लखनऊ: पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में 18 सितम्बर से राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के सभी जनपदों व परियोजनाओं में बिजली कर्मचारियों/संविदा कर्मियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं की विरोध सभाएं होंगी.
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में पूर्वांचल के सभी जनपदों में पिछले एक सितम्बर से विरोध सभाओं का क्रम चल रहा है, जो 18 सितम्बर से प्रदेश भर में होगा.
संघर्ष समिति ने सरकार से निजीकरण का प्रस्ताव निरस्त करने की मांग की है. पदाधिकारियों ने बताया कि निजीकरण के विरोध में व्यापक जन जागरण करने के लिए संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारी 21 सितम्बर से 20 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश में मंडल मुख्यालयों पर विरोध सभाएं कर कर्मचारियों और उपभोक्ताओं को जागरूक करेंगे.
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के विघटन व निजीकरण का फैसला वापस न लिया गया और इस दिशा में सरकार की ओर से कोई भी कदम उठाया गया तो ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर व अभियंता उसी समय बिना और कोई नोटिस दिए अनिश्चित कालीन आंदोलन प्रारंभ करने हेतु बाध्य होंगे. इसमें पूर्ण हड़ताल भी सम्मिलित है.
संघर्ष समिति ने विघटन और निजीकरण के बाद कर्मचारियों की सेवा शर्तों पर पड़ने वाले प्रभाव और उपभोक्ताओं के लिए बेतहाशा महंगी बिजली के रूप में आने वाली कठिनाई की ओर भी सरकार व प्रबंधन का ध्यान आकर्षित किया है. संघर्ष समिति ने निर्णय लिया है कि निजीकरण के विरोध में अनिश्चितकालीन आंदोलन चलाया जाएगा, जिसमें पूर्ण हड़ताल भी सम्मिलित होगी.