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प्लांट में दो दिनों से नहीं है ऑक्सीजन, तीमारदारों की लंबी लाइन

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सरकारी व गैर सरकारी अस्पताल मरीजों से भर चुके हैं. संक्रमित मरीजों को बेहद जरूरी ऑक्सीजन नहीं मुहैया हो पा रही है.

नहीं है ऑक्सीजन
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Published : May 3, 2021, 10:16 PM IST

लखनऊः जिले में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के साथ ही ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ रही है. समस्या ये है कि मांग की पूर्ति नहीं हो पा रही. जिले के सरकारी व गैर सरकारी अस्पताल मरीजों से भर चुके हैं. संक्रमित मरीजों को बेहद जरूरी ऑक्सीजन नहीं मुहैया हो पा रही है. अब तो अस्पताल प्रशासन इसके लिए मरीजों के तीमारदारों को ऑक्सीजन के खाली सिलेंडर थमा कर, उन्हें भराकर लाने को कह रहे हैं.

इसे भी पढ़ेंः ..जब फूट-फूट कर रोई महिला दरोगा, पुलिस चौकी पर किया आत्महत्या का प्रयास

घर में आइसोलेट हुए लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत
दूसरी तरफ अस्पतालों में जगह न मिलने के कारण घर में आइसोलेट हुए लोगों को भी ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है लेकिन ऑक्सीजन की किल्लत होने की वजह से आसानी से ऑक्सीजन भी नहीं मिल रही. राजधानी के ऑक्सीजन प्लांटों पर भारी भीड़ देखी जा सकती है. लोग अपने संक्रमित परिजनों को बचाने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में कई घंटों से खड़े हैं. लोगों का कहना है कि रात-रात भर लाइन लगाने के बावजूद भी उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. वहीं, राजधानी के गढ़ी कनौरा इलाके में स्थित अवध गैस प्लांट में रविवार से ऑक्सीजन नहीं है. ऐसे में जब ईटीवी भारत की टीम ने इन कर्मचारियों और मैनेजर से ऑक्सीजन सप्लाई के बारे में जानने की कोशिश की, तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से मना कर दिया. ऑक्सीजन लेने आए लोगों का कहना है कि रविवार से लाइन में लगे हैं लेकिन गैस ना होने के कारण नहीं मिल रही है. ऑक्सीजन की इस लाइन में कई महिलाएं भी दिखीं. इनका कहना है रातभर लाइन में लगने के बाद भी अभी तक उनको ऑक्सीजन नहीं मिल पाई है. अपनों को बचाने के लिए लाइन में लगे लोग कोविड-19 के नियमों का पालन नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में इनका खुद का जीवन भी संकट में है.

लखनऊः जिले में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के साथ ही ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ रही है. समस्या ये है कि मांग की पूर्ति नहीं हो पा रही. जिले के सरकारी व गैर सरकारी अस्पताल मरीजों से भर चुके हैं. संक्रमित मरीजों को बेहद जरूरी ऑक्सीजन नहीं मुहैया हो पा रही है. अब तो अस्पताल प्रशासन इसके लिए मरीजों के तीमारदारों को ऑक्सीजन के खाली सिलेंडर थमा कर, उन्हें भराकर लाने को कह रहे हैं.

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घर में आइसोलेट हुए लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत
दूसरी तरफ अस्पतालों में जगह न मिलने के कारण घर में आइसोलेट हुए लोगों को भी ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है लेकिन ऑक्सीजन की किल्लत होने की वजह से आसानी से ऑक्सीजन भी नहीं मिल रही. राजधानी के ऑक्सीजन प्लांटों पर भारी भीड़ देखी जा सकती है. लोग अपने संक्रमित परिजनों को बचाने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में कई घंटों से खड़े हैं. लोगों का कहना है कि रात-रात भर लाइन लगाने के बावजूद भी उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. वहीं, राजधानी के गढ़ी कनौरा इलाके में स्थित अवध गैस प्लांट में रविवार से ऑक्सीजन नहीं है. ऐसे में जब ईटीवी भारत की टीम ने इन कर्मचारियों और मैनेजर से ऑक्सीजन सप्लाई के बारे में जानने की कोशिश की, तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से मना कर दिया. ऑक्सीजन लेने आए लोगों का कहना है कि रविवार से लाइन में लगे हैं लेकिन गैस ना होने के कारण नहीं मिल रही है. ऑक्सीजन की इस लाइन में कई महिलाएं भी दिखीं. इनका कहना है रातभर लाइन में लगने के बाद भी अभी तक उनको ऑक्सीजन नहीं मिल पाई है. अपनों को बचाने के लिए लाइन में लगे लोग कोविड-19 के नियमों का पालन नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में इनका खुद का जीवन भी संकट में है.

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