लखनऊ : वरिष्ठ भाजपा नेता और उप्र के पूर्व अध्यक्ष डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेयी को अंततः पार्टी ने राज्यसभा भेजने का निर्णय किया है. शुक्रवार को उनका निर्विरोध निर्वाचन हो गया. विधानसभा चुनाव से पहले मीडिया ने पार्टी में डॉ. वाजपेयी की उपेक्षा किए जाने का विषय जोर-शोर से उठाया था. इसके बाद पार्टी ने उन्हें ज्वाइनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया. इस जिम्मेदारी को भी डॉ. वाजपेयी ने अच्छी तरह निभाया, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजने का निर्णय किया. निर्विरोध निर्वाचन का प्रमाण पत्र मिलने के बाद उनसे विभिन्न विषयों पर बात की गई.
आगामी लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की क्या रणनीति रहने वाली है? इस सवाल पर वह कहते हैं कि '2024 के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने 75 सीटों का लक्ष्य तय किया है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया है कि 75 सीटें जीतने के लिए कृत संकल्पित होकर काम करें. यह मानकर चलिए कि मुझ जैसे कार्यकर्ता को उस निर्देश का पालन करना, वह निर्देश यथावत लागू हो जाए, इसके लिए जो प्राणपण से काम करने की मेरी जिम्मेदारी है, मैं करूंगा. अपने अनुभव और कार्य क्षमता का पूरा लाभ दूंगा.'
डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी बोले, हमारी सरकार ने दिए सबसे ज्यादा रोजगार
राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचन के बाद ईटीवी भारत की टीम ने डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी से खास बातचीत की. पेश है ईटीवी भारत के यूपी ब्यूरो चीफ आलोक त्रिपाठी द्वारा लिए गए इस इंटरव्यू के खास अंश.
लखनऊ : वरिष्ठ भाजपा नेता और उप्र के पूर्व अध्यक्ष डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेयी को अंततः पार्टी ने राज्यसभा भेजने का निर्णय किया है. शुक्रवार को उनका निर्विरोध निर्वाचन हो गया. विधानसभा चुनाव से पहले मीडिया ने पार्टी में डॉ. वाजपेयी की उपेक्षा किए जाने का विषय जोर-शोर से उठाया था. इसके बाद पार्टी ने उन्हें ज्वाइनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया. इस जिम्मेदारी को भी डॉ. वाजपेयी ने अच्छी तरह निभाया, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजने का निर्णय किया. निर्विरोध निर्वाचन का प्रमाण पत्र मिलने के बाद उनसे विभिन्न विषयों पर बात की गई.
आगामी लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की क्या रणनीति रहने वाली है? इस सवाल पर वह कहते हैं कि '2024 के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने 75 सीटों का लक्ष्य तय किया है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया है कि 75 सीटें जीतने के लिए कृत संकल्पित होकर काम करें. यह मानकर चलिए कि मुझ जैसे कार्यकर्ता को उस निर्देश का पालन करना, वह निर्देश यथावत लागू हो जाए, इसके लिए जो प्राणपण से काम करने की मेरी जिम्मेदारी है, मैं करूंगा. अपने अनुभव और कार्य क्षमता का पूरा लाभ दूंगा.'