लखनऊ: अचानक मौसम में परिवर्तन होने से कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश तथा ओलावृष्टि हुई थी, जिससे आम की फसलों को नुकसान हुआ था. इसी के चलते आम के फलों में रस चूसने वाले कीटों का आक्रमण अत्यधिक बढ़ रहा है. इन कीटों से किसान काफी चिंतित दिखाई दे रहे हैं. कृषि विशेषज्ञ ने राय दी कि लगने वाले इन कीटों से फसल को कैसे बचाया जाए.
कृषि विशेषज्ञ ने ईटीवी भारत से की बातचीत
ईटीवी से बातचीत के दौरान कृषि विशेषज्ञ डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आम की फसल पर जब फरवरी मार्च में बारिश हो जाती है तो आम में भुनगा कीट का प्रकोप बढ़ता है. जिससे आम के फूलों में लासा लग जाता है. इसे प्रतिबंधित करना बहुत जरूरी है. अगर इसका समय से प्रबंधन नहीं किया जाता तो किसान का अधिक नुकसान हो जाता है.
बेमौसम बारिश होने से आम की फसल पर बीमारी का प्रकोप बहुत अधिक बढ़ेगा. उन्होंने किसानों को सलाह दी कि टमाटर, मटर, मिर्च और बैगन फसलों की निगरानी करते रहें. इस समय बीमारियों के साथ चूसने वाले कीटों का प्रकोप बढ़ेगा. बेमौसम बरसात होने के कारण जायद में कद्दू वर्ग की सब्जियों, तरबूज एवं खरबूजा की बुआई लेट हो जाएगी. जिससे किसानों को अधिक निगरानी करने की जरूरत पड़ेगी.
दवा का छिड़काव होगा लाभकारी
रस चूसने वाले कीटों को प्रतिबंधित करने के लिए एकतारा अथवा इमिडाक्लोप्रिड में से किसी एक का छिड़काव करें. 1.5 एमएल मात्रा को 1 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव लाभकारी होगा. इस समय आम की फसल में पुष्पन चल रहा है. बरसात हो जाने से सफेद चूर्णी रोग का प्रकोप अधिक बढ़ेगा. इसके लिए सल्फर की 3 ग्राम मात्रा को 1 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव लाभप्रद होगा.