लखनऊ : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से लखनऊ के दारुल उलूम फिरंगी महल में तीन दिवसीय दारुल कजा तरबियत कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. कॉन्फ्रेंस के आखिरी दिन गुरुवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से चल रही दारुल कजाओं को लेकर कई अहम फैसले किए गए.
26 फरवरी से लगातार तीन दिन तक चलने वाली ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के इस तरबियत कॉन्फ्रेंस के जरिए दारुल कजा को लेकर लोगों में जो गलतफहमी है, उसको दूर किया गया. इसके अलावा मुसलमानों में पति-पत्नी के बीच झगड़ों को आपसी सहमति से दारुल कजा में हल करने पर भी जोर दिया गया. लखनऊ के दारुल उलूम फिरंगी महल में चलने वाली इस कॉन्फ्रेंस में देश भर के दारुल कजा से संबंधित काजियों को इस कॉन्फ्रेंस के जरिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जिम्मेदारों ने कुरान और हदीस की अहमियत को समझाया. वहीं देश भर के कई हिस्सों से नई दारुल कजा खोलने की अर्जियों पर भी सुनवाई हुई.
मौके पर मुस्लिम धर्मगुरु और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस के जरिए दारुल कजा के सिस्टम को और मजबूत करने पर जोर दिया गया है, जिससे मुसलमानों के बीच के झगड़ों को आसानी से सुलझाया जा सके और अदालतों के बोझ को कम किया जा सके. साथ ही इस कॉन्फ्रेंस में मस्जिदों के इमामों से भी अपील की गई कि जुमे की नमाज से पहले दारुल कजा की अहमियत को भी बयान किया जाए.