लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष के रूप में सोमवार को रिटायर्ड IAS अरविंद कुमार ने पदभार ग्रहण कर लिया. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने अरविंद कुमार को पद की शपथ दिलाई. यूपी में विद्युत दरों और टैरिफ प्लान समेत सभी डिस्कॉम के कामकाज पर नियामक आयोग नजर रखता है. अब चेयरमैन अरविंद कुमार ही बिजली दरों से संबंधित फैसले लेंगे.
अरविंद कुमार को सेवानिवृत्त होने के बाद नियामक आयोग के चेयरमैन जैसे महत्वपूर्ण पद का दायित्व सौंपा गया है. इससे पहले भी वह ऊर्जा विभाग में अपर प्रमुख सचिव रह चुके हैं. जिस समय वह ऊर्जा विभाग में अपर मुख्य सचिव थे उसी समय पावर कारपोरेशन में कर्मचारियों के जीपीएफ का मुद्दा तेजी से उठा था. इस दौरान पावर कारपोरेशन के पूर्व एमडी रहे एपी मिश्रा को जेल भी भेजा गया था. रिटायर्ड आईएएस अरविंद कुमार ने प्रमुख सचिव गृह की भी जिम्मेदारी अच्छी तरह से निभाई थी. अपने सेवाकाल के दौरान जब वह सेवानिवृत्त हुए तब अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास के पद पर तैनात थे. अरविंद कुमार को औद्योगिक सेक्टर का सीएम का सलाहकार बनाया गया था. 1988 बैच के IAS अरविंद कुमार ने GIS के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 35 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आया था. सफल आयोजन के चलते ही अब एक बार फिर अरविंद कुमार को नियामक आयोग के चेयरमैन का जिम्मा सौंपा गया है.
बता दें कि विद्युत नियामक आयोग ऐसी संस्था है जो बिजली विभाग से संबंधित सभी प्रस्तावों को रेगुलेट करती है. बिजली कंपनियां बिजली दरों से संबंधित जो भी प्रस्ताव देती है उन पर फैसला नियामक आयोग ही करता है. उपभोक्ताओं से संबंधित जो भी शिकायतें होती हैं उनकी भी याचिका नियामक आयोग में ही दाखिल होती है और इसका फैसला चेयरमैन ही करते हैं.