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गरीबी नहीं, गरीब हटाओ के फार्मूले पर काम कर रही बीजेपी : अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने महंगाई को लेकर सरकार पर तंज कसा है. अखिलेश यादव ने कहा कि बढ़ती महंगाई से जनता कराह रही है, बीजेपी सरकार हर जरूरी सामानों पर महंगाई बढ़ाती जा रही है. अखिलेश ने कहा कि बीजेपी का फार्मूला गरीबी हटाओ का नहीं, बल्कि गरीबों को हटाओ का है.

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Published : Jul 3, 2021, 9:34 AM IST

सपा प्रमुख अखिलेश यादव
सपा प्रमुख अखिलेश यादव

लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बढ़ती महंगाई बयान जारी कर सरकार पर तंज कसा है. अखिलेश ने कहा कि कहने को 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा खूब लगाया जाता है, लेकिन हकीकत में भाजपा केवल कुछ पूंजीपतियों के विश्वास पर ही काम करती है. जनसामान्य की तकलीफों को कम करने के बजाय वह उनमें और बढ़ोत्तरी करने की साजिशें करती रहती है. अखिलेश ने कहा कि कृषि अर्थव्यस्था को बर्बाद करने के बाद अब बीजेपी की सरकार घरेलू अर्थव्यवस्था को भी चैपट करने में लग गई है.


समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जारी बयान में कहा है कि भाजपा जब से सत्ता में आई है, मंहगाई विकराल बनती गई है. चारों तरफ इसके प्रसार से आम आदमी की तो कमर ही टूट गई है. मंहगाई के जरिए भाजपा हर क्षेत्र में अभाव की स्थिति फैदा करने में लगी है ताकि लोग भूख, कुपोषण और बीमारी की वजह से काल के गाल में समा जाएं, अखिलेश ने कहा बीजेपी का फार्मूला गरीबी हटाने के लिए गरीब को ही तबाह करने का है.


पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से महंगाई और बढ़ी
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की दैनिक आवश्यकता है. इसके महंगे होने से दैनिक उपभोग की वस्तुएं भी खुद ही महंगी हो जाती हैं. पेट्रोल दो महीने में 10 प्रतिशत से ज्यादा मंहगा हुआ है तो डीजल के दाम भी दिन-दूनी, रात-चैगुनी की कहावत के अनुसार बढ़ रहे हैं. कृषि और परिवहन के दामों में भारी वृद्धि से ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है. किसान सिंचाई, खाद-बीज, कीट नाशक, कृषियंत्र व जुताई के बढ़े दामों से हुई परेशानी बता भी नहीं पाया कि उस पर बिजली की बढ़ी दरें थोप दी गईं है.

पढ़ें- मरीजों को मिलेगी राहत : यूपी के गांव-गांव में लगेंगे हेल्थ एटीएम

अखिलेश ने कहा कि डीजल की दर पिछले छह महीने में 40 फीसद तक बढ़ गई हैं. इसकी तुलना में माल ढुलाई की दरों में 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. माल भाड़ा बढ़ने से सब्जी-फल व अन्य सभी जरूरी वस्तुओं के दाम भी बढ़ गए हैं. पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों से परिवहन सेवाएं टेम्पों, बस, रेल, के भाड़े में भारी उछाल आया है. अब खबर है कि रसोई गैस के दामों में भी भारी वृद्धि कर दी गई है. सब्सिडी वाला गैस सिलेण्डर 25 से 50 रुपये महंगा हो गया है, जबकि कामार्शिलय सिलेंडर 84 रुपये महंगा हो गया है.


कुपोषण और गरीबी से लोग परेशान
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि कुपोषण और भूख से बिलबिलाते बच्चों की पीड़ा से विचलित कई माता-पिताओं द्वारा कभी-कभी अमानवीय कदम भी उठा लिए जाते हैं. अभी एक मां ने अपनी बच्ची को दफना दिया था, जिसे लोगों ने बचाया. कहीं पिता बच्चों को स्टेशन या अस्पताल में छोड़कर भाग गए. कहीं मां-बाप ने बच्चों के साथ आत्महत्या कर ली.

उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की राय है कि देश में मंहगाई का दौर अभी थमने वाला नहीं है. वैसे भी कोरोना महामारी से कई सामाजिक-आर्थिक संकट पैदा हुए हैं. उद्योगधंधों के बंद होने से बेरोजगारी बढ़ी है. लोगों की आय घटी है. भाजपा सरकार ने बड़े लोगों को कई राहतें दी हैं पर जनसामान्य की तकलीफों पर उसने निगाह भी नहीं डाली है. वह गरीब को ही खत्म कर देना चाहती है.

लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बढ़ती महंगाई बयान जारी कर सरकार पर तंज कसा है. अखिलेश ने कहा कि कहने को 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा खूब लगाया जाता है, लेकिन हकीकत में भाजपा केवल कुछ पूंजीपतियों के विश्वास पर ही काम करती है. जनसामान्य की तकलीफों को कम करने के बजाय वह उनमें और बढ़ोत्तरी करने की साजिशें करती रहती है. अखिलेश ने कहा कि कृषि अर्थव्यस्था को बर्बाद करने के बाद अब बीजेपी की सरकार घरेलू अर्थव्यवस्था को भी चैपट करने में लग गई है.


समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जारी बयान में कहा है कि भाजपा जब से सत्ता में आई है, मंहगाई विकराल बनती गई है. चारों तरफ इसके प्रसार से आम आदमी की तो कमर ही टूट गई है. मंहगाई के जरिए भाजपा हर क्षेत्र में अभाव की स्थिति फैदा करने में लगी है ताकि लोग भूख, कुपोषण और बीमारी की वजह से काल के गाल में समा जाएं, अखिलेश ने कहा बीजेपी का फार्मूला गरीबी हटाने के लिए गरीब को ही तबाह करने का है.


पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से महंगाई और बढ़ी
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की दैनिक आवश्यकता है. इसके महंगे होने से दैनिक उपभोग की वस्तुएं भी खुद ही महंगी हो जाती हैं. पेट्रोल दो महीने में 10 प्रतिशत से ज्यादा मंहगा हुआ है तो डीजल के दाम भी दिन-दूनी, रात-चैगुनी की कहावत के अनुसार बढ़ रहे हैं. कृषि और परिवहन के दामों में भारी वृद्धि से ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है. किसान सिंचाई, खाद-बीज, कीट नाशक, कृषियंत्र व जुताई के बढ़े दामों से हुई परेशानी बता भी नहीं पाया कि उस पर बिजली की बढ़ी दरें थोप दी गईं है.

पढ़ें- मरीजों को मिलेगी राहत : यूपी के गांव-गांव में लगेंगे हेल्थ एटीएम

अखिलेश ने कहा कि डीजल की दर पिछले छह महीने में 40 फीसद तक बढ़ गई हैं. इसकी तुलना में माल ढुलाई की दरों में 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. माल भाड़ा बढ़ने से सब्जी-फल व अन्य सभी जरूरी वस्तुओं के दाम भी बढ़ गए हैं. पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों से परिवहन सेवाएं टेम्पों, बस, रेल, के भाड़े में भारी उछाल आया है. अब खबर है कि रसोई गैस के दामों में भी भारी वृद्धि कर दी गई है. सब्सिडी वाला गैस सिलेण्डर 25 से 50 रुपये महंगा हो गया है, जबकि कामार्शिलय सिलेंडर 84 रुपये महंगा हो गया है.


कुपोषण और गरीबी से लोग परेशान
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि कुपोषण और भूख से बिलबिलाते बच्चों की पीड़ा से विचलित कई माता-पिताओं द्वारा कभी-कभी अमानवीय कदम भी उठा लिए जाते हैं. अभी एक मां ने अपनी बच्ची को दफना दिया था, जिसे लोगों ने बचाया. कहीं पिता बच्चों को स्टेशन या अस्पताल में छोड़कर भाग गए. कहीं मां-बाप ने बच्चों के साथ आत्महत्या कर ली.

उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की राय है कि देश में मंहगाई का दौर अभी थमने वाला नहीं है. वैसे भी कोरोना महामारी से कई सामाजिक-आर्थिक संकट पैदा हुए हैं. उद्योगधंधों के बंद होने से बेरोजगारी बढ़ी है. लोगों की आय घटी है. भाजपा सरकार ने बड़े लोगों को कई राहतें दी हैं पर जनसामान्य की तकलीफों पर उसने निगाह भी नहीं डाली है. वह गरीब को ही खत्म कर देना चाहती है.

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