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यूपी निकाय चुनाव : राजधानी में फिर चुनी जाएंगी महिला मेयर, जानिए वार्डों का आरक्षण

यूपी में निकाय चुनाव का बिगुल एक सप्ताह बाद कभी भी बज सकता है. गुरुवार को महापौर, नगर पालिका और नगर पंचायत के लिए चेयरमैनों की आरक्षण सूची जारी करने के बाद आपत्तियां दाखिल करने के लिए छह अप्रैल तक का समय है. इसके बाद अंतिम सूची पर मुहर लगा दी जाएगी.

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Published : Mar 30, 2023, 10:46 PM IST

लखनऊ : यूपी में निकाय चुनाव का बिगुल जल्द बजने वाला है। गुरुवार शाम को नगर निगम में महापौर, नगर पालिका और नगर पंचायत के लिए चेयरमैनों की आरक्षण सूची जारी कर दी गई है. 17 निगम निगम में छह बड़े शहरों पर महिलाएं महापौर का चुनाव लड़ेंगी. पांच दिसंबर 2022 को घोषित की गई सूची में भी महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित की गई थीं, लेकिन इस बार नगर निगम बदल गए हैं. वर्ष 2017 के चुनाव में लखनऊ, कानपुर व गाजियाबाद की सीटें महिला के लिए आरक्षित थीं. इस बार भी इन सीटों पर महिला महापौर चुनी जाएंगी. लखनऊ नगर निकाय के 100 साल के इतिहास में पहली बार वर्ष 2017 में संयुक्ता भाटिया ने जीत दर्ज की थी. हालांकि पांच दिसंबर 2022 को जारी की गई अधिसूचना में उक्त तीनों सीटें अनारक्षित श्रेणी में घोषित की गई थीं. आयोग के गठन के बाद मेयर पद की सीटों में फेरबदल कर दिया गया है.


पिछली बार मेयर के लिए महिला सीट आरक्षित होने पर करीब सौ साल बाद लखनऊ नगर निगम को महिला महापौर मिली थीं. भाजपा से संयुक्ता भाटिया ने जीत दर्ज कर इतिहास में नाम दर्ज कराया था. वर्ष 1960 से नगर निगम के गठन के बाद से वर्ष 2017 तक लगातार मेयर के पद पर पुरुषों का ही दबदबा रहा. पांच दिसंबर को घोषित सूची में लखनऊ नगर निगम मेयर पद की सीट अनारक्षित होने से कई चेहरे नजर आने लगे थे. कई प्रमुख दलों के साथ ही छोटे दलों व संगठनों की ओर से पुरुष प्रत्याशियों ने प्रचार भी शुरू कर दिया था, लेकिन बदली आरक्षण सूची से पुरुष उम्मीदवारों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. भाजपा से ही कई महिला और पुरुषों ने दावेदारी पेश करने की कवायद शुरू कर दी थी. इनमें चिकित्सक, शिक्षक, व्यापारी व रिटायर्ड कर्मचारी भी बडे नेताओं के दरबार में दस्तक देने लगे थे.


वर्ष 1916 में यूपी नगर पालिका अधिनियम एक्ट बनाया गया था और 1917 में पहले भारतीय महापौर चुने गए थे. लखनऊ में नगर निगम क्षेत्र का गठन 1960 में हुआ थ.। जनसंघ विचारधारा से जुड़े राज कुमार श्रीवास्तव 1 फरवरी 1960 को लखनऊ के पहले नगर प्रमुख बने थे. इसके बाद 57 साल के इतिहास में वर्ष 2017 तक 18 नगर प्रमुख और महापौर निर्वाचित हो चुके हैं. इनमें से 5 जनसंघ, 8 कांग्रेस और 5 भाजपा समर्थित प्रत्याशी रहे.

बता दें, 21 नवंबर 2002 से नगर निगम में नगर प्रमुख को महापौर (मेयर) का नाम दिया गया. पिछले दो दशकों में पद्म भूषण स्व. डॉ. एससी राय लगातार भाजपा से दो बार मेयर रहे. इसके बाद डॉ. दिनेश शर्मा भी दो बार महापौर रहे. अब वर्तमान में महापौर संयुक्ता भाटिया भी एक बार फिर चुनाव लड़ने का दावा कर रही हैं. उनका कहना है कि उन्होंने पिछले पांच सालों में काफी काम कराए हैं. लखनऊ की जनता के लिए बजट विकास कार्यों पर खर्च किया गया है. उनके कामों के दम पर एक बार और मौका दिए जाने की बात कहती हैं. वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा की संयुक्ता भाटिया ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) की मीरा वर्धन को लगभग 1 लाख 31 हजार से अधिक मतों से हराया था. संयुक्ता भाटिया को अकेले ही 42% वोट मिले थे. अगर कुल वोटों की बात करें तो संयुक्ता भाटिया को 3 लाख 77 हजार के आसपास वोट मिले थे. इसके अलावा बसपा से बुलबुल गोडियाल व कांग्रेस से प्रेमा अवस्थी ने चुनाव लड़ा था.


वार्डों के आरक्षण में कोई बदलाव नहीं, 50 सामान्य, 35 सीटें महिला आरक्षित

नगर निगम चुनाव में मेयर व चेयरमैन के आरक्षण में बदलाव किया गया है, लेकिन वार्डों के आरक्षण में कोई फेरबदल नहीं किया गया है. नगर निगम के 110 वार्डों को लेकर जो आरक्षण बीते साल प्रस्तावित हुआ था, उसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. नगर विकास विभाग ने अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की सूची जारी कर दी है. लखनऊ नगर निगम के कुल 110 वार्डों में से 50 सामान्य सीटें हैं, जबकि एक तिहाई वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हैं. शासन की ओर से जारी की गई आरक्षण सूची पर आपत्तियां दर्ज कराने के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है. लखनऊ नगर निगम में अटल बिहारी बाजपेई, कल्याण सिंह, लालजी टंडन जैसे बड़े भाजपा नेताओं के नाम से भी वार्ड बनाए गए हैं. यह सभी वार्ड अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षति किए गए हैं. इनमें से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से नया वार्ड बनाया गया है. सूची जारी होने के बाद अगले एक सप्ताह में आपत्तियां का निस्तारण किया जाएगा. उसके बाद कुछ सुधार हुआ तो ठीक नहीं तो इसे ही फाइनल सूची में तब्दील कर दिया जाएगा.


महिला आरक्षित वार्ड : राजा बिजली पासी प्रथम, खरिका द्वितीय, जानकीपुरम प्रथम, आलमनगर, इंदिरा प्रियदर्शनी, रामजी लाल सरदार पटेल नगर, शंकरपुर द्वितीय, इस्माइलगंज द्वितीय, फैजुल्लागंज द्वितीय, गुरु गोविंद सिंह, फैजुल्लागंज प्रथम, गीतापल्ली, विद्यावती तृतीय, रफी अहमद किदवई, विद्यावती प्रथम, फैजुल्लागंज तृतीय, राजाजी पुरम, इंदिरानगर, न्यू हैदरगंज प्रथम, विवेकानंदपुरी, शंकरपुरवा प्रथम, हुसैनाबाद, दौलतगंज, गढ़ी पीर खां, भवानीगंज.

पिछड़ा वर्ग : शारदा नगर द्वितीय, इब्राहिमपुर द्वितीय, इब्राहिमपुर प्रथम, न्यू हैदरगंज तृतीय, सआदतगंज, डालीगंज निरालानगर, कन्हैया माधवपुर प्रथम, महानगर, बाबू बनारसी दास, मनकामेश्वर मंदिर, भारतेंदु हरिश्चंद्र, मौलवीगंज, आचार्य नरेंद्रदेव, मशकगंज-वजीरगंज.


अनुसूचित जाति महिला : श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई, लालजी टंडन, अंबेडकरनगर, मा. कल्याण सिंह, शहीद भगत सिंह द्वतीय.
पिछड़ा वर्ग महिला : राजा बिजली पासी द्वितीय, सरोजनीनगर प्रथम, शहीद भगत सिंह प्रथम, बालागंज प्रथम, कुंवर ज्योति प्रसाद, जानकीपुरम द्वितीय, अंबरगंज.
अनुसूचित जाति : खरगापुर सरसवां, भरवारा मल्हौर, फैजुल्लागंज चतुर्थ, विक्रमादित्य महात्मा गांधी, सरोजनी नगर द्वितीय, शारदा नगर प्रथम, जानकीपुरम तृतीय, गुरुनानकनगर, बाबू कुंज बिहारी ओम नगर.
महिलाओं के लिए आरक्षण, कुल सीटें - 35
सामान्य महिला - 29, 31 , 32, 40, 41, 42, 43, 44, 45, 48, 54, 60, 62, 64, 73, 79, 80, 83, 91, 92, 93, 94, 97, 108 कुल सीटें - 24.
ओबीसी महिला - 5, 13, 27, 46, 74, 101 कुल ओबीसी - 6.
एससी महिला - 1, 7, 8, 9, 10 और 11 कुल - 5.


यह भी पढ़ें : यूपी निकाय चुनाव : आरक्षण की अनंतिम सूची जारी, पार्षदों के लिए कोई बदलाव नहीं, लखनऊ को महिला सीट

लखनऊ : यूपी में निकाय चुनाव का बिगुल जल्द बजने वाला है। गुरुवार शाम को नगर निगम में महापौर, नगर पालिका और नगर पंचायत के लिए चेयरमैनों की आरक्षण सूची जारी कर दी गई है. 17 निगम निगम में छह बड़े शहरों पर महिलाएं महापौर का चुनाव लड़ेंगी. पांच दिसंबर 2022 को घोषित की गई सूची में भी महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित की गई थीं, लेकिन इस बार नगर निगम बदल गए हैं. वर्ष 2017 के चुनाव में लखनऊ, कानपुर व गाजियाबाद की सीटें महिला के लिए आरक्षित थीं. इस बार भी इन सीटों पर महिला महापौर चुनी जाएंगी. लखनऊ नगर निकाय के 100 साल के इतिहास में पहली बार वर्ष 2017 में संयुक्ता भाटिया ने जीत दर्ज की थी. हालांकि पांच दिसंबर 2022 को जारी की गई अधिसूचना में उक्त तीनों सीटें अनारक्षित श्रेणी में घोषित की गई थीं. आयोग के गठन के बाद मेयर पद की सीटों में फेरबदल कर दिया गया है.


पिछली बार मेयर के लिए महिला सीट आरक्षित होने पर करीब सौ साल बाद लखनऊ नगर निगम को महिला महापौर मिली थीं. भाजपा से संयुक्ता भाटिया ने जीत दर्ज कर इतिहास में नाम दर्ज कराया था. वर्ष 1960 से नगर निगम के गठन के बाद से वर्ष 2017 तक लगातार मेयर के पद पर पुरुषों का ही दबदबा रहा. पांच दिसंबर को घोषित सूची में लखनऊ नगर निगम मेयर पद की सीट अनारक्षित होने से कई चेहरे नजर आने लगे थे. कई प्रमुख दलों के साथ ही छोटे दलों व संगठनों की ओर से पुरुष प्रत्याशियों ने प्रचार भी शुरू कर दिया था, लेकिन बदली आरक्षण सूची से पुरुष उम्मीदवारों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. भाजपा से ही कई महिला और पुरुषों ने दावेदारी पेश करने की कवायद शुरू कर दी थी. इनमें चिकित्सक, शिक्षक, व्यापारी व रिटायर्ड कर्मचारी भी बडे नेताओं के दरबार में दस्तक देने लगे थे.


वर्ष 1916 में यूपी नगर पालिका अधिनियम एक्ट बनाया गया था और 1917 में पहले भारतीय महापौर चुने गए थे. लखनऊ में नगर निगम क्षेत्र का गठन 1960 में हुआ थ.। जनसंघ विचारधारा से जुड़े राज कुमार श्रीवास्तव 1 फरवरी 1960 को लखनऊ के पहले नगर प्रमुख बने थे. इसके बाद 57 साल के इतिहास में वर्ष 2017 तक 18 नगर प्रमुख और महापौर निर्वाचित हो चुके हैं. इनमें से 5 जनसंघ, 8 कांग्रेस और 5 भाजपा समर्थित प्रत्याशी रहे.

बता दें, 21 नवंबर 2002 से नगर निगम में नगर प्रमुख को महापौर (मेयर) का नाम दिया गया. पिछले दो दशकों में पद्म भूषण स्व. डॉ. एससी राय लगातार भाजपा से दो बार मेयर रहे. इसके बाद डॉ. दिनेश शर्मा भी दो बार महापौर रहे. अब वर्तमान में महापौर संयुक्ता भाटिया भी एक बार फिर चुनाव लड़ने का दावा कर रही हैं. उनका कहना है कि उन्होंने पिछले पांच सालों में काफी काम कराए हैं. लखनऊ की जनता के लिए बजट विकास कार्यों पर खर्च किया गया है. उनके कामों के दम पर एक बार और मौका दिए जाने की बात कहती हैं. वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा की संयुक्ता भाटिया ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) की मीरा वर्धन को लगभग 1 लाख 31 हजार से अधिक मतों से हराया था. संयुक्ता भाटिया को अकेले ही 42% वोट मिले थे. अगर कुल वोटों की बात करें तो संयुक्ता भाटिया को 3 लाख 77 हजार के आसपास वोट मिले थे. इसके अलावा बसपा से बुलबुल गोडियाल व कांग्रेस से प्रेमा अवस्थी ने चुनाव लड़ा था.


वार्डों के आरक्षण में कोई बदलाव नहीं, 50 सामान्य, 35 सीटें महिला आरक्षित

नगर निगम चुनाव में मेयर व चेयरमैन के आरक्षण में बदलाव किया गया है, लेकिन वार्डों के आरक्षण में कोई फेरबदल नहीं किया गया है. नगर निगम के 110 वार्डों को लेकर जो आरक्षण बीते साल प्रस्तावित हुआ था, उसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. नगर विकास विभाग ने अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की सूची जारी कर दी है. लखनऊ नगर निगम के कुल 110 वार्डों में से 50 सामान्य सीटें हैं, जबकि एक तिहाई वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हैं. शासन की ओर से जारी की गई आरक्षण सूची पर आपत्तियां दर्ज कराने के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है. लखनऊ नगर निगम में अटल बिहारी बाजपेई, कल्याण सिंह, लालजी टंडन जैसे बड़े भाजपा नेताओं के नाम से भी वार्ड बनाए गए हैं. यह सभी वार्ड अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षति किए गए हैं. इनमें से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से नया वार्ड बनाया गया है. सूची जारी होने के बाद अगले एक सप्ताह में आपत्तियां का निस्तारण किया जाएगा. उसके बाद कुछ सुधार हुआ तो ठीक नहीं तो इसे ही फाइनल सूची में तब्दील कर दिया जाएगा.


महिला आरक्षित वार्ड : राजा बिजली पासी प्रथम, खरिका द्वितीय, जानकीपुरम प्रथम, आलमनगर, इंदिरा प्रियदर्शनी, रामजी लाल सरदार पटेल नगर, शंकरपुर द्वितीय, इस्माइलगंज द्वितीय, फैजुल्लागंज द्वितीय, गुरु गोविंद सिंह, फैजुल्लागंज प्रथम, गीतापल्ली, विद्यावती तृतीय, रफी अहमद किदवई, विद्यावती प्रथम, फैजुल्लागंज तृतीय, राजाजी पुरम, इंदिरानगर, न्यू हैदरगंज प्रथम, विवेकानंदपुरी, शंकरपुरवा प्रथम, हुसैनाबाद, दौलतगंज, गढ़ी पीर खां, भवानीगंज.

पिछड़ा वर्ग : शारदा नगर द्वितीय, इब्राहिमपुर द्वितीय, इब्राहिमपुर प्रथम, न्यू हैदरगंज तृतीय, सआदतगंज, डालीगंज निरालानगर, कन्हैया माधवपुर प्रथम, महानगर, बाबू बनारसी दास, मनकामेश्वर मंदिर, भारतेंदु हरिश्चंद्र, मौलवीगंज, आचार्य नरेंद्रदेव, मशकगंज-वजीरगंज.


अनुसूचित जाति महिला : श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई, लालजी टंडन, अंबेडकरनगर, मा. कल्याण सिंह, शहीद भगत सिंह द्वतीय.
पिछड़ा वर्ग महिला : राजा बिजली पासी द्वितीय, सरोजनीनगर प्रथम, शहीद भगत सिंह प्रथम, बालागंज प्रथम, कुंवर ज्योति प्रसाद, जानकीपुरम द्वितीय, अंबरगंज.
अनुसूचित जाति : खरगापुर सरसवां, भरवारा मल्हौर, फैजुल्लागंज चतुर्थ, विक्रमादित्य महात्मा गांधी, सरोजनी नगर द्वितीय, शारदा नगर प्रथम, जानकीपुरम तृतीय, गुरुनानकनगर, बाबू कुंज बिहारी ओम नगर.
महिलाओं के लिए आरक्षण, कुल सीटें - 35
सामान्य महिला - 29, 31 , 32, 40, 41, 42, 43, 44, 45, 48, 54, 60, 62, 64, 73, 79, 80, 83, 91, 92, 93, 94, 97, 108 कुल सीटें - 24.
ओबीसी महिला - 5, 13, 27, 46, 74, 101 कुल ओबीसी - 6.
एससी महिला - 1, 7, 8, 9, 10 और 11 कुल - 5.


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