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UP विधानसभा चुनाव 2022 से पहले राज्यकर्मियों को कैशलेस इलाज का तोहफा, हेल्थ कार्ड के लिए आदेश जारी

यूपी में विधान सभा चुनाव से पहले सरकार ने पिटारा खोल दिया है. अब राज्यकर्मियों, पेंशनरों को कैशलेश इलाज का तोहफा दिया है.

हेल्थ कार्ड के लिए आदेश जारी
हेल्थ कार्ड के लिए आदेश जारी
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Published : Jan 7, 2022, 6:49 PM IST

लखनऊः योगी सरकार ने चुनाव से पहले राज्यकर्मियों को इलाज का तोहफा दिया है. इसके जरिए उनके हेल्थ कार्ड बनाने का आदेश जारी किया है. अब राज्य कर्मियों, पेंशनरों को कैशलेश इलाज होगा. इसी क्रम में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया. आयुष्मान कार्ड की तर्ज पर सभी के स्टेट हेल्थ कार्ड बनेंगे. यह खबर सबसे पहले ईटीवी भारत ने 2 अगस्त हो ब्रेक की थी.

यूपी में करीब 20 लाख राज्य कर्मचारी हैं. वहीं परिवारिक सदस्य मिलाकर 88 लाख के करीब हैं. बड़ी तादाद होने के बावजूद अभी तक इन्हें 'कैशलेस इलाज' का लाभ नहीं मिल रहा था. ऐसे में इलाज के बिलों के रिम्बर्समेन्ट के लिए कर्मियों को विभाग, अस्पताल व सीएमओ दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते हैं. इस दरम्यान इलाज के बिलों में कटौती पर अक्सर विवाद होते रहते हैं. लिहाजा, कर्मचारी संगठनों ने कैशलेस इलाज को लेकर पांच वर्ष पहले हुंकार भरी थी. इसके बाद तत्कालीन सरकार ने वर्ष 2016 में कर्मियों के कैशलेस कार्ड बनवाए. लेकिन इलाज के भारी बजट के अंदेशा को लेकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया. वहीं अब सरकार ने चुनाव से पहले कर्मियों को कैशलेस इलाज का तोहफा दे दिया.

सरकारी के साथ निजी अस्पताल में भी इलाज

अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक कर्मचारी का स्टेट हेल्थ कार्ड और योजना का क्रियान्वयन सरकारी एजेंसी द्वारा होगा. इसके लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज, संस्थानों के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग को 200 करोड़ रुपये कार्पस फंड दिया जाएगा. वहीं चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग को 100 करोड़ का फंड दिया जाएगा. इससे अस्पतालों में मुफ्त इलाज मिल सकेगा. वहीं निजी अस्पताल में 5 लाख रुपये तक का इलाज करा सकेंगे. यह अस्पताल आयुष्मान योजना से सम्बद्ध वाले होंगे.

बीमारियों के तय हैं पैकेज

आयुष्मान योजना में बीमारियों के पैकेज तय हैं. इसके तहत ही अस्पताल इलाज का पैसा काट सकेंगे. अनाप-शनाप बिलिंग नहीं हो सकेगी. कर्मी को भी इलाज के बिलों की रिम्बर्समेन्ट के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे. आयुष्मान में अभी करीब 1,574 पैकेज हैं. इसमें ट्रांसप्लांट योजना अभी शामिल नहीं है. ऐसे में मुख्यमंत्री ने किडनी व कार्नियल ट्रांसप्लांट जोड़ने के निर्देश दिए हैं.

इसे भी पढ़ें- बिजली बिल हुआ आधा : अब बिजली दर 6 से घटकर 3 रुपये/यूनिट, फिक्स चार्ज 130 रुपये/एचपी से घटकर हुआ 65

यहां करा सकेंगे इलाज

- 1,004 सरकारी अस्पताल योजना से जुड़े.

- 1,504 निजी अस्पताल योजना में शामिल.

- 1 लाख 26 हजार बेड अस्पतालों में हैं.

- कर्मी इन अस्पतालों में कार्ड के जरिए इलाज करा सकेंगे.

- अस्पताल को इलाज के पैसे का भुगतान साची द्वारा किया जाएगा.

- यह पैसा आयुष्यान योजना के तय पैकेज के अनुसार अस्पताल को मिलेगा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊः योगी सरकार ने चुनाव से पहले राज्यकर्मियों को इलाज का तोहफा दिया है. इसके जरिए उनके हेल्थ कार्ड बनाने का आदेश जारी किया है. अब राज्य कर्मियों, पेंशनरों को कैशलेश इलाज होगा. इसी क्रम में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया. आयुष्मान कार्ड की तर्ज पर सभी के स्टेट हेल्थ कार्ड बनेंगे. यह खबर सबसे पहले ईटीवी भारत ने 2 अगस्त हो ब्रेक की थी.

यूपी में करीब 20 लाख राज्य कर्मचारी हैं. वहीं परिवारिक सदस्य मिलाकर 88 लाख के करीब हैं. बड़ी तादाद होने के बावजूद अभी तक इन्हें 'कैशलेस इलाज' का लाभ नहीं मिल रहा था. ऐसे में इलाज के बिलों के रिम्बर्समेन्ट के लिए कर्मियों को विभाग, अस्पताल व सीएमओ दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते हैं. इस दरम्यान इलाज के बिलों में कटौती पर अक्सर विवाद होते रहते हैं. लिहाजा, कर्मचारी संगठनों ने कैशलेस इलाज को लेकर पांच वर्ष पहले हुंकार भरी थी. इसके बाद तत्कालीन सरकार ने वर्ष 2016 में कर्मियों के कैशलेस कार्ड बनवाए. लेकिन इलाज के भारी बजट के अंदेशा को लेकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया. वहीं अब सरकार ने चुनाव से पहले कर्मियों को कैशलेस इलाज का तोहफा दे दिया.

सरकारी के साथ निजी अस्पताल में भी इलाज

अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक कर्मचारी का स्टेट हेल्थ कार्ड और योजना का क्रियान्वयन सरकारी एजेंसी द्वारा होगा. इसके लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज, संस्थानों के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग को 200 करोड़ रुपये कार्पस फंड दिया जाएगा. वहीं चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग को 100 करोड़ का फंड दिया जाएगा. इससे अस्पतालों में मुफ्त इलाज मिल सकेगा. वहीं निजी अस्पताल में 5 लाख रुपये तक का इलाज करा सकेंगे. यह अस्पताल आयुष्मान योजना से सम्बद्ध वाले होंगे.

बीमारियों के तय हैं पैकेज

आयुष्मान योजना में बीमारियों के पैकेज तय हैं. इसके तहत ही अस्पताल इलाज का पैसा काट सकेंगे. अनाप-शनाप बिलिंग नहीं हो सकेगी. कर्मी को भी इलाज के बिलों की रिम्बर्समेन्ट के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे. आयुष्मान में अभी करीब 1,574 पैकेज हैं. इसमें ट्रांसप्लांट योजना अभी शामिल नहीं है. ऐसे में मुख्यमंत्री ने किडनी व कार्नियल ट्रांसप्लांट जोड़ने के निर्देश दिए हैं.

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यहां करा सकेंगे इलाज

- 1,004 सरकारी अस्पताल योजना से जुड़े.

- 1,504 निजी अस्पताल योजना में शामिल.

- 1 लाख 26 हजार बेड अस्पतालों में हैं.

- कर्मी इन अस्पतालों में कार्ड के जरिए इलाज करा सकेंगे.

- अस्पताल को इलाज के पैसे का भुगतान साची द्वारा किया जाएगा.

- यह पैसा आयुष्यान योजना के तय पैकेज के अनुसार अस्पताल को मिलेगा.

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