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उत्तर प्रदेश में शुरू हुई चुनावी 'रेस', अकेली पड़ रही 'कांग्रेस'

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Published : Oct 21, 2020, 7:53 PM IST

Updated : Oct 22, 2020, 11:26 AM IST

यूपी के 10 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने हैं. उन पर कांग्रेस पार्टी का खाता भी नहीं खुलने वाला है. वर्तमान में उत्तर प्रदेश से दो राज्यसभा सांसद कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन इस बार के चुनाव में एक राज्यसभा सांसद कम हो जाएगा. राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया 25 नवंबर को उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है. यानी उत्तर प्रदेश से लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी कांग्रेस अकेली पड़ जाएगी.

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कांग्रेस राज्यसभा सीट.

लखनऊः उत्तर प्रदेश में जहां हर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का कमल खिलता ही जा रहा है. वहीं कांग्रेस का हाथ का पंजा पिटता ही जा रहा है. लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी कांग्रेस को उत्तर प्रदेश निराश ही कर रहा है. नवंबर में उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों पर जो चुनाव होने हैं. उन पर कांग्रेस पार्टी का खाता भी नहीं खुलने वाला है. वर्तमान में उत्तर प्रदेश से दो राज्यसभा सांसद कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन इस बार के चुनाव में एक राज्यसभा सांसद कम हो जाएगा. यानी उत्तर प्रदेश से लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी कांग्रेस अकेली पड़ जाएगी. कहने का मतलब है कि कांग्रेस की एक ही सीट रह जाएगी.

राज्यसभा में कांग्रेस की सीट.

ये सांसद अब हो जाएंगे 'पूर्व सांसद'
इस बार राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया 'पूर्व राज्यसभा सांसद' हो जाएंगे. उनका राज्यसभा में पहुंच पाना नामुमकिन है. 25 नवंबर को उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है और इस बार उत्तर प्रदेश में कांग्रेस इतनी ताकतवर नहीं है कि वह राज्यसभा में फिर से पीएल पुनिया को सांसद के रूप में भेज पाने में कामयाब हो सके. पुनिया 2014 से राज्यसभा में उत्तर प्रदेश से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.

यूपी से कांग्रेस के अकेले सांसद हैं सिब्बल
पीएल पुनिया के राज्यसभा सांसद न रहने के बाद अब उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाले एक मात्र राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ही बचेंगे. सिब्बल का कार्यकाल 2022 तक शेष है. वर्ष 2016 में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश से सिब्बल को राज्यसभा के अंदर सांसद के रूप में भेजा था.

लोकसभा में यूपी से एकमात्र सांसद हैं सोनिया
जहां राज्यसभा में यूपी से कांग्रेस के एकमात्र सांसद कपिल सिब्बल बचे हैं. वहीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश से एकमात्र सांसद सोनिया गांधी हैं. अब राज्यसभा और लोकसभा में उत्तर प्रदेश से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाले एक-एक ही सांसद रह गए हैं. सोनिया गांधी रायबरेली से कांग्रेस पार्टी की लोकसभा सदस्य हैं. वर्तमान में वे कांग्रेस पार्टी की कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं.

लेटर बम में शामिल थे सिब्बल
कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन के लिए कुछ माह पहले कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने पत्र लिखा था. पत्र में उन्होंने साफ तौर पर नेतृत्व परिवर्तन की वकालत की थी. उन नेताओं में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल भी शामिल थे. यानी सिब्बल भी चाहते थे कि सोनिया गांधी अब कांग्रेस की अध्यक्ष न रहें. फिलहाल यूपी से सोनिया गांधी और कपिल सिब्बल ही सांसद हैं.

भाजपा की नौ, सपा की एक, कांग्रेस शून्य
उत्तर प्रदेश की जिन 10 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होना है. उसमें कांग्रेस का खाता नहीं खुलना है. भाजपा 9 सीटों पर कब्जा करेगी तो समाजवादी पार्टी के हिस्से में एक राज्यसभा सीट आएगी. वर्तमान में सपा के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव फिर से निर्वाचित होंगे और राज्यसभा में पार्टी का प्रतिनिधित्व करते रहेंगे.

इस बार नहीं बनेगा कांग्रेस का सांसद
नवंबर में जिन राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है. उनमें कांग्रेस के पीएल पुनिया भी शामिल हैं. इस समय कांग्रेस की जो स्थिति है उसे देखकर यह नहीं लगता है कि इस बार के राज्यसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से कांग्रेस का इस बार कोई भी राज्यसभा सांसद बन पाएगा. पीएल पुनिया का कार्यकाल खत्म हो रहा है. जबकि कपिल सिब्बल का कार्यकाल अभी तक 2022 तक बचा है.

लखनऊः उत्तर प्रदेश में जहां हर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का कमल खिलता ही जा रहा है. वहीं कांग्रेस का हाथ का पंजा पिटता ही जा रहा है. लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी कांग्रेस को उत्तर प्रदेश निराश ही कर रहा है. नवंबर में उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों पर जो चुनाव होने हैं. उन पर कांग्रेस पार्टी का खाता भी नहीं खुलने वाला है. वर्तमान में उत्तर प्रदेश से दो राज्यसभा सांसद कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन इस बार के चुनाव में एक राज्यसभा सांसद कम हो जाएगा. यानी उत्तर प्रदेश से लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी कांग्रेस अकेली पड़ जाएगी. कहने का मतलब है कि कांग्रेस की एक ही सीट रह जाएगी.

राज्यसभा में कांग्रेस की सीट.

ये सांसद अब हो जाएंगे 'पूर्व सांसद'
इस बार राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया 'पूर्व राज्यसभा सांसद' हो जाएंगे. उनका राज्यसभा में पहुंच पाना नामुमकिन है. 25 नवंबर को उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है और इस बार उत्तर प्रदेश में कांग्रेस इतनी ताकतवर नहीं है कि वह राज्यसभा में फिर से पीएल पुनिया को सांसद के रूप में भेज पाने में कामयाब हो सके. पुनिया 2014 से राज्यसभा में उत्तर प्रदेश से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.

यूपी से कांग्रेस के अकेले सांसद हैं सिब्बल
पीएल पुनिया के राज्यसभा सांसद न रहने के बाद अब उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाले एक मात्र राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ही बचेंगे. सिब्बल का कार्यकाल 2022 तक शेष है. वर्ष 2016 में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश से सिब्बल को राज्यसभा के अंदर सांसद के रूप में भेजा था.

लोकसभा में यूपी से एकमात्र सांसद हैं सोनिया
जहां राज्यसभा में यूपी से कांग्रेस के एकमात्र सांसद कपिल सिब्बल बचे हैं. वहीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश से एकमात्र सांसद सोनिया गांधी हैं. अब राज्यसभा और लोकसभा में उत्तर प्रदेश से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाले एक-एक ही सांसद रह गए हैं. सोनिया गांधी रायबरेली से कांग्रेस पार्टी की लोकसभा सदस्य हैं. वर्तमान में वे कांग्रेस पार्टी की कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं.

लेटर बम में शामिल थे सिब्बल
कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन के लिए कुछ माह पहले कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने पत्र लिखा था. पत्र में उन्होंने साफ तौर पर नेतृत्व परिवर्तन की वकालत की थी. उन नेताओं में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल भी शामिल थे. यानी सिब्बल भी चाहते थे कि सोनिया गांधी अब कांग्रेस की अध्यक्ष न रहें. फिलहाल यूपी से सोनिया गांधी और कपिल सिब्बल ही सांसद हैं.

भाजपा की नौ, सपा की एक, कांग्रेस शून्य
उत्तर प्रदेश की जिन 10 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होना है. उसमें कांग्रेस का खाता नहीं खुलना है. भाजपा 9 सीटों पर कब्जा करेगी तो समाजवादी पार्टी के हिस्से में एक राज्यसभा सीट आएगी. वर्तमान में सपा के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव फिर से निर्वाचित होंगे और राज्यसभा में पार्टी का प्रतिनिधित्व करते रहेंगे.

इस बार नहीं बनेगा कांग्रेस का सांसद
नवंबर में जिन राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है. उनमें कांग्रेस के पीएल पुनिया भी शामिल हैं. इस समय कांग्रेस की जो स्थिति है उसे देखकर यह नहीं लगता है कि इस बार के राज्यसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से कांग्रेस का इस बार कोई भी राज्यसभा सांसद बन पाएगा. पीएल पुनिया का कार्यकाल खत्म हो रहा है. जबकि कपिल सिब्बल का कार्यकाल अभी तक 2022 तक बचा है.

Last Updated : Oct 22, 2020, 11:26 AM IST
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