लखनऊ: राजधानी के विभूति खंड थाना क्षेत्र के कठौता चौराहे पर बीते मंगलवार को हुए गैंगवार में अजीत सिंह की हत्या कर बदमाश फरार हो गए थे. अजीत हत्या मामले पर पुलिस ने बरामद की हुई लाल डस्टर कार की मदद से शूटर तक पहुंचने का प्रयास कर रही है. बता दें कि रोहतास प्लूमेरिया अपार्टमेंट की पार्किंग में मिली लाल डस्टर कार के अंदर खून के कुछ निशान भी थे. पुलिस अंदेशा जता रही है कि वारदात को अंजाम देने के बाद शूटर इसी अपार्टमेंट में रुके थे. लाल डस्टर को बरामद करते हुए उसके साथ संदिग्ध को पुलिस ने पकड़ लिया है. जिसका नाम प्रिंस बताया जा रहा है, जो आजमगढ़ का निवासी है. उसको हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
गैंगवार में अंधाधुंध गोलियां
मिली जानकारी के मुताबिक, विभूति खंड के कठौता चौराहे पर जिस तरह से हुए गैंगवार में अंधाधुंध गोलियां चली थी. वहां से पुलिस चौकी चंद कदमों की दूरी पर ही है, लेकिन इसके बावजूद भी शूटर करीब 30 से 60 राउंड गोलियां बरसा कर बड़ी आसानी से मौके से भाग निकले. वहीं अगर सूत्रों की मानें तो जिस समय यह घटना हुई है. उस समय चौकी पर कोई भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था. जिसको लेकर लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने इस घटना पर लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने की भी बात कही थी. लेकिन इसमें बड़ा सवाल यह भी है कि चौकी पर ड्यूटी कर रहे दोषी पुलिसकर्मियों की पहचान लखनऊ के पुलिस कमिश्नर अब तक नहीं कर पाए हैं.
अजीत सिंह की हत्या के बाद फरार हुए हमलावर
बीते मंगलवार को तो बदमाशों की तरफ से हुए गैंगवार की घटना के समय घटनास्थल के पास ही मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी ने अपना नाम न बताने की शर्त पर जानकारी दी है. जिसमें उसने बताया है कि वह घटना के समय मौके पर मौजूद था. जब यह घटना हो रही थी तो वह कुछ समझ पाता. उससे पहले ही ये घटना घट गई. हमलावर द्वारा हो रही एकाएक गोलियों की तड़तड़ाहट से इलाका गूंज उठा. प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हमलावर तब तक शांत नहीं हुए जब तक अजीत की मौत नहीं हो गई. मौत होने के बाद हमलावरों ने जब तसल्ली कर ली कि अजीत सिंह मर गया है तब वे वहां से फरार हो गए.
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