लखनऊः भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय में संचालित सभी विषयों में प्रवेश के लिए नया ऑर्डिनेंस बनाया जाएगा. इसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से कमेटी गठन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. विश्वविद्यालय के नए कुलपति प्रोफेसर मांडवी सिंह ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद विश्वविद्यालय के संचालन के लिए जरूरी सभी कमेटी के गठन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
शासन ने बीते वर्ष भातखंडे सम विश्वविद्यालय को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा खत्म करके इसे पूर्ण विश्वविद्यालय का दर्जा दिया है, जिसके बाद इसका नाम भातखंडे सम विश्वविद्यालय से बदलकर भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय कर दिया गया था. कुलपति प्रोफेसर मांडवी सिंह ने बताया कि कार्यभार ग्रहण करने के बाद मेरी पहली प्राथमिकता विश्वविद्यालय परिनियमावली के अनुसार सभी संवैधानिक समितियों का गठन करना है ताकि औपचारिक रूप से विश्वविद्यालय का संचालन शुरू हो सके. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय बनने के साथ ही सबसे पहले विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था जिसे कार्यपरिषद कहते हैं, उसका गठन किया जा रहा है. इसके कौन सदस्य होंगे यह प्रक्रिया अगले कुछ दिनों में पूर्ण हो जाएगी. इसके बाद परीक्षा समिति व वित्त समिति का गठन किया जाएगा. यह तीनों समितियां किसी भी विश्वविद्यालय के संचालन में महत्वपूर्ण होती है.
विभागों को ऑर्डिनेंस तैयार करने की जिम्मेदारीः प्रोफेसर सिंह ने बताया कि सभी विभागों के साथ बैठक कर उनके यहां कौन-कौन से कोर्स चलते हैं इसकी समीक्षा की. साथ ही सभी विभागों को विश्वविद्यालय के नियम के अनुसार किसी भी कोर्स के संचालन प्रवेश व परीक्षा के क्या नियम होने चाहिए. उसके लिए नया ऑर्डिनेंस तैयार करने की शुरुआत किया गया है. ऑर्डिनेंस तैयार होने के बाद इसे सरकार व राजभवन को संस्तुति के लिए भेज दिया जाएगा. विश्वविद्यालय में अगला प्रवेश ऑर्डिनेंस के अनुसार होगा. प्रोफेसर सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय में छात्र शिक्षक अनुपात को बनाए रखने के लिए शासन के स्तर से कितने पद स्वीकृत किए गए हैं. उस पर जल्द प्रक्रिया शुरू किया जाएगा. जब तक नियमित शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो जाती तब तक विश्वविद्यालय अतिथि शिक्षकों के माध्यम से छात्रों के पढ़ाई की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा.
नई शिक्षा नीति और नैक के लिए की जा रही तैयारीः कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए जल्दी कमेटी का गठन किया जाएगा. जो विश्वविद्यालय में संचालित सभी विषयों में नई शिक्षा नीति को लागू करने का काम करेगी. इसके अलावा विश्वविद्यालय में आइक्यूएसी का भी गठन किया जा रहा है जो विश्वविद्यालय को नैक ग्रेडिंग की तैयारी कर आएगी.
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