ETV Bharat / state

स्वामी प्रसाद मौर्य के जातीय बयानों से समाजवादी पार्टी पसोपेश में, सपा को हो सकता है नुकसान - Analysis of UP Bureau Chief Alok Tripathi

वरिष्ठ सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदू कोई धर्म ही नहीं कहकर एक बार फिर विपक्ष को तगड़ा मौका दे दिया है. स्वामी के इस बयान पर संत समाज ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. स्वामी का यह बयान भले ही उनकी निजी सोच हो, लेकिन समाजवादी पार्टी को मुसीबत में जरूर डाल दिया है. पढ़ें यूपी के ब्यूरो चीफ आलोक त्रिपाठी का विश्लेषण.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 29, 2023, 8:56 PM IST

स्वामी प्रसाद मौर्य के जातीय बयानों से समाजवादी पार्टी पसोपेश में. देखें खबर


लखनऊ : पूर्व मंत्री और वरिष्ठ सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर विवादित बयान देकर पार्टी को मुसीबत में डाल दिया है. रविवार को वह एक कार्यक्रम में कह गए कि हिंदू कोई धर्म ही नहीं है. ब्राह्मण धर्म को ही लोग हिंदू धर्म कहने लगे हैं. इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदुओं और रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों का तीखा विरोध भी हुआ और बाद में सपा ने ऐसे बयानों से कन्नी भी काट ली. ताजा बयान से एक बार फिर पार्टी में विरोधाभास सामने आने लगा है. पूर्व मंत्री और वरिष्ठ सपा नेता मनोज पांडेय ने कहा है कि किसी भी नेता को बादल की ओर मुंह करके नहीं थूकना चाहिए, क्योंकि में छींटे अपने ऊपर ही आती हैं. इन दिनों ऐसे बयानों पर चर्चा तेज है कि सपा को ऐसे बयानों का फायदा कम और नुकसान ज्यादा हो सकता है.

स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान.
स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान.




गौरतलब है कि पिछले दिनों पूर्व मंत्री और वरिष्ठ सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि समाज में सारी विषमता का कारण ब्राह्मणवाद ही है. हिंदू धर्म नाम का कोई धर्म है ही नहीं. हिंदू धर्म केवल धोखा है. सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म हैं, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को अपने भ्रम के जाल में फंसाने की इनकी एक साजिश हैं. इस बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए अयोध्या के संत स्वामी परमहंस आज समाजवादी पार्टी के मुख्यालय पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि वह सपा अध्यक्ष से मिलकर चर्चा करने के लिए आए हैं. यदि अखिलेश यादव मिलेंगे तो ठीक है, यदि नहीं मिलेंगे तो चले जाएंगे. स्वामी परमहंस कहते हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य जिस पार्टी में रहे हैं, उसका नुकसान ही किया है. सपा में आने के बाद से ही वह लगातार अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. अखिलेश यादव ने कहा था कि यदि उनकी सरकार आएगी तो वह दुनिया की सबसे बड़ी परशुराम की मूर्ति बनवाएंगे. अब यह पार्टी अध्यक्ष के विरोध वाला बयान दे रहे हैं. वह कहते हैं कि अखिलेश यादव से मिलकर अपना दुख और शिकायत दर्ज कराना चाहता हूं. वह कहते हैं कि यदि अखिलेश यादव उनसे मिलते हैं तो वह उनसे कहेंगे कि या तो स्वामी प्रसाद अपनी टिप्पणी के लिए क्षमा मांगे अथवा उन्हें सपा से निष्काशित क्या जाए.

स्वामी प्रसाद मौर्य के जातीय बयानों से पसोपेश में समाजवादी पार्टी.  फाइल फोटो
स्वामी प्रसाद मौर्य के जातीय बयानों से पसोपेश में समाजवादी पार्टी. फाइल फोटो



वैसे तो इन बयानों के बाद समाजवादी पार्टी की ओर से खामोशी छाई रही. प्रवक्ता पार्टी प्रमुख से मार्गदर्शन की प्रतीक्षा करते रहे कि इन्हें इस पर क्या स्टैंड लेना है. हालांकि देर शाम पूर्व मंत्री मनोज पांडेय के बयान से यह साफ हो गया है कि पार्टी का एक खेमा तो ऐसे बयानों से नाराज है ही. कई नेता दबी जुबान कह रहे हैं कि पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा और पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों पर नकेल कसनी चाहिए. पार्टी के एक बड़े नेता और पूर्व मंत्री नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि सपा को इसका भारी नुसकान होगा. ऐसे बयान देने से लाभ ही क्या है? जब आप हिंदुओं पर हमला करते हैं तो बहुसंख्य मतदाताओं को नाराज करते हैं. वोटर अब इतना समझदार हो गया है कि उसे पता है कि ऐसी बयानबाजी सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए की जा रही है. अब जबकि लोकसभा के चुनाव कुछ माह बाद ही होने हैं तो इस प्रकार के बयानों की जरूरत ही क्या है? वह कहते हैं कि क्या पार्टी या पार्टी अध्यक्ष यह मानते हैं कि सपा को एक भी ब्राह्मण वोट नहीं देता? यदि नहीं तो वह मतदाता जो हमें वोट देता था, अब देना बंद कर देगा. उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी तैयारी कम और हमारी गलतियों से ज्यादा लाभ ले जाती है. जरूरत है कि हम गलती पर गलती न करें और असल मुद्दों पर लड़ाई लड़ें.

यह भी पढ़ें : Raksha Bandhan 2023: अयोध्या के पुजारी से जानिए रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त, बहनें कब भाइयों को बांधे राखी

स्वामी प्रसाद मौर्य के जातीय बयानों से समाजवादी पार्टी पसोपेश में. देखें खबर


लखनऊ : पूर्व मंत्री और वरिष्ठ सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर विवादित बयान देकर पार्टी को मुसीबत में डाल दिया है. रविवार को वह एक कार्यक्रम में कह गए कि हिंदू कोई धर्म ही नहीं है. ब्राह्मण धर्म को ही लोग हिंदू धर्म कहने लगे हैं. इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदुओं और रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों का तीखा विरोध भी हुआ और बाद में सपा ने ऐसे बयानों से कन्नी भी काट ली. ताजा बयान से एक बार फिर पार्टी में विरोधाभास सामने आने लगा है. पूर्व मंत्री और वरिष्ठ सपा नेता मनोज पांडेय ने कहा है कि किसी भी नेता को बादल की ओर मुंह करके नहीं थूकना चाहिए, क्योंकि में छींटे अपने ऊपर ही आती हैं. इन दिनों ऐसे बयानों पर चर्चा तेज है कि सपा को ऐसे बयानों का फायदा कम और नुकसान ज्यादा हो सकता है.

स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान.
स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान.




गौरतलब है कि पिछले दिनों पूर्व मंत्री और वरिष्ठ सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि समाज में सारी विषमता का कारण ब्राह्मणवाद ही है. हिंदू धर्म नाम का कोई धर्म है ही नहीं. हिंदू धर्म केवल धोखा है. सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म हैं, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को अपने भ्रम के जाल में फंसाने की इनकी एक साजिश हैं. इस बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए अयोध्या के संत स्वामी परमहंस आज समाजवादी पार्टी के मुख्यालय पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि वह सपा अध्यक्ष से मिलकर चर्चा करने के लिए आए हैं. यदि अखिलेश यादव मिलेंगे तो ठीक है, यदि नहीं मिलेंगे तो चले जाएंगे. स्वामी परमहंस कहते हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य जिस पार्टी में रहे हैं, उसका नुकसान ही किया है. सपा में आने के बाद से ही वह लगातार अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. अखिलेश यादव ने कहा था कि यदि उनकी सरकार आएगी तो वह दुनिया की सबसे बड़ी परशुराम की मूर्ति बनवाएंगे. अब यह पार्टी अध्यक्ष के विरोध वाला बयान दे रहे हैं. वह कहते हैं कि अखिलेश यादव से मिलकर अपना दुख और शिकायत दर्ज कराना चाहता हूं. वह कहते हैं कि यदि अखिलेश यादव उनसे मिलते हैं तो वह उनसे कहेंगे कि या तो स्वामी प्रसाद अपनी टिप्पणी के लिए क्षमा मांगे अथवा उन्हें सपा से निष्काशित क्या जाए.

स्वामी प्रसाद मौर्य के जातीय बयानों से पसोपेश में समाजवादी पार्टी.  फाइल फोटो
स्वामी प्रसाद मौर्य के जातीय बयानों से पसोपेश में समाजवादी पार्टी. फाइल फोटो



वैसे तो इन बयानों के बाद समाजवादी पार्टी की ओर से खामोशी छाई रही. प्रवक्ता पार्टी प्रमुख से मार्गदर्शन की प्रतीक्षा करते रहे कि इन्हें इस पर क्या स्टैंड लेना है. हालांकि देर शाम पूर्व मंत्री मनोज पांडेय के बयान से यह साफ हो गया है कि पार्टी का एक खेमा तो ऐसे बयानों से नाराज है ही. कई नेता दबी जुबान कह रहे हैं कि पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा और पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों पर नकेल कसनी चाहिए. पार्टी के एक बड़े नेता और पूर्व मंत्री नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि सपा को इसका भारी नुसकान होगा. ऐसे बयान देने से लाभ ही क्या है? जब आप हिंदुओं पर हमला करते हैं तो बहुसंख्य मतदाताओं को नाराज करते हैं. वोटर अब इतना समझदार हो गया है कि उसे पता है कि ऐसी बयानबाजी सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए की जा रही है. अब जबकि लोकसभा के चुनाव कुछ माह बाद ही होने हैं तो इस प्रकार के बयानों की जरूरत ही क्या है? वह कहते हैं कि क्या पार्टी या पार्टी अध्यक्ष यह मानते हैं कि सपा को एक भी ब्राह्मण वोट नहीं देता? यदि नहीं तो वह मतदाता जो हमें वोट देता था, अब देना बंद कर देगा. उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी तैयारी कम और हमारी गलतियों से ज्यादा लाभ ले जाती है. जरूरत है कि हम गलती पर गलती न करें और असल मुद्दों पर लड़ाई लड़ें.

यह भी पढ़ें : Raksha Bandhan 2023: अयोध्या के पुजारी से जानिए रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त, बहनें कब भाइयों को बांधे राखी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.