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लखनऊ: यूपी उर्दू अकादमी की चेयरपर्सन ने खुद को दिया 1 लाख का अवॉर्ड, जांच के आदेश - यूपी उर्दू अकादमी

उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी पुरस्कार वितरण में इस बार बड़ा खेल हो गया है. बता दें कि इस बार के अवॉर्ड वितरण सूची में तीन अवॉर्ड पाने वाले अकादमी के ही सदस्य हैं. इसके लिए शासन ने उर्दू अकादमी से तीन दिन के अंदर जवाब मांगा है.

यूपी उर्दू अकादमी पुरस्कार वितरण पर सरकार ने लगाई रोक.
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Published : Sep 27, 2019, 9:47 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी में साल 2018 के अवार्ड के नामों का ऐलान होते ही मामला विवादों के घेरे में आ गया है. मामले के सुर्खियों में आने का कारण यह है कि उर्दू अकादमी की ओर से दिए गए 186 अवार्ड में तीन महत्वपूर्ण अवार्ड अकादमी के ही सदस्यों ने ले लिए हैं, जिसमें अकादमी के अध्यक्ष प्रो. आसिफा जमानी भी शामिल हैं.

यूपी उर्दू अकादमी पुरस्कार वितरण पर सरकार ने लगाई रोक.

इसे भी पढ़ें :- लखनऊ: विश्व पर्यटन दिवस पर बारिश का दखल, अधर में आयोजन

एकेडमी के सदस्यों को ही मिल रहे अवार्ड
यूपी उर्दू एकेडमी में इस साल अवॉर्ड देने वाले ही अवॉर्ड लेने वालों की भीड़ में शामिल हो गए. दरअसल उर्दू के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वालों को उर्दू अकादमी के तरफ से सम्मानित किया जाता है. वहीं इस साल कुल 186 लोगों को अलग-अलग कैटगरी में अवार्ड देने का फैसला किया गया, लेकिन बाद में पता चला कि सूची में अकादमी के चेयरपर्सन और दो सदस्यों के नाम भी शामिल थे. मामला सुर्खियों में आने के बाद शासन ने नोटिस जारी कर इस मामले पर यूपी उर्दू अकादमी से सफाई मांगते हुए तीन दिन के अंदर जवाब मांगा है. साथ ही अवॉर्ड वितरण पर रोक भी लगा दी है.

बताते चलें कि उर्दू अकादमी की ओर से पुरस्कार दिए जाने वालों में अकादमी की अध्यक्ष आसिफा जमानी को एक लाख रूपये का डॉ. सुगरा मेहंदी अवार्ड दिया जाना है. वहीं प्रो. अब्बास रजा नैयर को एक लाख 50 हजार का अमीर खुसरो अवार्ड और आफताब अहमद अफाकि को एक लाख 50 हजार का प्रो. मोहम्मद हसन के नाम का अवॉर्ड मिलने का एलान है.

अगर यह अवार्ड नियम के खिलाफ दिए गए हैं तो यह हमको कतई मंजूर नहीं है. लिहाजा अगर नियम के मुताबिक अवार्ड नहीं हुए तो इस अवार्ड को वापस कर दिया जाएगा.
-प्रो. आसिफा जमानी, चैयरपर्सन, यूपी उर्दू अकादमी

इनाम वितरण करने वाले अगर खुद ही इनाम ले रहे हैं तो यह शर्मनाक है. पुरस्कार देने वाले को इल्मी हैसियत देखकर पुरस्कार देना चाहिए न कि अवार्ड की बंदरबांट होनी चाहिए.
-प्रो. फजले इमाम रिजवी, उर्दू के जानकार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी में साल 2018 के अवार्ड के नामों का ऐलान होते ही मामला विवादों के घेरे में आ गया है. मामले के सुर्खियों में आने का कारण यह है कि उर्दू अकादमी की ओर से दिए गए 186 अवार्ड में तीन महत्वपूर्ण अवार्ड अकादमी के ही सदस्यों ने ले लिए हैं, जिसमें अकादमी के अध्यक्ष प्रो. आसिफा जमानी भी शामिल हैं.

यूपी उर्दू अकादमी पुरस्कार वितरण पर सरकार ने लगाई रोक.

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एकेडमी के सदस्यों को ही मिल रहे अवार्ड
यूपी उर्दू एकेडमी में इस साल अवॉर्ड देने वाले ही अवॉर्ड लेने वालों की भीड़ में शामिल हो गए. दरअसल उर्दू के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वालों को उर्दू अकादमी के तरफ से सम्मानित किया जाता है. वहीं इस साल कुल 186 लोगों को अलग-अलग कैटगरी में अवार्ड देने का फैसला किया गया, लेकिन बाद में पता चला कि सूची में अकादमी के चेयरपर्सन और दो सदस्यों के नाम भी शामिल थे. मामला सुर्खियों में आने के बाद शासन ने नोटिस जारी कर इस मामले पर यूपी उर्दू अकादमी से सफाई मांगते हुए तीन दिन के अंदर जवाब मांगा है. साथ ही अवॉर्ड वितरण पर रोक भी लगा दी है.

बताते चलें कि उर्दू अकादमी की ओर से पुरस्कार दिए जाने वालों में अकादमी की अध्यक्ष आसिफा जमानी को एक लाख रूपये का डॉ. सुगरा मेहंदी अवार्ड दिया जाना है. वहीं प्रो. अब्बास रजा नैयर को एक लाख 50 हजार का अमीर खुसरो अवार्ड और आफताब अहमद अफाकि को एक लाख 50 हजार का प्रो. मोहम्मद हसन के नाम का अवॉर्ड मिलने का एलान है.

अगर यह अवार्ड नियम के खिलाफ दिए गए हैं तो यह हमको कतई मंजूर नहीं है. लिहाजा अगर नियम के मुताबिक अवार्ड नहीं हुए तो इस अवार्ड को वापस कर दिया जाएगा.
-प्रो. आसिफा जमानी, चैयरपर्सन, यूपी उर्दू अकादमी

इनाम वितरण करने वाले अगर खुद ही इनाम ले रहे हैं तो यह शर्मनाक है. पुरस्कार देने वाले को इल्मी हैसियत देखकर पुरस्कार देना चाहिए न कि अवार्ड की बंदरबांट होनी चाहिए.
-प्रो. फजले इमाम रिजवी, उर्दू के जानकार

Intro:उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी में साल 2018 के अवार्ड के नामों का ऐलान होते ही मामला विवादों के घेरे में आ गया है दरअसल मामला इसलिए सुर्खियों में है क्योंकि उर्दू एकेडमी की ओर से दिए गए 186 अवार्ड में तीन महत्वपूर्ण अवार्ड एकेडमी के ही सदस्यों ने ले लिए हैं जिसमें एकेडमी के अध्यक्ष प्रोफेसर आसिफा जमानी भी शामिल है।


Body:यूपी उर्दू एकेडमी में इस साल अवार्ड दिए जाने वालों के नाम किसी के गले नहीं उतर रहे हैं क्योंकि इन अवार्ड की फेहरिस्त में अवार्ड देने वाले ही अवॉर्ड लेने वालों की भीड़ में शामिल हो गए हैं। दरअसल उर्दू अकादमी उर्दू के छेत्र में बेहतरीन काम अंजाम देने वालों को पुरस्कार से सम्मानित करती है वहीं इस साल उर्दू के बेहतरीन काम करने वाले कुल 186 लोगों को अलग अलग कैटगरी में अवार्ड देने का फैसला किया गया है लेकिन मामले में एक दिलचस्प मोड़ उस वक्त आ गया जब 186 लोगों की लिस्ट में एकेडमी के चेयर पर्सन और उसके दो और सदस्यों के नाम भी शामिल थे। मामला सुर्खियों में आने के बाद शासन ने नोटिस जारी कर उत्तर प्रदेश उर्दू अकैडमी से इस मामले पर सफाई मांगते हुए 3 दिन के अंदर जवाब मांगा है और इन अवार्ड वितरण पर फिलहाल रोक लगा दी है।

हालांकि मामला तूल पकड़ता देख बैकफुट पर आते हुए उर्दू एकेडमी के अध्यक्ष आसिफा जमानी का कहना है कि अगर यह अवार्ड नियम के खिलाफ दिए गए हैं तो यह हमको कतई मंजूर नहीं है लिहाजा अगर नियम के मुताबिक अवार्ड नहीं हुए तो वह इस अवार्ड को वापस कर देंगी। तो वहीं इस मामले पर उर्दू के जानकार एकेडमी के इस रवैया पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं। एक लंबे वक्त से उर्दू की खिदमत को अंजाम देते आ रहे प्रोफेसर फज़लें इमाम रिजवी का कहना है कि इनाम वितरण करने वाले खुद ही इनाम ले रहे हैं जो शर्मनाक है रिजवी का कहना है कि पुरस्कार देने वाले को इल्मी हैसियत देखकर पुरस्कार देना चाहिए ना की अवार्ड की बंदरबांट होनी चाहिए।

बाइट1- प्रोफेसर आसिफा ज़मानी, चैयरपर्सन, यूपी उर्दू अकादमी
बाइट2- प्रोफेसर फज़लें इमाम रिज़वी, उर्दू के जानकार


Conclusion:बताते चलें कि उर्दू एकेडमी की ओर से पुरस्कार दिए जाने वालों में उर्दू अकैडमी की अध्यक्ष आसिफा जमानी को 1 लाख रुपये का डॉक्टर सुगरा मेहंदी अवार्ड दिया जाना है तो वही उर्दू एकेडमी के ही सदस्य प्रोफ़ेसर अब्बास रजा नैयर को 1 लाख 50 हज़ार का अमीर खुसरो अवार्ड तो वहीं दूसरे मेंबर आफताब अहमद अफाकि को 1 लाख 50 हज़ार का प्रोफेसर मोहम्मद हसन के नाम वाले अवार्ड का ऐलान किया गया था जिसपर अब शासन की कैंची चलना तय माना जा रहा है।
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