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मेरठ की बेटियों जेवलिन थ्रोअर अन्नू रानी और धावक प्रीति पाल को मिला अर्जुन अवार्ड, मेहनत से पाया मुकाम - MEERUT NEWS

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने किया सम्मानित, दोनों के परिवार में खुशी का माहौल

अन्नू रानी और प्रीति पाल को मिला अर्जुन अवार्ड.
अन्नू रानी और प्रीति पाल को मिला अर्जुन अवार्ड. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 17, 2025, 6:52 PM IST

मेरठ: वेस्ट यूपी के लिए आज शुक्रवार का दिन बेहद ही खास है. यहां की दो बेटियों को देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया है. मेरठ के बहादुरपुर गांव की किसान की बेटी अन्नू रानी और पैरा गेम्स में देश का मान बढ़ाने वाली मेरठ के गंगानगर की प्रीति पाल को अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया है. बेटियों की इस उपलब्धि पर दोनों ही परिवारों में ख़ुशी का माहौल है.

बता दें कि बीते साल पेरिस पैरालंपिक में धावक प्रीति पाल ने देश का नाम विश्वपटल पर ला दिया था. उन्होंने महिलाओं की 200 मीटर टी 35 में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया था. पैरालंपिक और ओलंपिक, दोनों आयोजनों में ट्रैक एंड फील्ड में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट प्रीतिपाल के परिवार का कहना है कि आज का दिन बेहद ही ख़ास है.

बता दें कि प्रीति पाल मूल रूप से पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर के हाशिमपुर गांव की रहने वाली हैं. गांव में ही माता-पिता रहते हैं, उनके पिता गांव में दूध की डेयरी चलाते हैं. माता-पिता ने प्रीति और उनके भाई-बहन को मेरठ में दादा-दादी के पास रखकर पढ़ाया. प्रीति ने अपनी तमाम परेशानियों को दरकिनार कर खूब मेहनत की. मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में सन 2018 में प्रेक्टिस शुरु की और अपनी मेहनत के बल पर अपनी खुद ही पहचान बनाई.

ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत में प्रीति ने सम्मान के लिए सरकार का आभार जताया. कहा कि अब उम्मीद है कि उन्हें शीघ्र ही नौकरी भी मिल जाएगी. प्रीति पाल ने कहा कि वह इस बार अपने मेडल का रंग बदलकर रहेंगी. प्रीति पाल के दादाजी ऋषिपाल सिंह ने कहा वह आज बेहद खुश हैं, बेटियों पर भरोसा करना चाहिए. उन्हें अवसर मिलेंगे तो वह नाम रोशन करती ही हैं.

वहीं बहादुरपुर गांव की बेटी अन्नू रानी के परिवार में भी खुशी का माहौल है. उनके भाई उपेंद्र चौधरी ने बताया कि माता, पिताजी और वह खुद राष्ट्रपति भवन गए और बहन को अर्जुन अवार्ड मिलने की खुशी पूरे क्षेत्र को है. अन्नू रानी को अर्जुन अवार्ड मिलने के बाद उनके गांव में लोग परिवार को बधाई देने पहुंच रहे हैं. परिवार में खुशी का माहौल है. अन्नू के भाई ने बताया कि वह कल घर आएंगी. वे गांव के लोगों के साथ मिलकर बहन के स्वागत की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है उनकी बहन आगे भी देश के लिए मेडल लाएगी.

गौरतलब है कि एक वक्त था जब अन्नू रानी के पास पर्याप्त संसाधन तक भी नहीं होते थे, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. सिमित संसाधनों में खेत में गन्ना फेंककर प्रेक्टिस की शुरुआत करने वाली अन्नू ने एक के बाद एक कई कीर्तिमान अब तक बनाए हैं, जिसके लिए राष्ट्रपति ने आज उन्हें अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया है.
बता दें कि 3 अक्टूबर 2023 को चाइना में हुए 19वें एशियन गेम्स में भाला फेंक प्रतियोगिता में अन्नू ने 62.92 मीटर भाला फेंककर सभी को चौंका दिया था और भारत को गोल्ड दिलाया था. गौर करने वाली बात यह है कि ऐसा अवसर देश को 72 साल बाद मिला था. उससे पहले कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीता था.

यह भी पढ़ें : 22 रुपए किलो बेचिए अपनी 15 साल पुरानी कार, नई की खरीद और रजिस्ट्रेशन में पाइए ये बड़ा लाभ - GORAKHPUR NEWS

मेरठ: वेस्ट यूपी के लिए आज शुक्रवार का दिन बेहद ही खास है. यहां की दो बेटियों को देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया है. मेरठ के बहादुरपुर गांव की किसान की बेटी अन्नू रानी और पैरा गेम्स में देश का मान बढ़ाने वाली मेरठ के गंगानगर की प्रीति पाल को अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया है. बेटियों की इस उपलब्धि पर दोनों ही परिवारों में ख़ुशी का माहौल है.

बता दें कि बीते साल पेरिस पैरालंपिक में धावक प्रीति पाल ने देश का नाम विश्वपटल पर ला दिया था. उन्होंने महिलाओं की 200 मीटर टी 35 में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया था. पैरालंपिक और ओलंपिक, दोनों आयोजनों में ट्रैक एंड फील्ड में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट प्रीतिपाल के परिवार का कहना है कि आज का दिन बेहद ही ख़ास है.

बता दें कि प्रीति पाल मूल रूप से पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर के हाशिमपुर गांव की रहने वाली हैं. गांव में ही माता-पिता रहते हैं, उनके पिता गांव में दूध की डेयरी चलाते हैं. माता-पिता ने प्रीति और उनके भाई-बहन को मेरठ में दादा-दादी के पास रखकर पढ़ाया. प्रीति ने अपनी तमाम परेशानियों को दरकिनार कर खूब मेहनत की. मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में सन 2018 में प्रेक्टिस शुरु की और अपनी मेहनत के बल पर अपनी खुद ही पहचान बनाई.

ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत में प्रीति ने सम्मान के लिए सरकार का आभार जताया. कहा कि अब उम्मीद है कि उन्हें शीघ्र ही नौकरी भी मिल जाएगी. प्रीति पाल ने कहा कि वह इस बार अपने मेडल का रंग बदलकर रहेंगी. प्रीति पाल के दादाजी ऋषिपाल सिंह ने कहा वह आज बेहद खुश हैं, बेटियों पर भरोसा करना चाहिए. उन्हें अवसर मिलेंगे तो वह नाम रोशन करती ही हैं.

वहीं बहादुरपुर गांव की बेटी अन्नू रानी के परिवार में भी खुशी का माहौल है. उनके भाई उपेंद्र चौधरी ने बताया कि माता, पिताजी और वह खुद राष्ट्रपति भवन गए और बहन को अर्जुन अवार्ड मिलने की खुशी पूरे क्षेत्र को है. अन्नू रानी को अर्जुन अवार्ड मिलने के बाद उनके गांव में लोग परिवार को बधाई देने पहुंच रहे हैं. परिवार में खुशी का माहौल है. अन्नू के भाई ने बताया कि वह कल घर आएंगी. वे गांव के लोगों के साथ मिलकर बहन के स्वागत की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है उनकी बहन आगे भी देश के लिए मेडल लाएगी.

गौरतलब है कि एक वक्त था जब अन्नू रानी के पास पर्याप्त संसाधन तक भी नहीं होते थे, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. सिमित संसाधनों में खेत में गन्ना फेंककर प्रेक्टिस की शुरुआत करने वाली अन्नू ने एक के बाद एक कई कीर्तिमान अब तक बनाए हैं, जिसके लिए राष्ट्रपति ने आज उन्हें अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया है.
बता दें कि 3 अक्टूबर 2023 को चाइना में हुए 19वें एशियन गेम्स में भाला फेंक प्रतियोगिता में अन्नू ने 62.92 मीटर भाला फेंककर सभी को चौंका दिया था और भारत को गोल्ड दिलाया था. गौर करने वाली बात यह है कि ऐसा अवसर देश को 72 साल बाद मिला था. उससे पहले कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीता था.

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