लखनऊ : कोहरे का प्रकोप भले ही कम हो गया हो, लेकिन अभी भी ट्रेनों की लेटलतीफी का सिलसिला थमा नहीं है. एक या दो घंटे नहीं, बल्कि ट्रेनें 12-12 घंटे देरी से स्टेशन पर पहुंच रही हैं. अपनी ट्रेन के इंतजार में यात्रियों को कई घंटे स्टेशनों पर गुजारने पड़ रहे हैं. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि "धीरे-धीरे कोहरा कम हो रहा है तो ट्रेनों का संचालन भी पटरी पर आ रहा है. कुछ ट्रेनें ही लंबी दूरी वाली लेट चल रही हैं बाकी थोड़ी बहुत देरी से स्टेशन पर पहुंच जा रही हैं."
कोहरे के कारण मंगलवार को 19166 साबरमती एक्सप्रेस चारबाग स्टेशन पर साढ़े 12 घंटे की देरी से पहुंची. मंगलवार को 14650 सरयू यमुना पौने सात घंटे, 09466 दरभंगा-अहमदाबाद साढ़े आठ घंटे, 12232 चंडीगढ़ लखनऊ सुरपफास्ट पौने छह घंटे, 12332 हिमगिरी पांच घंटे, 13308 गंगा-सतलुज सवा चार घंटे, 22356 चंडीगढ़-पाटलिपुत्र एक्सप्रेस साढ़े तीन घंटे, 09452 भागलपुर-गांधीधाम स्पेशल सवा तीन घंटे, 13006 अमृतसर हावड़ा व 12238 बेगमपुरा ढाई-ढाई घंटे की देरी से आईं. इसके अलावा पांच अन्य ट्रेनें एक से लेकर पौने दो घंटे की देरी से स्टेशन पर पहुंचीं. घंटों लेट चलने वाली ट्रेनों के चलते यात्रियों की दिक्कतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. ट्रेनों की तरह अमौसी एयरपोर्ट से लखनऊ से रियाद की उड़ान 2:38 घंटा लेट उड़ी. दिल्ली की एयर एशिया की उड़ान 55 मिनट, बेंगलुरू की गो-एयर की उड़ान 45 और एयर एशिया की फ्लाइट डेढ़ घंटे लेट रही. इसके अलावा करीब आधा दर्जन और उड़ानें आधा घंटा से लेकर एक घंटा तक लेट रहीं.
देर से ट्रेनों के चलने और फ्लाइट के उड़ने से यात्रियों को अभी संकट का सामना करना पड़ रहा है. यात्रियों की यात्रा प्रभावित हो रही है, हालांकि पिछले दो दिनों से मौसम में काफी सुधार हुआ है. ऐसे में आगे उम्मीद की जा सकती है कि जल्द ही ट्रेनों के संचालन में और फ्लाइट्स की उड़ान में सुधार होगा.
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