लखनऊ: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मण्डल हीरालाल यादव ने बयान जारी किया है. बयान में कहा गया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित रेहड़ी पटरी वालों के लिए प्रतिमाह एक हजार की सहायता राशि बहुत ही कम है. इसे बढ़ाकर कम से कम छह हजार रुपए प्रतिमाह किया जाना चाहिए और सभी असंगठित मजदूरों को इसका लाभ दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही 10 किलो मुफ्त राशन प्रति व्यक्ति सभी जरूरतमंदों को दिया जाना चाहिए, चाहें वे राशनकार्ड धारक हों या न हों. कोरोना काल में गरीबों को जिंदा रखने के लिए कम से कम इतनी सहायता आवश्यक है.
राज्य सचिव हीरालाल यादव ने कहा कि लाशों को नदियों में बहाने या उसके किनारे दफन करने पर योगी सरकार ने रोक लगा दी है. पुलिस का पहरा बैठा दिया है. ऐसे परिवार जो कोरोना इलाज और बेरोजगारी से टूट चुके हैं उनके पास नियमानुसार दाह संस्कार के पैसे नहीं रह गये हैं. प्रदेश सरकार ने गांव सभाओं के माध्यम से 5000 रुपये की सहायता की घोषणा की है. हकीकत ये है कि अभी तक गांव प्रधान का शपथ ग्रहण ही नहीं कराया गया है, फिर यह कैसे संभव होगा? सरकार ऐसे परिवारों को दाह संस्कार के लिए कम से कम 10 हजार रुपये की सहायता उपलब्ध कराए और शीघ्रातिशीघ्र ग्राम प्रधानों का शपथ ग्रहण कराए.
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बिजली दरें बढ़ीं तो होगा कड़ा विरोध
राज्य सचिव मण्डल ने कहा है कि कोरोना महामारी से बदहाल हुई प्रदेश की जनता पर रेगुलेटरी सरचार्ज लगाकर बिजली दरों में वृद्धि की कोशिश का पार्टी कड़ा विरोध करेगी. माकपा सचिव मण्डल ने हर हालत में इसे रोके जाने की और गांवों में महामारी से मुकाबले के लिए जागरूकता के लिए सर्वदलीय समितियों का जिला व गांव स्तर पर गठन करने की बात कही है. साथ ही सभी पीएचसी अस्पतालों पर कोरोना इलाज की सुविधा देने की मांग की है.