लखनऊ: कोविड-19 की महामारी में देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से कई ऐसे व्यवसाय हैं जो पिछले 2 महीनों से बंद पड़े हैं. इस वजह से उन्हें काफी घाटा झेलना पड़ रहा है, लेकिन कुछ व्यवसाय खुलने के बाद भी कोरोना की मार झेल रहे हैं. शहर के अधिकतर पेट्रोल पंप का यही हाल है. लॉकडाउन के बाद से जैसे ही लोगों के घरों से निकलने पर पाबंदी लगी, वैसे ही शहर के पेट्रोल पंप पर गाड़ियों का आना-जाना बंद हो गया.
हजरतगंज स्थित तलवार पेट्रोल पंप के कर्मचारी राहुल बाजपेयी कहते हैं कि लॉकडाउन की वजह से पेट्रोल पंप पर अब गाड़ियां दिखनी बंद हो गई हैं. जहां पहले पेट्रोल पंप पर लंबी लाइन लगती थीं और सभी कर्मचारी मिलकर लगातार काम करने के बावजूद इस लाइन को खत्म नहीं कर पाते थे, वहीं अब 1 घंटे या 2 घंटे में बमुश्किल 4 गाड़ियां ही आती हैं. राहुल कहते हैं कि लॉकडाउन में पेट्रोल-डीजल के दाम भी बढ़ाए गए हैं, लेकिन इसका असर उतना देखने को नहीं मिला जितना लॉकडाउन वजह से देखने को मिल रहा है.
रंजन पेट्रोल पंप के मैनेजर दीपक शर्मा कहते हैं कि लॉकडाउन की वजह से सेल काफी हद तक घट गई है. उन्होंने बताया कि पहले हमारी सेल 5000 लीटर की होती थी, अब वह महीने में 50 से 60 लीटर की हो रही है. गाड़ियां अब आती ही नहीं हैं. दीपक कहते हैं कि इस वजह से पेट्रोल पंप मालिक कर्मचारियों का वेतन का जुगाड़ भी नहीं कर पा रहे हैं.
पेट्रोल पंप पर आए एक ग्राहक ने बताया कि लॉकडाउन से पहले उन्हें हर दूसरे दिन पेट्रोल पंप पर आना पड़ता था, पर अब एक बार पेट्रोल भरवाने पर यह 1 से 2 हफ्ते चल जाता है. वह कहते हैं कि गाड़ी कहीं निकलती नहीं है, इस वजह से ज्यादा खर्चा नहीं हो रहा है.