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कौन था 'खान यूनिस का कसाई' याह्या सिनवार, हमास का अगला नेता कौन ?

इजराइल ने याह्या सिनवार को मार गिराया. वह हमास का सबसे खूंखार नेता माना जाता था.

Yahya Sinwar
याह्या सिनवार (AP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 18, 2024, 5:40 PM IST

Updated : Oct 19, 2024, 12:29 PM IST

नई दिल्ली : इजराइल पर सात अक्टूबर, 2023 को हुए हमले के मास्टरमाइंड याह्या सिनवार को मार गिराया गया है. इजराइल ने इसकी पुष्टि भी कर दी है. याह्या सिनवार हमास का सबसे खूंखार नेता माना जाता था. उसे खान यूनिस का कसाई भी कहा जाता था.

सात अक्टूबर के हमले में 1200 लोग मारे गए थे, जबकि 251 लोगों का अपहरण कर लिया गया था. इस हमले के बाद इजराइल के सैनिकों ने याह्या सिनवार को जिम्मेदार ठहराया था. उनका कहना था कि इसने ही साजिश रचकर इजराइलियों की हत्या की, इसलिए उसकी मौत तय है, उसे खत्म किया जाएगा.

Yahya Sinwar
याह्या सिनवार (AP)

इजराइल मानता है कि याह्या सिनवार के साथ-साथ इस हमले में मुहम्मद दैफ भी शामिल था. दैफ हमास की सैन्य शाखा में शामिल था. इजराइल का दावा है कि दैफ भी मारा गया. हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं की गई है.

कौन था याह्या सिनवार

याह्या सिनवार को हमास में दूसरे नंबर का नेता माना जाता था. पहले नंबर पर इस्माइल हनिया था. हनिया पहले ही मारा जा चुका है. इजराइली सैनिकों ने जुलाई में उसे मार गिराया था.

इजराइल ने जो जानकारी दी है, उसके अनुसार सात अक्टूबर की घटना के बाद सिनवार लगातार अंडर ग्राउंड रह रहा था. इजराइल के अनुसार वह किसी से भी बात नहीं करता था, क्योंकि उसे उसके लोकेशन को लेकर पकड़े जाने का भय था.

Yahya Sinwar
याह्या सिनवार की मौत के बाद इजराइल में दिखी ऐसी प्रतिक्रिया (AP)

कैंप में हुआ था याह्या सिनवार का जन्म

याह्या सिनवार को पहले अबु इब्राहिम के नाम से जाना जाता था. वह दक्षिणी गाजा पट्टी का रहने वाला था. उसका जन्म गाजा के खान यूनिस के एक शरणार्थी शिविर में हुआ था. 1948 में याह्या के माता-पिता शरणार्थी बन गए थे. उसे पुश्तैनी इलाके से निकाल दिया गया था. 1948 में इजराइल ने फिलस्तीनी इलाके पर हमला किया था. इस हमले की वजह से हजारों फिलिस्तीनी शरणार्थी बन गए थे और उन्हीं में याह्या का परिवार भी शामिल था.

इस्लामिक कॉलेज से ली डिग्री

सिनवार ने खान यूनिस में ही स्कूल की पढ़ाई की. गाजा के एक इस्लामिक कॉलेज से स्नातक किया. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक खान यूनिस में ही याह्या का संपर्क मुस्लिम ब्रदरहुड से हुआ. दरअसल, जिस कैंप में याह्या रहता था, उसी कैंप में मुस्लिम ब्रदरहुड के समर्थक भी रहा करते थे. ऐसा कहा जाता है कि याह्या का व्यवहार तभी से हिंसक हो गया था.

Yahya Sinwar
याह्या सिनवार को लेकर आ रही खबर सुनता हुआ (AP)

हमास के संस्थापक का बन गया चहेता

रिपोर्ट के अनुसार 1982 में उसकी पहली बार गिरफ्तारी की गई थी. उस पर इस्लामी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा था और इजराइली सैनिकों ने गिरफ्तारी की थी. जेल से छूटने के बाद वह हमास के संस्थापक शेख अहमद यासीन का चहेता बन गया. हमास की स्थापना 1987 में की गई थी.

याह्या ने हमास के लिए सैन्य दल का किया गठन

याह्या सिनवार ने 1989 में हमास के लिए एक सैन्य दल का गठन किया. इसका नाम अल मज्द रखा गया था. शुरू में इसका काम अपराध करने वालों को सजा देना होता था. बाद में वह हमास का लड़ाकू विंग बन गया.

क्रूरता की वजह से उसे खान यूनिस का कसाई कहा जाता था

बीबीसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि याह्रा बहुत ही खूंखार था. उसकी छवि कट्टर थी. उसे यदि किसी पर शक होता था कि वह इजारइल से मिला हुआ है, तो वह उसकी हत्या कर देता था. उसके आसपास का कोई भी आदमी उससे पंगा लेना नहीं चाहता था. यहां तक कि शक होने पर वह अपने आदमियों को भी मार देता था. इसी कारण से सिनवार को खान यूनिस का कसाई भी कहा जाता था.

23 साल तक लगातार जेल में बंद रहा याह्या सिनवार

1988 में इजराइल ने याह्या को फिर गिरफ्तार किया. 1988 से लेकर 2011 तक वह जेल में बंद रहा. इस दौरान भी उसकी अकड़ बनी रही. मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि जेल में वह एक तरह से नेता बन गया था और पुलिस के साथ कैदियों की ओर से वह खुद बात करता था. याह्या अरबी के साथ-साथ हिब्रू भी बोलता था.

इजराइली सैनिक के बदले याह्या को जले से किया गया रिहा

इजराइल ने 2011 में अपने सैनिक गिलाड शलिट के बदले याह्या सिनवार समेत 1027 फिलिस्तीनियों को छोड़ा था. शलिट खुद पांच साल तक हमास के हाथों बंधक रहा था. ऐसा कहा जाता है कि उसकी गिरफ्तारी में याह्या के करीबी का हाथ था.

गाजा के चुनाव में हमास को जीत हासिल हुई. हमास ने यासिर अराफात की पार्टी अल-फतह का लगभग सफाया कर दिया. उनके नेताओं को भी मार दिया. याह्या ने अन्य कई संगठनों से समझौता करके अपना गुट बड़ा कर लिया था. 2013 में याह्या को गाजा पट्टी में पॉलिटिकल ब्यूरो का सदस्य नियुक्त किया गया था. 2017 में वह इस ब्यूरो का प्रमुख बन गया.

2015 मे अमेरिका ने याह्या को विशेष नामांकित वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था. इजराइली सेना के प्रवक्ता कर्नल रिचर्ड हेख्त ने याह्या को शैतान का चेहरा कहा था.

अब हमास का अगला नेता कौन होगा, इस पर संगठन में विचार विमर्श जारी है. कुछ नामों पर विचार किया जा रहा है. इनमें से महमूद अल जहर, मौसा अबु मार्जुक, मोहम्मद सिनवार और खलीफ अल हया के नाम सामने आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें : हमास के आतंकवादी नेता याह्या सिनवार की मौत गाजा में युद्ध का अंत नहीं : बेंजामिन नेतन्याहू

नई दिल्ली : इजराइल पर सात अक्टूबर, 2023 को हुए हमले के मास्टरमाइंड याह्या सिनवार को मार गिराया गया है. इजराइल ने इसकी पुष्टि भी कर दी है. याह्या सिनवार हमास का सबसे खूंखार नेता माना जाता था. उसे खान यूनिस का कसाई भी कहा जाता था.

सात अक्टूबर के हमले में 1200 लोग मारे गए थे, जबकि 251 लोगों का अपहरण कर लिया गया था. इस हमले के बाद इजराइल के सैनिकों ने याह्या सिनवार को जिम्मेदार ठहराया था. उनका कहना था कि इसने ही साजिश रचकर इजराइलियों की हत्या की, इसलिए उसकी मौत तय है, उसे खत्म किया जाएगा.

Yahya Sinwar
याह्या सिनवार (AP)

इजराइल मानता है कि याह्या सिनवार के साथ-साथ इस हमले में मुहम्मद दैफ भी शामिल था. दैफ हमास की सैन्य शाखा में शामिल था. इजराइल का दावा है कि दैफ भी मारा गया. हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं की गई है.

कौन था याह्या सिनवार

याह्या सिनवार को हमास में दूसरे नंबर का नेता माना जाता था. पहले नंबर पर इस्माइल हनिया था. हनिया पहले ही मारा जा चुका है. इजराइली सैनिकों ने जुलाई में उसे मार गिराया था.

इजराइल ने जो जानकारी दी है, उसके अनुसार सात अक्टूबर की घटना के बाद सिनवार लगातार अंडर ग्राउंड रह रहा था. इजराइल के अनुसार वह किसी से भी बात नहीं करता था, क्योंकि उसे उसके लोकेशन को लेकर पकड़े जाने का भय था.

Yahya Sinwar
याह्या सिनवार की मौत के बाद इजराइल में दिखी ऐसी प्रतिक्रिया (AP)

कैंप में हुआ था याह्या सिनवार का जन्म

याह्या सिनवार को पहले अबु इब्राहिम के नाम से जाना जाता था. वह दक्षिणी गाजा पट्टी का रहने वाला था. उसका जन्म गाजा के खान यूनिस के एक शरणार्थी शिविर में हुआ था. 1948 में याह्या के माता-पिता शरणार्थी बन गए थे. उसे पुश्तैनी इलाके से निकाल दिया गया था. 1948 में इजराइल ने फिलस्तीनी इलाके पर हमला किया था. इस हमले की वजह से हजारों फिलिस्तीनी शरणार्थी बन गए थे और उन्हीं में याह्या का परिवार भी शामिल था.

इस्लामिक कॉलेज से ली डिग्री

सिनवार ने खान यूनिस में ही स्कूल की पढ़ाई की. गाजा के एक इस्लामिक कॉलेज से स्नातक किया. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक खान यूनिस में ही याह्या का संपर्क मुस्लिम ब्रदरहुड से हुआ. दरअसल, जिस कैंप में याह्या रहता था, उसी कैंप में मुस्लिम ब्रदरहुड के समर्थक भी रहा करते थे. ऐसा कहा जाता है कि याह्या का व्यवहार तभी से हिंसक हो गया था.

Yahya Sinwar
याह्या सिनवार को लेकर आ रही खबर सुनता हुआ (AP)

हमास के संस्थापक का बन गया चहेता

रिपोर्ट के अनुसार 1982 में उसकी पहली बार गिरफ्तारी की गई थी. उस पर इस्लामी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा था और इजराइली सैनिकों ने गिरफ्तारी की थी. जेल से छूटने के बाद वह हमास के संस्थापक शेख अहमद यासीन का चहेता बन गया. हमास की स्थापना 1987 में की गई थी.

याह्या ने हमास के लिए सैन्य दल का किया गठन

याह्या सिनवार ने 1989 में हमास के लिए एक सैन्य दल का गठन किया. इसका नाम अल मज्द रखा गया था. शुरू में इसका काम अपराध करने वालों को सजा देना होता था. बाद में वह हमास का लड़ाकू विंग बन गया.

क्रूरता की वजह से उसे खान यूनिस का कसाई कहा जाता था

बीबीसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि याह्रा बहुत ही खूंखार था. उसकी छवि कट्टर थी. उसे यदि किसी पर शक होता था कि वह इजारइल से मिला हुआ है, तो वह उसकी हत्या कर देता था. उसके आसपास का कोई भी आदमी उससे पंगा लेना नहीं चाहता था. यहां तक कि शक होने पर वह अपने आदमियों को भी मार देता था. इसी कारण से सिनवार को खान यूनिस का कसाई भी कहा जाता था.

23 साल तक लगातार जेल में बंद रहा याह्या सिनवार

1988 में इजराइल ने याह्या को फिर गिरफ्तार किया. 1988 से लेकर 2011 तक वह जेल में बंद रहा. इस दौरान भी उसकी अकड़ बनी रही. मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि जेल में वह एक तरह से नेता बन गया था और पुलिस के साथ कैदियों की ओर से वह खुद बात करता था. याह्या अरबी के साथ-साथ हिब्रू भी बोलता था.

इजराइली सैनिक के बदले याह्या को जले से किया गया रिहा

इजराइल ने 2011 में अपने सैनिक गिलाड शलिट के बदले याह्या सिनवार समेत 1027 फिलिस्तीनियों को छोड़ा था. शलिट खुद पांच साल तक हमास के हाथों बंधक रहा था. ऐसा कहा जाता है कि उसकी गिरफ्तारी में याह्या के करीबी का हाथ था.

गाजा के चुनाव में हमास को जीत हासिल हुई. हमास ने यासिर अराफात की पार्टी अल-फतह का लगभग सफाया कर दिया. उनके नेताओं को भी मार दिया. याह्या ने अन्य कई संगठनों से समझौता करके अपना गुट बड़ा कर लिया था. 2013 में याह्या को गाजा पट्टी में पॉलिटिकल ब्यूरो का सदस्य नियुक्त किया गया था. 2017 में वह इस ब्यूरो का प्रमुख बन गया.

2015 मे अमेरिका ने याह्या को विशेष नामांकित वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था. इजराइली सेना के प्रवक्ता कर्नल रिचर्ड हेख्त ने याह्या को शैतान का चेहरा कहा था.

अब हमास का अगला नेता कौन होगा, इस पर संगठन में विचार विमर्श जारी है. कुछ नामों पर विचार किया जा रहा है. इनमें से महमूद अल जहर, मौसा अबु मार्जुक, मोहम्मद सिनवार और खलीफ अल हया के नाम सामने आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें : हमास के आतंकवादी नेता याह्या सिनवार की मौत गाजा में युद्ध का अंत नहीं : बेंजामिन नेतन्याहू

Last Updated : Oct 19, 2024, 12:29 PM IST
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