लखनऊ : प्रदेश सरकार सरकारी नौकरियों में समूह ख और ग की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है. प्रस्तावित व्यवस्था में चयन के बाद कर्मचारियों को शुरुआती 5 वर्ष तक संविदा के आधार पर नियुक्त करने की योजना है. इस दौरान उन्हें नियमित सरकारी सेवकों को मिलने वाले अनुमन्य सेवा संबंधी लाभ नहीं मिलेंगे. 5 वर्ष की कठिन संविदा सेवा के दौरान जो छटनी से बच पाएंगे उन्हें मौलिक नियुक्ति मिल सकेगी. शासन का कार्मिक विभाग इस प्रस्ताव को कैबिनेट के समक्ष विचार के लिए लाने की तैयारी कर रहा है. इस प्रस्ताव पर विभागों से राय मशवरा भी शुरू कर दिया गया है.
सपा छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि योगी सरकार का चेहरा खुल कर धीरे-धीरे अब सामने आने लगा है. ये समूह ख और समूह ग की नौकरियों में जो नयी व्यवस्था लागू करने जा रहे हैं, यह युवाओं के साथ अन्याय है. ये नौजवानों से 5 साल की संविदा की नौकरी कराने के बाद ये तय करेंगे कि 5 साल नौकरी कर चुका नौजवान अब नौकरी करने लायक है कि नहीं. यानी कि जो लड़का पढ़-लिख कर अपनी योग्यता परीक्षा देने के बाद भी 5 साल इस डर में रहेगा कि कहीं उसकी नौकरी न चली जाए. उन्होंने कहा कि 5 साल नौकरी देने के बाद अगर सरकार उसको बाहर कर देती है तो सोचिए वह अपने जीवन के 5 साल देने के बाद नौकरी कहा कर पायेगा.
सपा छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसी तमाम तकनीकी खामियों के साथ ये व्यवस्था लागू करने का प्रयास किया जा रहा है. सीधे-सीधे उत्तर प्रदेश के नौजवानों को कही न कही दिहाड़ी मजदूर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. अंग्रेजों की हुकूमत की तरह गुलाम बनाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो सपा छात्र सभा इस लड़ाई को लड़ेगी. सड़कों पर उतरेगी और नौजवानों को हक दिलाने का काम करेगी.