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केजीएमयू में शुरू होंगे नए कोर्स, गायनी में अब एमडी के बजाए एमएस की डिग्री - केजीएमयू फैकल्टी बोर्ड की बैठक

गायनी विभाग में ऑब्सटेट्रिक क्रिटिकल केयर में पोस्ट डॉक्टोरल सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव पास किया गया. इसी तरह पीजी कोर्स में मेडिकल एजूकेशन, मेडिको लीगल और रिसर्च मेथडोलॉजी को शामिल करने की मंजूरी मिली है.

केजीएमयू में शुरू होंगे नए कोर्स, गायनी में अब एमडी के बजाए एमएस की डिग्री
केजीएमयू में शुरू होंगे नए कोर्स, गायनी में अब एमडी के बजाए एमएस की डिग्री
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Published : Dec 22, 2021, 10:08 PM IST

लखनऊ : केजीएमयू में बुधवार को फैकल्टी बोर्ड की बैठक हुई. इस दौरान नए कोर्स शुरू करने पर सहमति बनी. इसमें एमडी और एमएस के साथ डिप्लोमा-सार्टिफिकेट कोर्स पर फैसला लिया गया. खासकर स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (क्वीनमेरी) में गायनी पाठ्यक्रम में एमडी के बजाए एमएस की डिग्री प्रदान करने पर सहमति बन गई.

केजीएमयू में फैकल्टी बोर्ड की बैठक में नए कोर्स के संचालन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई. अब इन फैसलों को एकेडमिक काउंसिल में रखा जाएगा. वहीं, कार्य परिषद से भी मंजूरी मिलने के बाद कोर्स फाइनल होंगे.

गायनी विभाग में ऑब्सटेट्रिक क्रिटिकल केयर में पोस्ट डॉक्टोरल सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव पास किया गया. इसी तरह पीजी कोर्स में मेडिकल एजूकेशन, मेडिको लीगल और रिसर्च मेथडोलॉजी को शामिल करने की मंजूरी मिली है.

यह भी पढ़ें : यूपी टीईटी अब 23 जनवरी को, 25 फरवरी को रिजल्ट...पढ़िए पूरी खबर

इन विभागों में शुरू होंगे कोर्स

पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक्स विभाग में प्लास्टर टेक्नीशियन का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया जाएगा. एमसीएच पाठ्यक्रम भी शुरू होगा. पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक्स विभाग में फेलोशिप की सीट बढ़ाई जाएगी. पैथालॉजी विभाग में नेफ्रोयूरोपैथोलॉजी, एडवांस एंड क्लीनिकल पैथालॉजी, अंकोसर्जिकल पैथालॉजी, लैबोरेट्री मेडिसिन में पोस्ट डॉक्टोरल सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया जाएगा.

क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में इंडियन डिप्लोमा इन क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग की सीट दो से बढ़ाकर चार की जाएंगी. विभाग में इंडियन फेलोशिप क्रिटिकलकेयर मेडिसिन को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने का प्रस्ताव भी बोर्ड में रखा गया. फॉर्माकोलॉजी, एनीस्थीसिया और रेस्पेरेटरी मेडिसिन विभाग में नये कोर्स और सीट बढ़ाने से संबंधित प्रस्ताव बोर्ड के सामने रखे गए.


35 साल बाद दोबारा दाखिले का प्रस्ताव खारिज

केजीएयमू में कुलवंत सिंह नाम के छात्र ने वर्ष 1986 में एमबीबीएस में दाखिला लिया था. प्रथम वर्ष की परीक्षा पास करने के बाद कुलवंत सिंह ने पढ़ाई छोड़ दी थी. अब वह दोबारा डिग्री पूरा करना चाहते थे. इसके बाद केजीएमयू में दाखिले के लिए गुहार की. फैकल्टी बोर्ड ने करीब 35 साल बाद एमबीबीएस डिग्री पूरी करने के लिए दोबारा दाखिले का प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.

लखनऊ : केजीएमयू में बुधवार को फैकल्टी बोर्ड की बैठक हुई. इस दौरान नए कोर्स शुरू करने पर सहमति बनी. इसमें एमडी और एमएस के साथ डिप्लोमा-सार्टिफिकेट कोर्स पर फैसला लिया गया. खासकर स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (क्वीनमेरी) में गायनी पाठ्यक्रम में एमडी के बजाए एमएस की डिग्री प्रदान करने पर सहमति बन गई.

केजीएमयू में फैकल्टी बोर्ड की बैठक में नए कोर्स के संचालन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई. अब इन फैसलों को एकेडमिक काउंसिल में रखा जाएगा. वहीं, कार्य परिषद से भी मंजूरी मिलने के बाद कोर्स फाइनल होंगे.

गायनी विभाग में ऑब्सटेट्रिक क्रिटिकल केयर में पोस्ट डॉक्टोरल सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव पास किया गया. इसी तरह पीजी कोर्स में मेडिकल एजूकेशन, मेडिको लीगल और रिसर्च मेथडोलॉजी को शामिल करने की मंजूरी मिली है.

यह भी पढ़ें : यूपी टीईटी अब 23 जनवरी को, 25 फरवरी को रिजल्ट...पढ़िए पूरी खबर

इन विभागों में शुरू होंगे कोर्स

पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक्स विभाग में प्लास्टर टेक्नीशियन का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया जाएगा. एमसीएच पाठ्यक्रम भी शुरू होगा. पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक्स विभाग में फेलोशिप की सीट बढ़ाई जाएगी. पैथालॉजी विभाग में नेफ्रोयूरोपैथोलॉजी, एडवांस एंड क्लीनिकल पैथालॉजी, अंकोसर्जिकल पैथालॉजी, लैबोरेट्री मेडिसिन में पोस्ट डॉक्टोरल सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया जाएगा.

क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में इंडियन डिप्लोमा इन क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग की सीट दो से बढ़ाकर चार की जाएंगी. विभाग में इंडियन फेलोशिप क्रिटिकलकेयर मेडिसिन को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने का प्रस्ताव भी बोर्ड में रखा गया. फॉर्माकोलॉजी, एनीस्थीसिया और रेस्पेरेटरी मेडिसिन विभाग में नये कोर्स और सीट बढ़ाने से संबंधित प्रस्ताव बोर्ड के सामने रखे गए.


35 साल बाद दोबारा दाखिले का प्रस्ताव खारिज

केजीएयमू में कुलवंत सिंह नाम के छात्र ने वर्ष 1986 में एमबीबीएस में दाखिला लिया था. प्रथम वर्ष की परीक्षा पास करने के बाद कुलवंत सिंह ने पढ़ाई छोड़ दी थी. अब वह दोबारा डिग्री पूरा करना चाहते थे. इसके बाद केजीएमयू में दाखिले के लिए गुहार की. फैकल्टी बोर्ड ने करीब 35 साल बाद एमबीबीएस डिग्री पूरी करने के लिए दोबारा दाखिले का प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.

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