प्रभावों को लेकर शोध किया गया. देखा गया जब ऐसे मरीजों को प्रीबायोटिक, प्रोबायोटिक समेत ऐसे फल, सब्जियां और अन्य फाइबर युक्त पदार्थ दिए गए, जिससे गुड बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ सकती थी, तो उसके सफल परिणाम भी सामने आए.

वरिष्ठ चिकित्सक एस.के गौतम से जानिए (Video Credit; ETV Bharat)


गुड बैक्टीरिया से बैलेन्स होते हैं हार्मोंस : गुड बैक्टीरिया की अधिकता होने की वजह से शरीर में अच्छे हार्मोंस भी सक्रिय हुए और इसकी वजह से इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ गई. जिससे मरीज शुगर जैसी बीमारी से भी पूरी तरह ठीक हो गए. कई मरीज जो मोटापे का शिकार थे, उन्हें भी राहत मिली और जिन मरीजों में रोग उभर कर सामने आ रहे थे, वह भी काफी हद तक ठीक हो गया.

डॉ. एसके गौतम ने कहा कुछ ऐसे बिंदु हैं, जिनका ध्यान रखते हुए हम अपने जीवन शैली में भी बदलाव ला सकते हैं और शरीर में गुड बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ा सकते हैं. उन्होंने कहा शरीर में जब गुड और बैड बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ता है तो उस स्थिति को डिसबायोसिस कहा जाता है और उस समय मरीज बहुत हद तक बीमार हो जाता है. इसलिए हमेशा आमजन को यह कोशिश करनी होगी, शरीर में दोस्त बैक्टीरिया की ही संख्या को हम बढ़ाएं.


इन बातों का रखें ध्यान तो बढ़ेंगे गुड बैक्टीरिया :

  • रोजमर्रा कामों के दौरान किसी तरह का तनाव न लें, टेंशन होने पर मेडिटेशन करें.
  • रोजाना 3 से 4 लीटर पानी जरूर पिएं.
  • दही, सेब, पपीता, केला, ब्रोकली, बादाम, हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें समेत अन्य फाइबर वाले खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें.
  • सप्ताह में पांच दिनों तक 30 मिनट रोजाना ब्रिस्क वॉक करें, स्विमिंग करें या कोई अन्य एक्सरसाइज करें.
  • जंक फूड पैक्ड फूड अधिक शक्कर, तेल, घी वाले खाद्य पदार्थों से दूरी बनाये रखें.


    (डिस्क्लेमर: इस खबर में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है. हम किसी भी तथ्य का दावा नहीं करते हैं. कृपया सलाह अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें.)

यह भी पढ़ें : गाड़ी वाले रईस TAX देने में कंजूस; यूपी के अमीरों ने परिवहन विभाग को नहीं चुकाए टैक्स के 2100 करोड़

Last Updated : Feb 6, 2025, 11:50 AM IST
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