लखनऊ : स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दूसरे चरण के तहत यूपी के सभी 95,767 गांवों यानी 100% गांवों ने ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल किया है. ओडीएफ प्लस गांव वह हैं जिसने ठोस या तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों (Swachh Bharat Mission Gramin in UP) को लागू करने के साथ-साथ अपनी खुले में शौच मुक्त बना लिया है.
जनवरी 2023 तक, राज्य में केवल 15,088 गांव थे जिन्हें ओडीएफ प्लस घोषित किया गया था. नौ महीने में 80 हजार से अधिक गांवों ने ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल किया. 81,744 गांव ओडीएफ प्लस आकांक्षी गांव हैं, जहां ठोस अपशिष्ट प्रबंधन या तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था है. 10,217 गांव ओडीएफ प्लस राइजिंग गांव हैं, जिनमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और तरल अपशिष्ट प्रबंधन दोनों की व्यवस्था है और 3,806 गांव ओडीएफ प्लस मॉडल गांव हैं. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी एक्सप्रेस विज्ञप्ति में इस बात की जानकारी दी गई. इसमें बताया गया है कि उत्तर प्रदेश ओडीएफ तो काफी पहले ही घोषित हो चुका था. इसके बाद में प्रदेश के सभी गांव को ओडीएफ प्लस भी घोषित कर दिया गया है. जिसे प्रदेश के गांव में स्वच्छ भारत मिशन दिन पर दिन सफल होता जा रहा है.
उत्तर प्रदेश में 80 हजार लोग कर रहे श्रमदान : सरकारी प्रवक्ता की ओर से जानकारी दी गई है कि 'उत्तर प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन के अभियान को सफल बनाने के लिए लगभग 80 हजार कार्यकर्ता श्रमदान कर रहे हैं. जिनकी मदद से गांव-गांव को ओडीएफ प्लस बनाने में मदद मिली है. आपसे करीब चार साल पहले उत्तर प्रदेश के सभी गांव ओडीएफ पहले से ही घोषित किया जा चुके थे. इसके बाद में उन्होंने अपशिष्ट निवारण के लिए व्यवस्था करके खुद को ओडीएफ प्लस होने का भी गौरव प्राप्त कर लिया है. जिससे उत्तर प्रदेश सरकार की एक उपलब्धि और जुड़ गई है.'