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एलडीए में घोटालों का आरोपी मुक्तेश्वरनाथ ओझा की मौत - lda scam case

एलडीए में घोटालों के आरोपी बर्खास्त बाबू मुक्तेश्वरनाथ ओझा की 25 नवंबर को मृत्यु हो गई. उसके परिचितों ने बताया कि हार्ट अटैक से उसकी मौत हुई है. ओझा की मौत के बाद उसके विरुद्ध एलडीए में सैकड़ों फाइलों के गायब होने व संपत्तियों में घोटालों के भी राज दफन हो गए.

मुक्तेश्वरनाथ ओझा.
मुक्तेश्वरनाथ ओझा.
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Published : Dec 3, 2020, 6:19 AM IST

लखनऊ : एलडीए में घोटालों के आरोपी बर्खास्त बाबू मुक्तेश्वरनाथ ओझा की बीते 25 नवंबर को मृत्यु हो गई है. उसके परिचितों के अनुसार गोमती नगर स्थित आवास पर हार्ट अटैक होने से उसकी मृत्यु हुई. ओझा की मौत के बाद उसके विरुद्ध एलडीए में सैकड़ों फाइलों के गायब होने व संपत्तियों में घोटालों के भी राज दफन हो गए हैं. वहीं, उसके विरूद्ध कई मामलों की विजिलेंस जांच चल रही है.

आपको बता दें कि ट्रांसपोर्ट नगर, गोमती नगर, जानकीपुरम समेत अन्य योजनाओं की करीब 50 संपत्तियों से छेड़छाड़ की जांच साइबर क्राइम कर रही है, जिसका शक मुक्तेश्वरनाथ ओझा पर भी था. मगर, उसकी मौत होने से सारे राज दफन हो गए.

बता दें कि ओझा पर कूटरचित दस्तावेजों के बल पर अपनी पत्नी के नाम भूखंड करने से लेकर कुल 10 आरोप हैं. एलडीए के तत्कालीन उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह ने ओझा को प्राधिकरण कार्यालय से गिरफ्तार करा दिया था, इसके बाद उसे अनिवार्य सेवानिवृत्त दे दी गई थी.

फर्जीवाड़ा का आरोप

  • गोमती नगर विस्तार सेक्टर-4 के प्लॉट 4/545 सी, 4/545 डी, 4/545 बी रजिस्ट्री के बाद दूसरे के नाम कर दिए.
  • विराट खंड-2 में प्लॉट 2/271 पर पत्नी रेनू के नाम समायोजन कर दिया.
  • रूचि खंड में 2/281 का आरसी गुप्ता के नाम फर्जी आवंटन
  • प्रियदर्शिनी योजना के सेक्टर बी में 31 प्लॉटों का आवंटन बैक डेट में करने का आरोप
  • जानकीपुरम में 10 प्लॉट बिना लॉटरी के बांट दिए, बाद में इन्हें एक प्लॉट बनाकर बेच दिया गया.

लखनऊ : एलडीए में घोटालों के आरोपी बर्खास्त बाबू मुक्तेश्वरनाथ ओझा की बीते 25 नवंबर को मृत्यु हो गई है. उसके परिचितों के अनुसार गोमती नगर स्थित आवास पर हार्ट अटैक होने से उसकी मृत्यु हुई. ओझा की मौत के बाद उसके विरुद्ध एलडीए में सैकड़ों फाइलों के गायब होने व संपत्तियों में घोटालों के भी राज दफन हो गए हैं. वहीं, उसके विरूद्ध कई मामलों की विजिलेंस जांच चल रही है.

आपको बता दें कि ट्रांसपोर्ट नगर, गोमती नगर, जानकीपुरम समेत अन्य योजनाओं की करीब 50 संपत्तियों से छेड़छाड़ की जांच साइबर क्राइम कर रही है, जिसका शक मुक्तेश्वरनाथ ओझा पर भी था. मगर, उसकी मौत होने से सारे राज दफन हो गए.

बता दें कि ओझा पर कूटरचित दस्तावेजों के बल पर अपनी पत्नी के नाम भूखंड करने से लेकर कुल 10 आरोप हैं. एलडीए के तत्कालीन उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह ने ओझा को प्राधिकरण कार्यालय से गिरफ्तार करा दिया था, इसके बाद उसे अनिवार्य सेवानिवृत्त दे दी गई थी.

फर्जीवाड़ा का आरोप

  • गोमती नगर विस्तार सेक्टर-4 के प्लॉट 4/545 सी, 4/545 डी, 4/545 बी रजिस्ट्री के बाद दूसरे के नाम कर दिए.
  • विराट खंड-2 में प्लॉट 2/271 पर पत्नी रेनू के नाम समायोजन कर दिया.
  • रूचि खंड में 2/281 का आरसी गुप्ता के नाम फर्जी आवंटन
  • प्रियदर्शिनी योजना के सेक्टर बी में 31 प्लॉटों का आवंटन बैक डेट में करने का आरोप
  • जानकीपुरम में 10 प्लॉट बिना लॉटरी के बांट दिए, बाद में इन्हें एक प्लॉट बनाकर बेच दिया गया.
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