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Red Brigade : बस्ती की युवती से जानने वाले ने की रेप की कोशिश, अब युवतियों और महिलाओं को सिखा रही आत्मरक्षा के गुर - रेड बिग्रेड ऊषा विश्वकर्मा

मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ के मिशन शक्ति की तर्ज पर रेड बिग्रेड की संस्थापक ऊषा विश्वकर्मा (Usha Vishwakarma) भी युवतियों और महिलाओं को आत्मरक्षा और स्वावलंबन के गुर सिखा रही हैं. ऊषा के इस मिशन के पीछे उनके निजी संघर्ष के गहरे जख्म हैं. जिनसे उबरने के बाद ऊषा ने एक अनोखा ही रास्त अपनाया. देखें विस्तृत खबर

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 21, 2023, 11:04 PM IST

रेड ब्रिगेड की ऊषा विश्वकर्मा से खास बातचीत.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ ने नवरात्र के एक दिन पहले ही मिशन शक्ति अभियान की शुरुआत की ताकि महिलाएं स्वावलंबन और आत्मनिर्भर हो सकें. राजधानी लखनऊ में एक ऐसी ही महिला है जिनका नाम ऊषा विश्वकर्मा है ने अपनी जिंदगी में ऐसा ही मुकाम हासिल किया है. ऊषा ने सवा दो लाख से भी अधिक महिलाओं-बच्चियों को आत्मरक्षा की तकनीक सिखाई. उनमें आत्मविश्वास जगाया ताकि बेटियां सिर उठाकर चल सकें. यूपी को अन्‍तर्राष्‍ट्रीय व राष्‍ट्रीय स्‍तर पर सम्मान दिलाने वाली ऊषा विश्वकर्मा का जन्म बस्‍ती जिले में हुआ और परवरिश लखनऊ में हुई. साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली ऊषा वर्ष 2011 से महिलाओं की सुरक्षा, स्‍वावलंबन व सम्‍मान के लिए काम कर रही हैं.

रेड ब्रिगेड की ऊषा विश्वकर्मा की राय.
रेड ब्रिगेड की ऊषा विश्वकर्मा की राय.

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान ऊषा विश्वकर्मा ने कहा कि रेड ब्रिगेड संस्था सम्मान आत्मविश्वास और हक की लड़ाई के लिए है. संस्था वर्ष 2011 में शुरू हुई थी. देश भर में अब तक सवा दो लाख लड़कियों को आत्म सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है. लखनऊ के अलावा रेड ब्रिगेड प्रदेश के कई जिलों में भी सक्रिय है और वहां पर भी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर एवं अन्य जगहों पर भी छात्राओं को आत्मसुरक्षा की ट्रेनिंग दी जाती है.

रेड ब्रिगेड की ऊषा विश्वकर्मा.
रेड ब्रिगेड की ऊषा विश्वकर्मा.



ऊषा ने बताया कि एक दौर ऐसा था जब मैं पूरी तरह से टूट चुकी थी. क्योंकि मेरा दिमाग शून्य हो गया था. जब मैं लगभग 18 वर्ष की थी, उस समय मैं लखनऊ के एक सरकारी स्कूल से इंटरमीडिएट की शिक्षा पूरी कर रही थी, और पास की झुग्गी बस्तियों में बच्चों को पढ़ाने के लिए एक गैर-लाभकारी संस्था के साथ काम कर रही थी. जिस शख्स ने मुझ पर हमला किया वह मेरा सहकर्मी ही था. उसने रेप करने की कोशिश की, लेकिन मैंने बड़ी हिम्मत करते हुए खुद को बचाया. वह एक ऐसा समय था जब मैं पूरी तरह से टूट चुकी थी. वह घटना कभी पूरी नहीं जा सकती.



ऊषा ने कहा कि प्रदेश सरकार की मिशन शक्ति-4 की शुरुआत काफी सराहनीय है. हालांकि स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों को आत्म सुरक्षा का गुण सिखाना जरूरी है. इसके तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वाभिलंबी बनाने की पूरी कोशिश की जा रही है. महिला का आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है. इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि वह आत्म सुरक्षा के गुण से वाकिफ हो. यदि एक महिला को आत्म सुरक्षा की ट्रेनिंग दी जाए तो यह उसके लिए काफी मददगार साबित होता है. कम से कम वह अपनी खुद सुरक्षा कर सकेगी. अगर कभी किसी जगह फंस जाती है या उसके साथ कुछ घटनाएं घटित होती है तो कम से कम वहां पर अपने आप को बचा सके.

यह भी पढ़ें : महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध के मामले में यूपी नंबर वनः NCRB रिपोर्ट

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रेड ब्रिगेड की ऊषा विश्वकर्मा से खास बातचीत.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ ने नवरात्र के एक दिन पहले ही मिशन शक्ति अभियान की शुरुआत की ताकि महिलाएं स्वावलंबन और आत्मनिर्भर हो सकें. राजधानी लखनऊ में एक ऐसी ही महिला है जिनका नाम ऊषा विश्वकर्मा है ने अपनी जिंदगी में ऐसा ही मुकाम हासिल किया है. ऊषा ने सवा दो लाख से भी अधिक महिलाओं-बच्चियों को आत्मरक्षा की तकनीक सिखाई. उनमें आत्मविश्वास जगाया ताकि बेटियां सिर उठाकर चल सकें. यूपी को अन्‍तर्राष्‍ट्रीय व राष्‍ट्रीय स्‍तर पर सम्मान दिलाने वाली ऊषा विश्वकर्मा का जन्म बस्‍ती जिले में हुआ और परवरिश लखनऊ में हुई. साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली ऊषा वर्ष 2011 से महिलाओं की सुरक्षा, स्‍वावलंबन व सम्‍मान के लिए काम कर रही हैं.

रेड ब्रिगेड की ऊषा विश्वकर्मा की राय.
रेड ब्रिगेड की ऊषा विश्वकर्मा की राय.

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान ऊषा विश्वकर्मा ने कहा कि रेड ब्रिगेड संस्था सम्मान आत्मविश्वास और हक की लड़ाई के लिए है. संस्था वर्ष 2011 में शुरू हुई थी. देश भर में अब तक सवा दो लाख लड़कियों को आत्म सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है. लखनऊ के अलावा रेड ब्रिगेड प्रदेश के कई जिलों में भी सक्रिय है और वहां पर भी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर एवं अन्य जगहों पर भी छात्राओं को आत्मसुरक्षा की ट्रेनिंग दी जाती है.

रेड ब्रिगेड की ऊषा विश्वकर्मा.
रेड ब्रिगेड की ऊषा विश्वकर्मा.



ऊषा ने बताया कि एक दौर ऐसा था जब मैं पूरी तरह से टूट चुकी थी. क्योंकि मेरा दिमाग शून्य हो गया था. जब मैं लगभग 18 वर्ष की थी, उस समय मैं लखनऊ के एक सरकारी स्कूल से इंटरमीडिएट की शिक्षा पूरी कर रही थी, और पास की झुग्गी बस्तियों में बच्चों को पढ़ाने के लिए एक गैर-लाभकारी संस्था के साथ काम कर रही थी. जिस शख्स ने मुझ पर हमला किया वह मेरा सहकर्मी ही था. उसने रेप करने की कोशिश की, लेकिन मैंने बड़ी हिम्मत करते हुए खुद को बचाया. वह एक ऐसा समय था जब मैं पूरी तरह से टूट चुकी थी. वह घटना कभी पूरी नहीं जा सकती.



ऊषा ने कहा कि प्रदेश सरकार की मिशन शक्ति-4 की शुरुआत काफी सराहनीय है. हालांकि स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों को आत्म सुरक्षा का गुण सिखाना जरूरी है. इसके तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वाभिलंबी बनाने की पूरी कोशिश की जा रही है. महिला का आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है. इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि वह आत्म सुरक्षा के गुण से वाकिफ हो. यदि एक महिला को आत्म सुरक्षा की ट्रेनिंग दी जाए तो यह उसके लिए काफी मददगार साबित होता है. कम से कम वह अपनी खुद सुरक्षा कर सकेगी. अगर कभी किसी जगह फंस जाती है या उसके साथ कुछ घटनाएं घटित होती है तो कम से कम वहां पर अपने आप को बचा सके.

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